दुमका: नक्सली गतिविधियों में संलिप्त होने पर जेल में बंद कैदी रसिक मरांडी की मौत हो गई. वह पांच सालों से दुमका सेंट्रल जेल में बंद था. पुलिस ने उसे नक्सली गतिविधियों में संलिप्त पाया था. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई और केंद्रीय कारा में बंद किया गया. 83 वर्षीय कैदी रसिक मरांडी का इलाज फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Phulo Jhano Medical College Hospital Dumka) में चल रहा था. इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.
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काठीकुंड प्रखंड का रहने वाला था रसिक: रसिक मरांडी दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड के तालडंगाल गांव का रहने वाला था. उसे नक्सली गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद 2017 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अभी उसका केस ट्रायल में ही चल रहा था. बूढ़े हो जाने की वजह से कुछ समय से वह अक्सर बीमार रहता था. 10 अप्रैल को उसे फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
क्या कहते हैं कारा अधीक्षक: केंद्रीय कारा के अधीक्षक एस. चौधरी ने बताया कि रसिक मरांडी को नक्सली गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. वृद्ध होने की वजह से वह अक्सर बीमार रहने लगा था. दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वह इलाजरत था, जहां उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा मृतक रसिक मरांडी का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को उसके पुत्र को सौंप दिया जाएगा.