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दुमका: कोरोना के कारण भाइयों की कलाई सूनी, बहनों में भी मायूसी

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Published : Aug 3, 2020, 3:31 PM IST

आज रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. राखी का यह त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. दुमका में भी यह त्योहार काफी धूमधाम से मनाया गया. वहीं, कई जगहोंं पर कई भाइयों की कलाई सूनी रह गई.

Rakshabandhan festival celebrated in Dumka
दुमका में कोरोना के कारण भाइयों की कलाई सूनी

दुमका: आज झारखंड सहित पूरे भारत में रक्षाबंधन त्योहार की धूम है. बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध रही हैं. उनमें काफी हर्ष देखा जा रहा है. दुमका में भी रक्षाबंधन पर काफी उत्साह का माहौल है. भाई-बहन का प्यार देखते ही बनता है. बहन भाई को राखी बांधने के साथ उन्हें प्यार-दुलार और आशीर्वाद दे रही हैं. वहीं, भाई अपनी बहनों को उपहार आशीर्वाद और रक्षा का वचन दे रहे हैं. काफी संख्या में ऐसे भी भाई-बहन हैं, जिनके लिए यह त्योहार इस बार सूना-सूना रह गया. भाई की कलाई में राखी नहीं बंधी. इससे कलाई सूनी नजर आ रही है. इधर, बहन भी अपनी मायके नहीं जा सकी और न ही भाई को राखी भेज सकी. इसकी वजह है कोरोना का खतरा.

कोरोना संक्रमण की वजह से काफी संख्या में ऐसी बहनें हैं, जो इस बार अपने भाई को राखी नहीं भेज सकी. उन्हें इस बात का खतरा था कि राखी से कहीं संक्रमण उनके भाई तक न पहुंच जाए, जबकि संक्रमण फैलने के डर से लोगों ने लगभग एक-दूसरे के यहां आना जाना भी फिलहाल बंद कर दिया है. हमने वैसे कई लोगों से बात की जिनकी कलाइयों पर इस बार राखी नहीं बंधी. उनका कहना है कि जो हमारी बहन दूसरे जिले या राज्यों में हैं, इस बार उन्होंने राखी नहीं भेजी है.

ये भी पढ़ें: देवघर: रक्षाबंधन और सावन की अंतिम सोमवारी आज, शुभ योग में करें भगवान शिव की पूजा

बहन भी है मायूस
बहनों को खतरा है कि उनके राखी के जरिए संक्रमण उन तक न पहुंच जाए. बहनों का कहना है कि हम कोरोना के डर से राखी नहीं भेजें. इस अवसर पर मायके भी जाते थे पर वह भी न हो सका. इस वर्ष भले ही सब कुछ फीका रह गया, लेकिन इन सब लोगों का कहना है कि आशीर्वाद, शुभकामना हमारे भाई-बहन के साथ है. ईश्वर की कृपा होगी तो अगले वर्ष हम काफी धूमधाम से इस त्योहार को मनाएंगे.

दुमका: आज झारखंड सहित पूरे भारत में रक्षाबंधन त्योहार की धूम है. बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध रही हैं. उनमें काफी हर्ष देखा जा रहा है. दुमका में भी रक्षाबंधन पर काफी उत्साह का माहौल है. भाई-बहन का प्यार देखते ही बनता है. बहन भाई को राखी बांधने के साथ उन्हें प्यार-दुलार और आशीर्वाद दे रही हैं. वहीं, भाई अपनी बहनों को उपहार आशीर्वाद और रक्षा का वचन दे रहे हैं. काफी संख्या में ऐसे भी भाई-बहन हैं, जिनके लिए यह त्योहार इस बार सूना-सूना रह गया. भाई की कलाई में राखी नहीं बंधी. इससे कलाई सूनी नजर आ रही है. इधर, बहन भी अपनी मायके नहीं जा सकी और न ही भाई को राखी भेज सकी. इसकी वजह है कोरोना का खतरा.

कोरोना संक्रमण की वजह से काफी संख्या में ऐसी बहनें हैं, जो इस बार अपने भाई को राखी नहीं भेज सकी. उन्हें इस बात का खतरा था कि राखी से कहीं संक्रमण उनके भाई तक न पहुंच जाए, जबकि संक्रमण फैलने के डर से लोगों ने लगभग एक-दूसरे के यहां आना जाना भी फिलहाल बंद कर दिया है. हमने वैसे कई लोगों से बात की जिनकी कलाइयों पर इस बार राखी नहीं बंधी. उनका कहना है कि जो हमारी बहन दूसरे जिले या राज्यों में हैं, इस बार उन्होंने राखी नहीं भेजी है.

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बहन भी है मायूस
बहनों को खतरा है कि उनके राखी के जरिए संक्रमण उन तक न पहुंच जाए. बहनों का कहना है कि हम कोरोना के डर से राखी नहीं भेजें. इस अवसर पर मायके भी जाते थे पर वह भी न हो सका. इस वर्ष भले ही सब कुछ फीका रह गया, लेकिन इन सब लोगों का कहना है कि आशीर्वाद, शुभकामना हमारे भाई-बहन के साथ है. ईश्वर की कृपा होगी तो अगले वर्ष हम काफी धूमधाम से इस त्योहार को मनाएंगे.

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