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'लिटिल एंजल' के सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के तीनों दोषियों को फांसी की सजा, सुनवाई के चौथे दिन आया फैसला

दुमका में लिटिल एंजल के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में तीनों दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. यह घटना पांच फरवरी को जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में हुई थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बच्ची को का नाम लिटिल एंजल दिया. कोर्ट ने कहा कि जिस तरह की जघन्य घटना हुई है, वह रेयरेस्ट ऑफ रेयरेस्ट है.

'लिटिल एंजल' के सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के तीनों दोषियों को फांसी की सजा, सुनवाई के चौथे दिन आया फैसला
दोषी
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Published : Mar 3, 2020, 7:49 PM IST

दुमकाः उपराजधानी में लिटिल एंजल के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में तीनों दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. यह घटना जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र की है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मो. तौफीकुल हसन ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या दोनों मामले में तीनों दोषी मिट्ठू राय, अशोक राय और पंकज मोहली को फांसी की सजा सुनाई.

देखें पूरी खबर

और पढ़ें- Jharkhand Budget 2020-21: शिक्षा के क्षेत्र में बजट पर विद्यार्थियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया

यह मामला पिछले महीने 7 फरवरी को रामगढ़ थाना में दर्ज हुआ था. एक सप्ताह के अंदर तीनों आरोपी जिसमें एक बच्ची का दूर संपर्क का चाचा भी है उसकी गिरफ्तारी हुई. इस केस की सुनवाई 28 फरवरी को शुरू हुई थी. तीन दिनों में सभी 16 गवाह के बयान पुरे कर लिए गए और रिकार्ड चौथे दिन फैसला.

बचाव पक्ष के वकील ने कहा दोषियों की उम्र कम

तीनों को दोषी करार देने के बाद जब सजा के बिंदु पर बहस शुरू हुई तो बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि तीनों दोषियों की कम उम्र को देखते हुए कम सजा सुनाई जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि अगर तीनों दोषी की उम्र कम है तो आप यह भी देखेंगे जिसकी गैंगरेप कर हत्या की गई, उसकी उम्र काफी कम है. ऐसे में इनके साथ किसी भी रियायत नहीं की जा सकती. इधर सहायक लोक अभियोजक ने देश में हुए कई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इन तीनों का अपराध जघन्यतम श्रेणी में आता है, इसलिए ऐसे में इन्हें अधिकतम सजा दी जाए.

कोर्ट ने बच्ची का नाम दिया लिटिल एंजल

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बच्ची का नाम लिटिल एंजेल दिया. कोर्ट ने कहा कि लिटिल एंजेल के साथ जिस तरह की जघन्य घटना हुई है, वह रेयरेस्ट ऑफ रेयरेस्ट है. ऐसे मामले के दोषी के लिए समाज में कोई स्थान नहीं है. इस मामले में सरकार की तरफ से पैरवी सहायक लोक अभियोजक रामकिंकर पांडे कर रहे थे. वहीं बचाव पक्ष से जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से प्रतिनियुक्त अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिन्हा थे. इस मामले में सजा की खासियत यह रही कि दो मामले सामूहिक दुष्कर्म और हत्या दोनों में फांसी की सजा सुनाई गई. साथ ही सभी को पचास-पचास हजार का जुर्माना अलग से. कोर्ट ने बच्ची के परिवार वालों से भी पूछा कि वह इन दोषियों के खिलाफ किस तरह के सजा की मांग करते हैं, परिवार वालों ने कहा फांसी. इस मामले को कोर्ट ने काफी गंभीरतापूर्वक लिया और 2 मार्च को तो लगभग कोर्ट की कार्यवाही लगभग 10 बजे रात तक चली.

क्या कहा सहायक लोक अभियोजक ने

सहायक लोक अभियोजक ने सजा सुनाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह फैसला समाज के सामने एक उदाहरण बनेगा कि ऐसे जघन्य घटना का अंजाम क्या होता है.

कोर्ट में लोगों की उमड़ी भीड़

फैसले के दौरान कोर्ट में परिसर में काफी भीड़ नजर आई. जिले के एसपी वाई एस रमेश अपने एसडीपीओ और थाना प्रभारियों के साथ पूरी सनवाई देखी. बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसपी ने कहा कि यह फैसला ऐतिहासिक है. इसमें सभी पक्ष ने काफी मेहनत की है और मामला दर्ज होने के 25 दिन में ही यह केस अंजाम तक पहुंचा. इस मामले में फोरेंसिक जांच की टीम ने काफी मेहनत की. इस केस में डीएनए टेस्ट और अन्य फोरेंसिकजांच वगैरह सिर्फ तीन दिनों ने पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के सिर्फ 4 दिनों में या फैसला आया है. उन्होंने चेतावनी भी दी कि इस तरह के अपराध करने वालों का यही हश्र होगा.

क्या था पूरा मामला

दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में पिछले माह 7 फरवरी को एक व्यक्ति ने मामला दर्ज कराया कि उसकी बेटी नानी घर में रहती थी और दो दिन पहले वह रात में मेला देखने गई थी और नहीं लौटी. उसकी खोजबीन की गई तो उसका शव गांव के बाहर के गड्ढे में पाया गया. पुलिस ने शव को गड्ढे से निकलवाया. मामले की जांच की गई तो पाया कि बच्ची के साथ सामूहिक दुषकर्म हुआ है. बाद में जांच आगे बढ़ी तो यह भी सामने आया कि बच्ची का दूर संपर्क का चाचा मेला में उसके साथ था और उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया. इसमें से एक आरोपी मिट्ठू राय तो घटना को अंजाम देकर मुंबई भाग गया था लेकिन पुलिस ने मोबाईल लोकेशन के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार कर लिया. अन्य दो आरोपी की गिरफ्तारी गोड्डा जिला से हुई.

दुमकाः उपराजधानी में लिटिल एंजल के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में तीनों दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. यह घटना जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र की है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मो. तौफीकुल हसन ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या दोनों मामले में तीनों दोषी मिट्ठू राय, अशोक राय और पंकज मोहली को फांसी की सजा सुनाई.

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यह मामला पिछले महीने 7 फरवरी को रामगढ़ थाना में दर्ज हुआ था. एक सप्ताह के अंदर तीनों आरोपी जिसमें एक बच्ची का दूर संपर्क का चाचा भी है उसकी गिरफ्तारी हुई. इस केस की सुनवाई 28 फरवरी को शुरू हुई थी. तीन दिनों में सभी 16 गवाह के बयान पुरे कर लिए गए और रिकार्ड चौथे दिन फैसला.

बचाव पक्ष के वकील ने कहा दोषियों की उम्र कम

तीनों को दोषी करार देने के बाद जब सजा के बिंदु पर बहस शुरू हुई तो बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि तीनों दोषियों की कम उम्र को देखते हुए कम सजा सुनाई जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि अगर तीनों दोषी की उम्र कम है तो आप यह भी देखेंगे जिसकी गैंगरेप कर हत्या की गई, उसकी उम्र काफी कम है. ऐसे में इनके साथ किसी भी रियायत नहीं की जा सकती. इधर सहायक लोक अभियोजक ने देश में हुए कई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इन तीनों का अपराध जघन्यतम श्रेणी में आता है, इसलिए ऐसे में इन्हें अधिकतम सजा दी जाए.

कोर्ट ने बच्ची का नाम दिया लिटिल एंजल

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बच्ची का नाम लिटिल एंजेल दिया. कोर्ट ने कहा कि लिटिल एंजेल के साथ जिस तरह की जघन्य घटना हुई है, वह रेयरेस्ट ऑफ रेयरेस्ट है. ऐसे मामले के दोषी के लिए समाज में कोई स्थान नहीं है. इस मामले में सरकार की तरफ से पैरवी सहायक लोक अभियोजक रामकिंकर पांडे कर रहे थे. वहीं बचाव पक्ष से जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से प्रतिनियुक्त अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिन्हा थे. इस मामले में सजा की खासियत यह रही कि दो मामले सामूहिक दुष्कर्म और हत्या दोनों में फांसी की सजा सुनाई गई. साथ ही सभी को पचास-पचास हजार का जुर्माना अलग से. कोर्ट ने बच्ची के परिवार वालों से भी पूछा कि वह इन दोषियों के खिलाफ किस तरह के सजा की मांग करते हैं, परिवार वालों ने कहा फांसी. इस मामले को कोर्ट ने काफी गंभीरतापूर्वक लिया और 2 मार्च को तो लगभग कोर्ट की कार्यवाही लगभग 10 बजे रात तक चली.

क्या कहा सहायक लोक अभियोजक ने

सहायक लोक अभियोजक ने सजा सुनाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह फैसला समाज के सामने एक उदाहरण बनेगा कि ऐसे जघन्य घटना का अंजाम क्या होता है.

कोर्ट में लोगों की उमड़ी भीड़

फैसले के दौरान कोर्ट में परिसर में काफी भीड़ नजर आई. जिले के एसपी वाई एस रमेश अपने एसडीपीओ और थाना प्रभारियों के साथ पूरी सनवाई देखी. बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसपी ने कहा कि यह फैसला ऐतिहासिक है. इसमें सभी पक्ष ने काफी मेहनत की है और मामला दर्ज होने के 25 दिन में ही यह केस अंजाम तक पहुंचा. इस मामले में फोरेंसिक जांच की टीम ने काफी मेहनत की. इस केस में डीएनए टेस्ट और अन्य फोरेंसिकजांच वगैरह सिर्फ तीन दिनों ने पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के सिर्फ 4 दिनों में या फैसला आया है. उन्होंने चेतावनी भी दी कि इस तरह के अपराध करने वालों का यही हश्र होगा.

क्या था पूरा मामला

दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में पिछले माह 7 फरवरी को एक व्यक्ति ने मामला दर्ज कराया कि उसकी बेटी नानी घर में रहती थी और दो दिन पहले वह रात में मेला देखने गई थी और नहीं लौटी. उसकी खोजबीन की गई तो उसका शव गांव के बाहर के गड्ढे में पाया गया. पुलिस ने शव को गड्ढे से निकलवाया. मामले की जांच की गई तो पाया कि बच्ची के साथ सामूहिक दुषकर्म हुआ है. बाद में जांच आगे बढ़ी तो यह भी सामने आया कि बच्ची का दूर संपर्क का चाचा मेला में उसके साथ था और उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया. इसमें से एक आरोपी मिट्ठू राय तो घटना को अंजाम देकर मुंबई भाग गया था लेकिन पुलिस ने मोबाईल लोकेशन के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार कर लिया. अन्य दो आरोपी की गिरफ्तारी गोड्डा जिला से हुई.

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