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सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों की भारी कमी, नहीं हैं एक भी प्रोफेसर - सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की कमी

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों की भारी कमी है. इस समय स्वीकृत पद के आधे से कम शिक्षकों से विश्वविद्यालय को चलाया जा रहा है. वहीं 13 कॉलेज के 60 हजार स्टूडेंट्स का पठन पाठन का कार्य किया जा रहा है.

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सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय
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Published : Jan 28, 2021, 7:47 AM IST

Updated : Jan 28, 2021, 12:26 PM IST

दुमका: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. इस विश्वविद्यालय में संथालपरगना के छह जिले के तेरह अंगीभूत महाविद्यालय है. जिसमें शिक्षकों के कुल 613 पद स्वीकृत हैं, लेकिन पदस्थापित हैं, लेकिन 271. वहीं तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में भी कर्मियों की काफी कमी है. थर्ड ग्रेड में स्वीकृत है 322 पद, जबकि पदस्थापित है 96. जबकि फोर्थ ग्रेड में स्वीकृत पद 369 पदस्थापित है 183. आंकड़े बता रहे हैं कि आधे से कम संख्या में एसकेएमयू का काम चल रहा है. जाहिर है पठन-पाठन और अन्य कार्य काफी प्रभावित हो रहे है.

देखें स्पेशल खबर
प्रोफेसर के सभी पद रिक्तसिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के 13 पद स्वीकृत है इसमें सभी पद रिक्त हैं. बड़ी बात यह है कि एसोसिएट प्रोफेसर के 55 पदों में भी सभी पद खाली हैं. यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि संथालपरगना में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही बरती जा रही है.
क्या कहती हैं कुलपति
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की कुलपति सोना झरिया मिंज से ईटीवी भारत ने शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों की कमी के विषय में विस्तार से बातचीत की. उन्होंने भी माना की काफी कमी है. हमारे यहां टीचर के साथ थर्ड और फोर्थ ग्रेड स्टाफ की. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय की तरह हम भी इस कमी से जूझ रहे हैं. जब कभी राज्यपाल के साथ बैठक होती है तो सबसे प्रमुख रूप से यही मुद्दा उठता है. हमलोग शिक्षकों की कमी की आवाज उठाते हैं. यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है.
पठन-पाठन के साथ हो रही है कई परेशानी
सकेएम यूनिवर्सिटी के कुलपति सोना झरिया मिंज ने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय में 60 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है. अब शिक्षकों की इतनी कमी है तो जाहिर है कि पठन-पाठन सुचारू रूप से नहीं हो पाता. कुलपति ने बताया कि यूनिवर्सिटी में पीजी की पढ़ाई और रिसर्च का काम भी होता है. शिक्षकों की कमी की वजह से इसमें भी परेशानी आती है. सबसे बड़ी बात कुछ माह पहले नैक (NAAC) की टीम आई थी, जिसने विश्वविद्यालय को सी ग्रेड दिया. शिक्षकों की कमी का यह बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है.
शिक्षकों की बहाली जेपीएससी में है प्रक्रियाधीन
सोना झरिया मिंज ने बताया कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की बहाली जेपीएससी में प्रक्रियाधीन है. इस दिशा में आवश्यक पहल की जा रही है. इस बीच काम चलाने के लिए घंटी आधारित 125 शिक्षकों की बहाली की गई है.



क्या कहते हैं सांसद सुनील सोरेन

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के संबंध में दुमका लोकसभा के सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि संथालपरगना प्रमंडल के लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं. यहां के छात्र-छात्राओं के पास इतने पैसे नहीं कि वे ट्यूशन पढ़ सके. ऐसे में यह जरूरी है कि महाविद्यालय में बेहतर पढ़ाई हो. जब शिक्षकों की कमी है तो यह नहीं हो पा रहा वे सरकार से अविलंब शिक्षकों की बहाली की मांग कर रहे हैं.

क्या कहते हैं छात्र नेता

एसकेएम यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट सदस्य छात्र नेता गुंजन मरांडी का कहना है कि हमारे विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी से काफी परेशानी हो रही है. उनका कहना है कि छात्र-छात्राओं के हित में शिक्षकों की जल्द बहाली होनी चाहिए.


सरकार को अविलंब ध्यान देने जी जरूरत

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए आवश्यक हो गया है कि सरकार इस पर अविलंब ध्यान दें. बिना शिक्षक के आखिरकार स्टूडेंटस कैसे अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे. एजुकेशन क्वालिटी भी बेहतर नहीं मिल पाएगा. ऐसे में आज के कंपटीशन में कैसे सक्सेस होंगे. सरकार को इन सब संज्ञान लेना चाहिए.

दुमका: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. इस विश्वविद्यालय में संथालपरगना के छह जिले के तेरह अंगीभूत महाविद्यालय है. जिसमें शिक्षकों के कुल 613 पद स्वीकृत हैं, लेकिन पदस्थापित हैं, लेकिन 271. वहीं तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में भी कर्मियों की काफी कमी है. थर्ड ग्रेड में स्वीकृत है 322 पद, जबकि पदस्थापित है 96. जबकि फोर्थ ग्रेड में स्वीकृत पद 369 पदस्थापित है 183. आंकड़े बता रहे हैं कि आधे से कम संख्या में एसकेएमयू का काम चल रहा है. जाहिर है पठन-पाठन और अन्य कार्य काफी प्रभावित हो रहे है.

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प्रोफेसर के सभी पद रिक्तसिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के 13 पद स्वीकृत है इसमें सभी पद रिक्त हैं. बड़ी बात यह है कि एसोसिएट प्रोफेसर के 55 पदों में भी सभी पद खाली हैं. यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि संथालपरगना में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही बरती जा रही है.
क्या कहती हैं कुलपति
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की कुलपति सोना झरिया मिंज से ईटीवी भारत ने शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों की कमी के विषय में विस्तार से बातचीत की. उन्होंने भी माना की काफी कमी है. हमारे यहां टीचर के साथ थर्ड और फोर्थ ग्रेड स्टाफ की. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय की तरह हम भी इस कमी से जूझ रहे हैं. जब कभी राज्यपाल के साथ बैठक होती है तो सबसे प्रमुख रूप से यही मुद्दा उठता है. हमलोग शिक्षकों की कमी की आवाज उठाते हैं. यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है.
पठन-पाठन के साथ हो रही है कई परेशानी
सकेएम यूनिवर्सिटी के कुलपति सोना झरिया मिंज ने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय में 60 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है. अब शिक्षकों की इतनी कमी है तो जाहिर है कि पठन-पाठन सुचारू रूप से नहीं हो पाता. कुलपति ने बताया कि यूनिवर्सिटी में पीजी की पढ़ाई और रिसर्च का काम भी होता है. शिक्षकों की कमी की वजह से इसमें भी परेशानी आती है. सबसे बड़ी बात कुछ माह पहले नैक (NAAC) की टीम आई थी, जिसने विश्वविद्यालय को सी ग्रेड दिया. शिक्षकों की कमी का यह बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है.
शिक्षकों की बहाली जेपीएससी में है प्रक्रियाधीन
सोना झरिया मिंज ने बताया कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की बहाली जेपीएससी में प्रक्रियाधीन है. इस दिशा में आवश्यक पहल की जा रही है. इस बीच काम चलाने के लिए घंटी आधारित 125 शिक्षकों की बहाली की गई है.



क्या कहते हैं सांसद सुनील सोरेन

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के संबंध में दुमका लोकसभा के सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि संथालपरगना प्रमंडल के लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं. यहां के छात्र-छात्राओं के पास इतने पैसे नहीं कि वे ट्यूशन पढ़ सके. ऐसे में यह जरूरी है कि महाविद्यालय में बेहतर पढ़ाई हो. जब शिक्षकों की कमी है तो यह नहीं हो पा रहा वे सरकार से अविलंब शिक्षकों की बहाली की मांग कर रहे हैं.

क्या कहते हैं छात्र नेता

एसकेएम यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट सदस्य छात्र नेता गुंजन मरांडी का कहना है कि हमारे विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी से काफी परेशानी हो रही है. उनका कहना है कि छात्र-छात्राओं के हित में शिक्षकों की जल्द बहाली होनी चाहिए.


सरकार को अविलंब ध्यान देने जी जरूरत

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए आवश्यक हो गया है कि सरकार इस पर अविलंब ध्यान दें. बिना शिक्षक के आखिरकार स्टूडेंटस कैसे अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे. एजुकेशन क्वालिटी भी बेहतर नहीं मिल पाएगा. ऐसे में आज के कंपटीशन में कैसे सक्सेस होंगे. सरकार को इन सब संज्ञान लेना चाहिए.

Last Updated : Jan 28, 2021, 12:26 PM IST
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