दुमका: बासुकीनाथ मंदिर सभागार में अनुमंडल पदाधिकारी ने मंदिर प्रभारी, स्थानीय लोगों और पंडा धर्मरक्षिणी सभा के लोगों के साथ बैठक की. कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार भी श्रावणी मेला नहीं लगाने का निर्णय लिया गया है.
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बासुकीनाथ धाम स्थित प्रशासनिक भवन सभागार में दुमका के अपर समाहर्ता राजेश कुमार राय और अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो की अध्यक्षता में कई विभागों के पदाधिकारियों और स्थानीय पंडा पुरोहितों, व्यवसायियों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की. बैठक के दौरान अपर समाहर्ता ने बताया कि कोरोना के प्रसार को देखते हुए सरकार ने मंदिरों को खोलने का कोई निर्णय नहीं लिया है. 25 जुलाई से पवित्र सावन का महीना शुरू हो रहा है. ऐसे में आस्था के नाम पर बासुकीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ सकती है.
कोरोना के चलते प्रवेश वर्जित
महामारी से बचाव को ध्यान में रखते हुए बासुकीनाथ धाम में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश के सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दंडाधिकारी की मौजूदगी में पुलिस बल को तैनात किया जाएगा, ताकि बासुकीनाथ धाम में बाहर के श्रद्धालु प्रवेश ना कर सकें. बासुकीनाथ को कोरोना संक्रमण से मुक्त रखने की कवायद की जा रही है.
कोरोना वायरस के कारण लगातार दूसरा साल है, जब श्रावणी मेला नहीं लगेगा. इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्थानीय छोटे दुकानदारों और पंडा धर्मरक्षिणी के लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. लोगों ने प्रशासन और झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री से कोविड-19 को देखते हुए गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर खोलने का आग्रह किया है.