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दुमका के शहरी क्षेत्र के जलाशय बने कूड़ा घर, पानी दूषित होने से बीमारियों को न्योता - City Council Dumka

दुमका शहरी क्षेत्र के दो प्रमुख जलाशय खूंटा बांध और बड़ा बांध में लोग कूड़ा-कचरा डाल रहे हैं, जबकि गंदगी ना फैलाए जाने का बोर्ड भी लगा हुआ है. जो लोग जागरूक हैं, वे कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

Reservoir of Dumka's urban area became a garbage house
दुमका के शहरी क्षेत्र के जलाशय बने कूड़ा घर, पानी दूषित होने से बीमारियों को न्योता
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Published : Jul 21, 2021, 6:08 PM IST

दुमका: सूबे के दो प्रमुख जलाशय, खूंटा बांध और बड़ा बांध इन दिनों कचरे से अटे पड़े हैं. मनाही के बावजूद लोग सुधर नहीं रहे और बेधड़क गंदगी फैला रहे हैं. दोनों जलाशय प्रदूषित (water bodies polluted) हो गए हैं. ऐसे में जो सफाई पसंद लोग हैं, वे आवश्यक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा: वेतन कटौती का सफाईकर्मियों ने किया विरोध, गंदगी फेंककर जताया आक्रोश

क्या है पूरा मामला
सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों की ओर से जल प्रदूषण (Water Pollution) को रोकने को लेकर काफी चर्चा की जाती है. जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन लोग इस पर कितना अमल करते हैं. इसका अंदाजा दुमका शहर के इन दो प्रमुख जलाशयों को देखकर लगाया जा सकता है. शहर का खूंटा बांध और बड़ा बांध दोनों जलाशय से हजारों लोगों को किसी न किसी रूप से लाभ मिलता है. धीरे-धीरे यह दोनों जला प्रदूषित हो रहे हैं. घरों से निकलने वाले कचरे को लोग इन्हीं जलाशयों में लाकर डाल देते हैं. धीरे-धीरे इसका पानी प्रदूषित हो चुका है.

Reservoir of Dumka's urban area became a garbage house
दुमका स्थित नगर परिषद कार्यालय
क्या कहते हैं लोग
काफी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जो इन दोनों जलाशय के किनारे सुकून के दो पल गुजारते हैं. अब जब यह प्रदूषित हो रहा है, तो जागरूक लोगों में काफी मायूसी है. वे कहते हैं काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो यहां आकर इसमें कचरा डाल देते हैं. मना करने पर सुनते नहीं. लोगों का ऐसा नहीं करना चाहिए और नगर परिषद को इस दिशा में आवश्यक पहल करनी चाहिए.
Reservoir of Dumka's urban area became a garbage house
खूंटा और बड़ा बांध में कचरे का अंबार

क्या कहते हैं नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी
इन दोनों जलाशयों के रखरखाव का जिम्मा नगर परिषद (City Council) के पास है. इन जलाशयों के किनारे बोर्ड लगाकर लोगों से आग्रह किया गया है कि आप इसमें कूड़ा - कचरा न डालें. इतना ही नहीं, डस्टबीन भी लगाया गया है. लेकिन किसी भी निर्देश का कोई पालन नहीं हो रहा है. इस संबंध में दुकान नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी (Executive Officer of Dumka Municipal Council) गंगाराम ठाकुर ने बताया कि बहुत जल्द इन जलाशयों को साफ करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा.

Reservoir of Dumka's urban area became a garbage house
बोर्ड लगने के बाद भी जागरुकता नहीं


जल ही जीवन है, इसे बचाना जरूरी
यह सब जानते हैं कि जल ही जीवन है और इसे बचाना जरूरी है. जल प्रदूषण का असर पूरे पर्यावरण पर पड़ता है. ऐसे में लोगों को भी जागरूक होना चाहिए. सरकारी सिस्टम को इस पर विशेष निगरानी बरतनी चाहिए.

दुमका: सूबे के दो प्रमुख जलाशय, खूंटा बांध और बड़ा बांध इन दिनों कचरे से अटे पड़े हैं. मनाही के बावजूद लोग सुधर नहीं रहे और बेधड़क गंदगी फैला रहे हैं. दोनों जलाशय प्रदूषित (water bodies polluted) हो गए हैं. ऐसे में जो सफाई पसंद लोग हैं, वे आवश्यक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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क्या है पूरा मामला
सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों की ओर से जल प्रदूषण (Water Pollution) को रोकने को लेकर काफी चर्चा की जाती है. जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन लोग इस पर कितना अमल करते हैं. इसका अंदाजा दुमका शहर के इन दो प्रमुख जलाशयों को देखकर लगाया जा सकता है. शहर का खूंटा बांध और बड़ा बांध दोनों जलाशय से हजारों लोगों को किसी न किसी रूप से लाभ मिलता है. धीरे-धीरे यह दोनों जला प्रदूषित हो रहे हैं. घरों से निकलने वाले कचरे को लोग इन्हीं जलाशयों में लाकर डाल देते हैं. धीरे-धीरे इसका पानी प्रदूषित हो चुका है.

Reservoir of Dumka's urban area became a garbage house
दुमका स्थित नगर परिषद कार्यालय
क्या कहते हैं लोग
काफी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जो इन दोनों जलाशय के किनारे सुकून के दो पल गुजारते हैं. अब जब यह प्रदूषित हो रहा है, तो जागरूक लोगों में काफी मायूसी है. वे कहते हैं काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो यहां आकर इसमें कचरा डाल देते हैं. मना करने पर सुनते नहीं. लोगों का ऐसा नहीं करना चाहिए और नगर परिषद को इस दिशा में आवश्यक पहल करनी चाहिए.
Reservoir of Dumka's urban area became a garbage house
खूंटा और बड़ा बांध में कचरे का अंबार

क्या कहते हैं नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी
इन दोनों जलाशयों के रखरखाव का जिम्मा नगर परिषद (City Council) के पास है. इन जलाशयों के किनारे बोर्ड लगाकर लोगों से आग्रह किया गया है कि आप इसमें कूड़ा - कचरा न डालें. इतना ही नहीं, डस्टबीन भी लगाया गया है. लेकिन किसी भी निर्देश का कोई पालन नहीं हो रहा है. इस संबंध में दुकान नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी (Executive Officer of Dumka Municipal Council) गंगाराम ठाकुर ने बताया कि बहुत जल्द इन जलाशयों को साफ करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा.

Reservoir of Dumka's urban area became a garbage house
बोर्ड लगने के बाद भी जागरुकता नहीं


जल ही जीवन है, इसे बचाना जरूरी
यह सब जानते हैं कि जल ही जीवन है और इसे बचाना जरूरी है. जल प्रदूषण का असर पूरे पर्यावरण पर पड़ता है. ऐसे में लोगों को भी जागरूक होना चाहिए. सरकारी सिस्टम को इस पर विशेष निगरानी बरतनी चाहिए.

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