दुमका: झारखंड की उपराजधानी में कोरोना संक्रमण के ठीक पहले और वर्तमान समय में खाद्य सामग्रियों के मूल्य में क्या कुछ परिवर्तन आया. आइए इसे जानने का प्रयास करें.
दुमका अपेक्षाकृत एक छोटा बाजार है. मार्च 2020 में यहां कोरोना महामारी की शुरुआत के समय जब लॉकडाउन लगा तो उस समय बाजार में उपभोक्ताओं की आपाधापी देखी गई. सामानों को खरीदने को लेकर लोग परेशान दिखे. उनके मन में हलचल था कि बाद में सामान मिलेंगे या नहीं. यही वजह थी कि जरूरत से ज्यादा सामान खरीदने की होड़ मची रही. प्रशासन ने ऐसी स्थिति को देखते हुए सतर्कता बरती. उसके बाद सामान के मूल्य पर नियंत्रण लगा. एक- आध सब्जी विक्रेताओं की ओर से अनावश्यक मूल्य वृद्धि करने पर कार्रवाई भी हुई, लेकिन अनाज और अन्य खाद्य सामग्री में कालाबाजारी का एक भी मामला सामने नहीं आया.
वर्तमान समय में बाजार का हाल
लॉकडाउन की शुरुआत हुए 6 महीने से अधिक समय बीत चुका है. बाजार की परिस्थितियां भी सामान्य हो चुकी है. थोक व्यवसायी हो या खुदरा सभी आम दिनों की तरह अपने व्यवसाय में जुटे हुए हैं. उपभोक्ताओं को सामान खरीदने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. कुल मिलाकर कहा जाए तो दुमका जैसे छोटे से व्यवसायिक मंडी में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिला. कुछ चीजों के दाम में कमी आई है तो कुछ चीजों के दाम में थोड़ी तेजी देखी जा रही है. कुछ सामान ऐसे भी है, जिसका मूल्य लगभग बराबर है.
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आईये नजर डालते हैं खाद्यान्न के थोक मंडी के मार्च और वर्तमान में सामानों की कीमत पर
खाद्य सामग्री | मार्च का दर (क्विंटल में/रुपए) | वर्तमान दर (क्विंटल में/ रुपए) |
चावल | 2500 | 2350 |
आटा | 2400 | 2200 |
चीनी | 3700 | 3700 |
चना | 5000 | 6000 |
सरसों तेल | 11000 | 12000 |
अरहर दाल | 7500 | 8500 |
मूंग दाल | 11000 | 9000 |
रिफाइंड ऑइल | 9500 | 10500 |
चूड़ा | 2650 | 2800 |
मूंगफली | 10000 | 8500 |
खाद्य सामग्रियों के खुदरा मूल्य पर एक नजर
खाद्य सामग्री | मार्च का दर (किलो में/ रुपए) | वर्तमान दर (किलो में/रुपए) |
आटा | 26 | 24 |
चीनी | 40 | 40 |
चावल | 27 | 25 |
चना | 60 | 65 |
सरसों तेल | 120 | 130 |
अरहर दाल | 85 | 95 |
मूंग दाल | 120 | 100 |
रिफाइंड | 105 | 115 |
चूड़ा | 30 | 32 |
मूंगफली | 120 | 100 |
मसूर दाल | 80 | 80 |
जीरा | 220 | 220 |
गोलमिर्च | 500 | 500 |
मिर्च | 220 | 200 |
क्या कहते हैं थोक और खुदरा विक्रेता
दुमका के खाद्य पदार्थों के होलसेल मार्केट में इटीवी भारत की टीम ने विक्रेताओं से बात की और जाना की कोरोना काल के शुरुआत मार्च 2020 और वर्तमान समय में सामानों के दर में क्या अंतर है. थोक विक्रेता अनूप भालोतिया ने बताया कि बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ चीजों के दाम में कमी आई है और कुछ सामानों के दर थोड़ी वृद्धि भी हुई है. कुल मिलाकर मार्केट में हमेशा जो आम उतार-चढ़ाव होता है, आज भी स्थिति वही है. दुमका के खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि चावल, आटा जैसे कुछ खादान्नों के मूल्य में गिरावट आई है, जबकि चना और अरहर दाल में थोड़ी वृद्धि हुई है. वहीं, मूंग दाल की कीमत घटी है. सरसों तेल का मूल्य लगभग 20% बढ़ा है और चीनी का मूल्य बिल्कुल एक समान स्थिर है. इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. खुदरा व्यवसायी संजीव कुमार दे और शशि कुमार ने सामानों के सप्लाई को लेकर बताया कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है.
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दुकानदार और ग्राहकों के बीच अपनापन
दुमका के उपभोक्ताओं का कहना है कि दुमका एक छोटा मार्केट है, इसलिए दुकानदार और ग्राहक के बीच एक पर्सनल रिलेशन बना हुआ है. यही वजह है कि कोरोना काल के शुरुआत से अभी तक उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई है. जहां तक मूल्य की बात है तो थोड़ा बहुत अंतर हमेशा बाजार में रहता है. कुल मिलाकर कहा जाए तो दुमका भले ही झारखंड की उपराजधानी है, लेकिन यहां का बाजार अत्यंत ही छोटा है. सामाजिक समरसता बनी रहती है. इस वजह से कालाबाजारी की स्थिति बिल्कुल देखने को नहीं मिली.