दुमकाः झारखंड सरकार (jharkhand government) विकास योजनाओं को सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की बात कहती है लेकिन इस पर कितना काम हो रहा है यह गांव में जाकर पता चलता है. दुमका जिले के मसलिया प्रखंड के रांगा और आमगाछी गांव के लगभग 300 परिवारों को सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधा मयस्सर नहीं है. वे सरकार से इस पर ध्यान देने की गुहार लगा रहे हैं.
क्या है पूरा मामलाः दुमका जिले के मसलिया प्रखंड के रांगा गांव से 5 किलोमीटर की एक कच्ची सड़क आमगाछी गांव तक जाती है. यह सड़क अत्यंत जर्जर है. इस सड़क पर चार पहिया वाहन के परिचालन की बात छोड़िए, इसमें बाइक और लोगों का पैदल चलना मुश्किल है. इस वजह से इस रास्ते ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी होती है. इस रास्ते दो-तीन छोटी पुलिया भी है जो पूरी तरह से जर्जर होकर धंस चुकी है. जिसमें दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है. आमगाछी से रांगा तक की जो पांच किलोमीटर की सड़क है, उस सफर को पूरा करने में लोगों को एक घंटे से अधिक समय लग जाता है. उसमें भी यह डर बना रहता है कि रास्ते में कौन किस तरह के हादसे का शिकार हो जाये.
क्या कहते हैं ग्रामीणः लोगों का कहना है कि भले ही देश की आजादी के 75 वर्ष बीत गए हो, झारखंड राज्य के निर्माण के 22 वर्ष हो चुके हो पर हमारी यह सड़क आज तक नहीं बनी. जबकि कई बार हमें अपने जनप्रतिनिधियों से आश्वासन मिला कि यह सड़क बन जाएगा, लेकिन आज भी हमारी समस्या ज्यों की त्यों है. इस जर्जर सड़क की वजह से हमारा जीवन जीना मुश्किल हो गया है पर हमें कोई देखने वाला नहीं.
आमगाछी गांव में पानी की भी बड़ी समस्याः आमगाछी गांव (Aamgachhi village) के लोग जर्जर सड़क की वजह से परेशान तो हैं ही साथ ही साथ इस गांव की एक बड़ी समस्या पानी की भी है. पहाड़ी के ऊपर बसे इस गांव में एक भी चापाकल नहीं है. ग्रामीण दो-तीन पुराने कुएं और प्राकृतिक डोभा के पानी से अपनी जिंदगी चला रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह पानी काफी गंदा रहता है. आए दिन हम बीमार पड़ते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि पहाड़ी के नीचे बने दशकों पुराने इन कुओं और डोभा से पानी लेकर हम पथरीले रास्ते जैसे - तैसे अपने घर तक पहुंचते हैं. यह बहुत ही कष्टकारी होता है. हमारा काफी समय इसी में गुजर जाता है.
सरकार और जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकताः दुमका जिला के मसलिया प्रखंड के इस गांव के लोग सड़क और पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन का दायित्व है कि जल्द से जल्द वहां पहुंचे और ग्रामीणों को इस कष्ट से निजात दिलाए.