जमशेदपुर: पिछले 8 सालो से देश में कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए जनसंख्या समाधान फाउंडेशन आंदोलनरत है. इस संस्था के जिलाध्यक्ष प्रेम झा और कार्यक्रम संयोजक अभय सिंह ने गुरुवार को काशीडीह में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान प्रस्तावित कार्यक्रमों की जानकारी दी. अभय सिंह ने बताया कि आगामी 13 मार्च, सायं 5 बजे ज'अखंड भारत निर्माण सभा' का आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन ठाकुर प्यारा सिंह मैदान में सुनिश्चित किया गया है. जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी विशिष्ट शिरकत करेंगे.
ये भी पढ़ें- डायन बताकर हत्या के मामले में झारखंड हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार और डीजीपी से जवाब तलब
देश पूरे विश्व के पटल पर बढ़ता जा रहा आगे
उन्होंने कहा कि हमें अंग्रेजों से 1947 में आजादी मिली, धीरे-धीरे हमारा देश पूरे विश्व के पटल पर आगे बढ़ता चला जा रहा है. हम जल, जमीन, आकाश तीनों जगह पर अपने देश का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन आज संसाधनों के दबाव और बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण और इसके फलस्वरूप इससे पैदा होने वाली समस्याओं के गुलाम बनते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर अभी बढ़ती जनसंख्या का उचित समाधान नहीं निकला तो देश में गृहयुद्ध के हालात बन जाएंगे. उन्होंने भारत माता की रक्षा और उनके स्वाभिमान के लिए शहर के सभी नागरिकों से इस मुहिम में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर अभी हम नहीं जागे तो वो दिन दूर नहीं जब भारत में पुनः विभाजन की मांग उठने लगेगी.
वहीं, संस्था के जिलाध्यक्ष प्रेम झा ने संस्था के प्रयासों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर देशभर में पिछले 8 सालो से लगातार रैलियां, पदयात्राएं, धरना-प्रदर्शन तथा ज्ञापन, जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. बढ़ती आबादी देश में कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे रही है. पूर्व में बढ़ती जनसंख्या पर राष्ट्रपति जी से संस्था और सांसदों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर कानून के मांग के समर्थन में 125 सांसदों की ओर से हस्ताक्षरित संस्था का मांग पत्र सौंपकर सरकार की ओर से कानून बनाने की प्रक्रिया आरंभ करने का अनुरोध किया है. प्रेस वार्ता के दौरान संस्था के प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र कुमार भी मौजूद थे.