दुमकाः जिला का प्रसिद्ध मंदिरों के गांव मलूटी में काली पूजा के अवसर पर मां मौलिक्षा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती (worship at Maluti on occasion of Kali Puja) है. इस पूजा में भाग लेने के लिए समस्त मलूटी और आसपास ग्राम के लोग चाहे वो भारत के किसी भी कोने में रहते हों, वो निश्चित तौर पर मलूटी आते हैं. इस विशेष पूजा में शामिल होने के लिए संथाल परगना डीआईजी सरपरिवार पहुंचकर पूजा की.
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मां मौलिक्षा सहित 8 जगहों पर होती है मां काली की पूजाः ऐसा कहा जाता है कि यहां के जो राजा थे जब वो पहली बार मलूटी आए थे तो अपने साथ मां काली की प्रतिमा साथ लिए थे. जिसे उन्होंने यहां स्थापित किया था, धीरे-धीरे वक्त बीता और परिवार बढ़ा. अब यहां मां काली की आठ स्थानों पर पूजा होती है. इसका विशेष आकर्षण रात में होता है. इन सभी आठ जगह मां काली की पूजा अर्चना के बाद पूरे गांव के लोग एकजुट होकर एक ही स्थान पर आतिशबाजी करते हैं. मां मौलिक्षा मंदिर में पूजा कर रहीं कोलकाता से आई एक भक्त ने कहा कि हम लोग मूल रूप से मलूटी गांव के रहने वाले हैं और प्रतिवर्ष काली पूजा के अवसर पर यहां आते हैं. उनका कहना है कि मां काली की वजह से आज हम यहां खड़े हैं और जो भी हैं उन्हीं की कृपा है. उन्होंने कहा कि मां मौलिक्षा मां तारा की बड़ी दीदी है और हमारी उन पर काफी आस्था है.
संथाल परगना डीआईजी पहुंचे मलूटीः मलूटी में काली पूजा पर होने वाली विशेष पूजा के महत्व की चर्चा सुनकर संथाल परगना डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल सपरिवार यहां पहुंचे. यहां उन्होंने मां मौलिक्षा मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना की. उन्होंने बताया कि दीपावली के दिन मां मौलिक्षा के पूजा का विशेष धार्मिक महत्व है. साथ ही साथ उन्होंने जानकारी दी कि पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए दुमका के आयुक्त के साथ मिलकर मलूटी में पुलिस की ओपी (आउट पोस्ट) खुले इसके लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा है. वैसे यह क्षेत्र वर्तमान में शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में आता है.