दुमका: हजारीबाग से एक 15 वर्षीय किशोरी अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने दुमका पहुंच गई. वह स्टेशन पर अपने फेसबुक फ्रेंड को इधर-उधर ढूंढ रही थी. इसी दौरान आरपीएफ की नजर उसपर पड़ गई और किशोरी को भटकने से बचा लिया गया. आरपीएफ की सजगता से बच्ची को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है.
इंटरसिटी एक्सप्रेस से दुमका पहुंची थी किशोरीः जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह इंटरसिटी ट्रेन से किशोरी दुमका रेलवे स्टेशन पहुंची थी. वह स्टेशन पर घंटों अपने फेसबुक फ्रेंड का इंतजार करती रही, लेकिन वह नहीं आया. यह तो संयोग था कि स्टेशन पर तैनात आरपीएफ की नजर उस पर पड़ गई और जवान ने भांप लिया कि कोई विशेष बात जरूर है. किशोरी को अकेला बैठा देखकर आरपीएफ ने उससे पूछताछ की. जिसमें पता चला कि किशोरी घरवालों को बिना बताए आयी है. जिसके बाद आरपीएफ ने किशोरी को अपनी अभिरक्षा में ले लिया. कुछ देर बाद किशोरी को चाइल्ड लाइन दुमका को सौंप दिया. मंगलवार की रात किशोरी को समिति ने बालिका गृह में आवासित कर दिया.
बाल कल्याण समिति ने की पहलः बुधवार को चाइल्डलाइन दुमका की टीम मेंबर शांतिलता हेंब्रम ने किशोरी को बाल कल्याण समिति (चाईल्ड वेलफेयर कमेटी ) के समक्ष प्रस्तुत किया. इधर, लड़की के द्वारा प्राप्त जानकारी के बाद उसके घरवालों को सूचना दे दी गई थी. हजारीबाग से पहुंचे उसके चाचा भी समिति के समक्ष उपस्थित हुए. चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवाई की.
किशोरी के पिता की हो चुकी है मृत्युः किशोरी ने अपने बयान में बताया कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और मां ने दूसरी शादी कर ली है. इस कारण वह अपने चाचा के घर में रहती है. उसने मैट्रिक तक पढ़ाई की है. वह 20 फरवरी को घर से 500 रुपए लेकर निकली थी. वह बस से रांची और फिर इंटरसिटी ट्रेन से दुमका पहुंच गई. जहां उसे अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलना था, जो दो माह से उसके संपर्क में था. लेकिन उसका दोस्त दुमका रेलवे स्टेशन पर नहीं मिला. किशोरी अपने फेसबुक फेंड से शादी करना चाहती थी, पर सहेली के मोबाइल पर कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात होने के बावजूद वह लड़का उससे मिलने नहीं आया. वह उसके घर का पता भी नहीं जानती थी.
समिति के समक्ष किशोरी ने कहा-घर जाना है मुझेः बाल कल्याण समिति के सामने उक्त किशोरी ने कहा कि वह अपने चाचा के साथ घर वापस जाना चाहती है. उसने विश्वास दिलाया कि वह दोबारा घर से नहीं भागेगी और 18 वर्ष होने के बाद ही शादी करेगी. समिति के पदाधिकारियों ने समझा-बुझाकर किशोरी को उसके चाचा के साथ भेज दिया.
चाचा को भी समिति ने दी जरूरी हिदायतः सीसीएल में काम करनेवाले उसके चाचा ने अपने बयान में बताया कि 21 फरवरी की सुबह उन्हें भतीजी के गायब होने के बारे में पता चला. खोजबीन की तो मालूम हुआ कि वह दुमका में मिली है. वह रात में ही गाड़ी पकड़ कर दुमका के लिए रवाना हो गई थी. उन्होंने समिति को विश्वास दिलाया कि वह भतीजी को अपने साथ ले जाएंगे और उसे अच्छी तरह से रखेंगे. साथ ही उसका नामांकन इंटरमीडिएट में करवा देंगे.
हजारीबाग सीडब्ल्यूसी के समक्ष सात दिनों के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देशः समिति ने किशोरी को उसके चाचा को सौंपते हुए हजारीबाग के बाल कल्याण समिति के समक्ष सात दिनों के अंदर किशोरी को प्रस्तुत करने का आदेश पारित किया. साथ ही किशोरी को उसके घर भेज दिया. इस तरह आरपीएफ की सूझबूझ और बाल कल्याण समिति के पहल से एक किशोरी भटकने से बच गई.