दुमका : सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के 33वें स्थापना दिवस समारोह में निमंत्रण नहीं मिलने पर आदिवासी कल्याण छात्रावास के छात्र नेताओं ने जमकर हंगामा किया. जिसके चलते कार्यक्रम को बीच में ही खत्म करना पड़ा. इससे सबसे ज्यादा निराशा उन छात्रों को हुई जो दूसरे जिलों से विश्वविद्यालय परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम करने आये थे. हंगामे के कारण उनका कार्यक्रम नहीं हो सका.
क्या है पूरा मामला?: सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका में बुधवार को 33वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिमल प्रसाद सिंह समेत सभी पदाधिकारी व शिक्षक मौजूद थे. जबकि मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड स्टेट ओपन विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति डॉ त्रिवेणी नाथ साहू को आमंत्रित किया गया था.
कार्यक्रम चल रहा था और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिमल प्रसाद सिंह संबोधित कर रहे थे. इसी बीच अचानक बड़ी संख्या में आदिवासी कल्याण छात्रावास में रहने वाले छात्र वहां पहुंच गये और यह कहते हुए वे हंगामा करने लगे कि हमें इस समारोह में क्यों नहीं बुलाया गया. दर्जनों छात्रों ने काफी देर तक हंगामा किया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों द्वारा कुलपति को गुमराह किया जा रहा है और उन्हें छात्रों के साथ बेहतर संबंध स्थापित नहीं करने दिया जा रहा है. छात्र काफी नाराज दिखे. वे किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे. ये हंगामा काफी देर तक चलता रहा.
कुलपति बिमल प्रसाद सिंह उन्हें समझाते रहे लेकिन छात्रों का हंगामा जारी रहा. बात यहां तक पहुंच गई कि मुख्य अतिथि के रूप में आए झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी, रांची के कुलपति डॉ. त्रिवेणी नाथ साहू ने भी नाराज छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र अड़े रहे. कार्यक्रम स्थल पर ही वे उन अधिकारियों की पहचान करने की मांग कर रहे थे, जिन्होंने निमंत्रण नहीं भेजा. आखिरकार वे इस बात पर शांत हुए कि कार्यक्रम के बाद उनकी बातें सुनी जाएंगी और उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया और इसमें किसकी भूमिका थी, सब साफ हो जाएगा.
कुलपति ने कहा-गलती हो गयी है: हंगामे से पहले कुलपति डॉ. बिमल प्रसाद सिंह ने विश्वविद्यालय के इतिहास और अब तक की उपलब्धियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैसे यह विश्वविद्यालय खुला और व्यवस्थित तरीके से विकास की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसमें और भी सुधार होगा. इसकी सफलता में विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों एवं कर्मचारियों का विशेष योगदान है. इसी बीच छात्र हंगामा करने लगे और पूछने लगे कि उन्हें निमंत्रण क्यों नहीं मिला. हंगामे को शांत करने के लिए कुलपति ने माना कि इस मामले में यूनिवर्सिटी से गलती हुई है, ऐसा नहीं होना चाहिए था.