दुमकाः 24 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव संपन्न करवा कर दो बुथों से ईवीएम लेकर लौट रहे मतदानकर्मियों के बस को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया था. इस घटना में पांच पुलिस और तीन मतदानकर्मियों की हत्या (Murdered of poll workers in Dumka) कर दी गई थी. पुलिस ने इस हमले में पांच नक्सलियों को आरोपी बनाया था, जिसे दुमका सिविल कोर्ट के प्रथम अपर जिला जज रमेश चंद्रा ने छह आरोपियों प्रवीर दा, सुखलाल मुर्मू, बुद्धिनाथ मुर्मू, सोम मुर्मू, ताला कुड़ी और बाबूलाल बास्की को साक्ष्य के आभाव में रिहा कर दिया है.
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बता दें कि रिहा हुए हार्डकोर नक्सली प्रवीर दा को पाकुड़ के पूर्व एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या मामले में फांसी की सजा हुई है, जबकि एक अन्य नक्सली मामले में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. शिकारीपाडा थाने के तत्कालीन थानेदार सुमन कुमार सुमन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 326, 307, 353, 302, 379, 427, 121, आर्म्स एक्ट की धारा 27, विष्फोटक पदार्थ अधिनियिम की धारा 3/4, 17 सीएलए एक्ट के अलावे यूपीए एक्ट की धारा 10 और 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
बता दें कि नक्सलियों ने 24 अप्रैल 2014 की शाम में शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पलासी और सरसाजोल के बीच पीसीसी पथ पर बारूदी सुरंग विस्फोट कर मतदानकर्मियों के मिनी बस को उड़ा दिया, जिसपर तीन मतदानकर्मी सवार थे. इसके साथ ही बस के आगे चल रही गाड़ी पर 5 पुलिसकर्मी सवार थे. दोनों गाड़ियों पर सवार आठ कर्मियों की मौत हो गई थी. इस घटना में नक्सलियों ने 5 इंसास रायफल, 550 कारतूस, 25 मैगजीन लूट लिया था.