दुमकाः संथाल परगना प्रमंडल समेत पूरे झारखंड के प्रसिद्ध राजकीय जनजाति हिजला मेला महोत्सव का शुक्रवार को धूमधाम से समापन हो गया. आठ दिन चले इस मेले के समापन समारोह में पद्मश्री लोक कलाकार मुकुंद नायक ने समां बांध दिया. मुकुंद नायक और उनकी टीम ने अपने गीत-संगीत और नृत्य से लोगों को काफी आनंदित किया.
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मंच पर ही झूमने लगे जिले के उपायुक्त, अधिकारी और जनप्रतिनिधिः समापन समारोह हिजला मेला परिसर के मुख्य मंच पर आयोजित किया गया. मुकुंद नायक और उनकी टीम के द्वारा आकर्षक गीत नृत्य प्रस्तुत किए गए. मौके पर मौजूद हजारों लोगों ने इसका खूब आनंद उठाया. मुकुंद नायक ने अपने शानदार गीत और वाद्य यंत्रों का इस तरह सुर छेड़ा कि मंच पर मौजूद जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला समेत तमाम अधिकारी और जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा समेत सभी जनप्रतिनिधि झूमने लगे. कुल मिलाकर वर्ष 2023 का हिजला मेला महोत्सव एक खुशनुमा माहौल में संपन्न हुआ.
133 वां साल था इस हिजला मेले काः हम आपको बता दें कि संथाल परगना का यह राजकीय जनजाति हिजला मेला महोत्सव वर्ष 1890 से आयोजित होता आ रहा है. इस मेले का उद्देश्य लोगों को एकजुट कर सामानों के लेन - देन के साथ-साथ विचारों का भी आदान प्रदान करना. 2023 के आयोजन की बात करें तो 24 फरवरी से 3 मार्च 2023 तक यह आयोजित हुआ.
समापन समारोह में सर्वप्रथम अतिथियों को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें अलग अलग प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया. इसके बाद सरायकेला से आए कलाकारों ने पायका नृत्य प्रस्तुत किया. साथ ही झारखंड सहित दूसरे राज्यों के लोक कलाकारों ने गीत प्रस्तुत किये. कार्यक्रम में संथाल समाज के प्रसिद्ध भाषाविदों और कलाकारों को सम्मानित किया गया.
स्मारिका का हुआ विमोचनः इस दौरान सूचना जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित हिजला मेला की स्मारिका का विमोचन उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया. राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव 2023 में घड़ा उतार प्रतियोगिता में चांदो पानी मुरू टोला की टीम ने घड़ा उतारकर प्रथम पुरस्कार हासिल किया. इस दौरान घड़ा उतार प्रतियोगिता में भाग लिए सभी प्रतिभागियों का जिला प्रशासन द्वारा हौसला बढ़ाया गया.
उपायुक्त के साथ मुकुंद नायक ने जतायी आशाः समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिले के उपायुक्त ने कहा कि सभी के सहयोग से ही इस मेले का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा सका है. सभी का यह कर्तव्य है कि अपनी सभ्यता संस्कृति को आगे बढ़ाने में अपना शत प्रतिशत योगदान दे. साथ ही साथ पर्यावरण के प्रति भी सचेत रहे. इधर मुकुंद नायक ने कहा कि हिजला मेला के समापन में आकर काफी खुशी महसूस हो रही है. सभी ने यह आशा जताई कि आने वाले वर्षों में यह मेला ज्यादा से ज्यादा समृद्ध होगा.