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फिजिक्स टीचर नारियल पानी बेचने को हुए मजबूर, कोरोना ने छीना रोजगार - Physics teacher Ashwani Kashyap of dumka

कोरोना के चलते दुमका के फिजिक्स टीचर अश्वनी कश्यप की कोचिंग पिछले एक साल से बंद है. लॉकडाउन के चलते सारी कमाई ठप हो गई और घर चलाने का कोई जरिया नहीं बचा तब अश्वनी ने नारियल पानी बेचना शुरू कर दिया.

Physics teacher Ashwani Kashyap
फिजिक्स टीचर अश्वनी कश्यप
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Published : May 14, 2021, 6:40 PM IST

Updated : May 14, 2021, 8:13 PM IST

दुमका: कोरोना काल में हजारों-लाखों लोग बेरोजगार हो गए. आफत ऐसी आन पड़ी है कि पेट चलाने के लिए मजबूरी में लोग कुछ भी करने को तैयार हैं. बेरोजगारी का दंश और आर्थिक तंगी झेल रहे दुमका के फिजिक्स टीचर अश्वनी कश्यप फुटपाथ पर नारियल पानी बेचने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के चलते सारी कमाई ठप हो गई और घर चलाने का कोई जरिया नहीं बचा तब नारियल पानी बेचना शुरू कर दिया.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: शुक्र है इंसानियत तेरी कौम नहीं होती...हिंदू रीति से कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार कर रहे तीन मुस्लिम युवक

हर दिन हो रही 300-400 डाभ की बिक्री

अश्वनी दुमका के संथाल परगना महाविद्यालय में क्लास के हिसाब से वेतन आधारित शिक्षक हैं. इसके साथ ही वे किराये पर एक जगह लेकर कोचिंग सेंटर भी चलाते हैं. महीनों से कॉलेज बंद है और इसके चलते क्लास नहीं हो रही है. ऐसे में यूनिवर्सिटी से उन्हें कोई भुगतान नहीं हो रहा है. कोचिंग सेंटर बंद रहने से फीस भी नहीं मिल रही है. कोचिंग सेंटर का आठ हजार रुपए किराया हर महीने देना पड़ रहा है. परिवार चलाने और किराया भरने के लिए अश्विनी ने नारियल पानी का कारोबार शुरू किया. अश्वनी पश्चिम बंगाल से नारियल मंगवाते हैं. कोरोना काल में डाभ की अच्छी बिक्री है और हर दिन तीन से चार सौ डाभ की बिक्री हो जाती है. वे इसकी होम डिलीवरी भी कर रहे हैं.

क्या कहते हैं अश्वनी?

"कोरोना की वजह से काफी परेशान हो चुका हूं. पिछले एक साल से कोरोना के कारण बेरोजगारी से परेशान हूं. समझ नहीं आ रहा था जीवन कैसे चलेगा. थोड़े बहुत जो पैसे बचाकर रखे थे सब खत्म हो गए. आखिरकार थक हारकर नारियल पानी बेच रहा हूं."

अश्वनी कश्यप, फिजिक्स टीचर

दुमका: कोरोना काल में हजारों-लाखों लोग बेरोजगार हो गए. आफत ऐसी आन पड़ी है कि पेट चलाने के लिए मजबूरी में लोग कुछ भी करने को तैयार हैं. बेरोजगारी का दंश और आर्थिक तंगी झेल रहे दुमका के फिजिक्स टीचर अश्वनी कश्यप फुटपाथ पर नारियल पानी बेचने को मजबूर हैं. लॉकडाउन के चलते सारी कमाई ठप हो गई और घर चलाने का कोई जरिया नहीं बचा तब नारियल पानी बेचना शुरू कर दिया.

देखें पूरी खबर

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हर दिन हो रही 300-400 डाभ की बिक्री

अश्वनी दुमका के संथाल परगना महाविद्यालय में क्लास के हिसाब से वेतन आधारित शिक्षक हैं. इसके साथ ही वे किराये पर एक जगह लेकर कोचिंग सेंटर भी चलाते हैं. महीनों से कॉलेज बंद है और इसके चलते क्लास नहीं हो रही है. ऐसे में यूनिवर्सिटी से उन्हें कोई भुगतान नहीं हो रहा है. कोचिंग सेंटर बंद रहने से फीस भी नहीं मिल रही है. कोचिंग सेंटर का आठ हजार रुपए किराया हर महीने देना पड़ रहा है. परिवार चलाने और किराया भरने के लिए अश्विनी ने नारियल पानी का कारोबार शुरू किया. अश्वनी पश्चिम बंगाल से नारियल मंगवाते हैं. कोरोना काल में डाभ की अच्छी बिक्री है और हर दिन तीन से चार सौ डाभ की बिक्री हो जाती है. वे इसकी होम डिलीवरी भी कर रहे हैं.

क्या कहते हैं अश्वनी?

"कोरोना की वजह से काफी परेशान हो चुका हूं. पिछले एक साल से कोरोना के कारण बेरोजगारी से परेशान हूं. समझ नहीं आ रहा था जीवन कैसे चलेगा. थोड़े बहुत जो पैसे बचाकर रखे थे सब खत्म हो गए. आखिरकार थक हारकर नारियल पानी बेच रहा हूं."

अश्वनी कश्यप, फिजिक्स टीचर

Last Updated : May 14, 2021, 8:13 PM IST
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