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दुमका में साक्ष्य के अभाव में नक्सली हमले के छह आरोपी बरी, बस उड़ाकर पांच पुलिस और तीन मतदान कर्मियों की कर दी गई थी हत्या

दुमका सिविल कोर्ट ने नक्सली हमले के छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है. 2014 लोकसभा चुनाव संपन्न करवा कर लौट रहे पुलिस और मतदानकर्मियों की गाड़ियां विस्फोक से उड़ा दिया था, जिसमें आठ कर्मियों की मौत (murdered of poll workers in Dumka) हो गई थी.

Dumka Civil Court
दुमका में साक्ष्य के अभाव में नक्सली हमले के छह आरोपी बरी
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Published : Dec 23, 2022, 7:33 AM IST

दुमकाः 24 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव संपन्न करवा कर दो बुथों से ईवीएम लेकर लौट रहे मतदानकर्मियों के बस को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया था. इस घटना में पांच पुलिस और तीन मतदानकर्मियों की हत्या (Murdered of poll workers in Dumka) कर दी गई थी. पुलिस ने इस हमले में पांच नक्सलियों को आरोपी बनाया था, जिसे दुमका सिविल कोर्ट के प्रथम अपर जिला जज रमेश चंद्रा ने छह आरोपियों प्रवीर दा, सुखलाल मुर्मू, बुद्धिनाथ मुर्मू, सोम मुर्मू, ताला कुड़ी और बाबूलाल बास्की को साक्ष्य के आभाव में रिहा कर दिया है.

यह भी पढ़ेंः आजीवन कारावास की सजा काट रहे नक्सली मनोज देहरी की मौत, 26 अप्रैल 2008 से जेल में था बंद

बता दें कि रिहा हुए हार्डकोर नक्सली प्रवीर दा को पाकुड़ के पूर्व एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या मामले में फांसी की सजा हुई है, जबकि एक अन्य नक्सली मामले में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. शिकारीपाडा थाने के तत्कालीन थानेदार सुमन कुमार सुमन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 326, 307, 353, 302, 379, 427, 121, आर्म्स एक्ट की धारा 27, विष्फोटक पदार्थ अधिनियिम की धारा 3/4, 17 सीएलए एक्ट के अलावे यूपीए एक्ट की धारा 10 और 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

बता दें कि नक्सलियों ने 24 अप्रैल 2014 की शाम में शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पलासी और सरसाजोल के बीच पीसीसी पथ पर बारूदी सुरंग विस्फोट कर मतदानकर्मियों के मिनी बस को उड़ा दिया, जिसपर तीन मतदानकर्मी सवार थे. इसके साथ ही बस के आगे चल रही गाड़ी पर 5 पुलिसकर्मी सवार थे. दोनों गाड़ियों पर सवार आठ कर्मियों की मौत हो गई थी. इस घटना में नक्सलियों ने 5 इंसास रायफल, 550 कारतूस, 25 मैगजीन लूट लिया था.

दुमकाः 24 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव संपन्न करवा कर दो बुथों से ईवीएम लेकर लौट रहे मतदानकर्मियों के बस को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया था. इस घटना में पांच पुलिस और तीन मतदानकर्मियों की हत्या (Murdered of poll workers in Dumka) कर दी गई थी. पुलिस ने इस हमले में पांच नक्सलियों को आरोपी बनाया था, जिसे दुमका सिविल कोर्ट के प्रथम अपर जिला जज रमेश चंद्रा ने छह आरोपियों प्रवीर दा, सुखलाल मुर्मू, बुद्धिनाथ मुर्मू, सोम मुर्मू, ताला कुड़ी और बाबूलाल बास्की को साक्ष्य के आभाव में रिहा कर दिया है.

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बता दें कि रिहा हुए हार्डकोर नक्सली प्रवीर दा को पाकुड़ के पूर्व एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या मामले में फांसी की सजा हुई है, जबकि एक अन्य नक्सली मामले में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. शिकारीपाडा थाने के तत्कालीन थानेदार सुमन कुमार सुमन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 326, 307, 353, 302, 379, 427, 121, आर्म्स एक्ट की धारा 27, विष्फोटक पदार्थ अधिनियिम की धारा 3/4, 17 सीएलए एक्ट के अलावे यूपीए एक्ट की धारा 10 और 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

बता दें कि नक्सलियों ने 24 अप्रैल 2014 की शाम में शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पलासी और सरसाजोल के बीच पीसीसी पथ पर बारूदी सुरंग विस्फोट कर मतदानकर्मियों के मिनी बस को उड़ा दिया, जिसपर तीन मतदानकर्मी सवार थे. इसके साथ ही बस के आगे चल रही गाड़ी पर 5 पुलिसकर्मी सवार थे. दोनों गाड़ियों पर सवार आठ कर्मियों की मौत हो गई थी. इस घटना में नक्सलियों ने 5 इंसास रायफल, 550 कारतूस, 25 मैगजीन लूट लिया था.

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