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कचरे के ढेर पर तीर्थस्थल! बासुकीनाथ में नहीं है कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था

विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर झारखंड ही नहीं भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा अर्चना के लिए आते हैं लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अभी तक यहां कचरा प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है किया गया है. बासुकीनाथ में मंदिर और बाजार का कचरा इधर-उधर डंप कर दिया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं में काफी नाराजगी है.

no proper waste management in basukinath dham of Dumka
बासुकीनाथ में नहीं है कचरा प्रबंधन का उचित व्यवस्था
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Published : Oct 7, 2020, 5:29 AM IST

दुमकाः विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर झारखंड ही नहीं भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा अर्चना के लिए आते हैं लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अभी तक यहां कचरा प्रबंधन का कोई ठोस व्यवस्था नहीं है किया गया है. बासुकीनाथ मैं मंदिर और बाजार का कचरा इधर-उधर डंप कर दिया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं में काफी नाराजगी है. वहीं मंदिर का पुरोहित समाज इसे बड़ी लापरवाही बताते हैं. जबकि बासुकीनाथ नगर पंचायत के अध्यक्ष और कार्यपालक पदाधिकारी दोनों कहते हैं कि इस दिशा में आवश्यक पहल की जा रही है.

देखें पूरी खबर
क्या कहते हैं नगर अध्यक्ष

बासुकीनाथ नगर पंचायत के अध्यक्ष पूनम देवी ने कहा कि हम लोग कचरा प्रबंधन के दिशा में ठोस कदम उठाने जा रहे हैं. पूरा नगर का कचरा एक जगह डंप कर उस कचरे से हम लोग बायो खाद बनाने की दिशा में अग्रसर हैं इसके लिए डीपीआर बनाकर सरकार को भेज दिया गया है. अब इस पर सरकार कब एलॉटमेंट देती है और हम लोग काम शुरू करेंगे, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का परेशानी ना हो इस दिशा में भी हम लोग प्रयास कर रहे हैं.

क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी

नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल जी आनंद ने कहा कि हम लोग कचरा प्रबंधन के लिए ठोस व्यवस्था करने जा रहे हैं. हम लोग सरकारी जगह भी चिन्हित कर लिए हैं. इसका डीपीआर भी बना कर तैयार है. अब इस कोरोना काल में विकास का काम नहीं हो रहा है इसलिए ये काम भी रुका हुआ है, नहीं तो अभी तक कचरा प्रबंधन के लिए बायो प्लांट बनकर तैयार हो जाता. इस प्लांट के बन जाने से कचरा का प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा. इस दिशा में हम लोग अग्रसर है.

क्या कहती हैं प्रखंड प्रमुख

वहीं, प्रखंड प्रमुख पिंकी सोरेन ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर होने के बाद भी यहां एक ठोस कचरा प्रबंधन नहीं होना दुख की बात है. बासुकीनाथ मंदिर और बासुकीनाथ बाजार का कचरा जहां-तहां फेंक दिया जाता है, इससे बीमारी बढ़ रही है. नगर पंचायत क्षेत्र का कचरा धर्मपुर पूर्णिया में एक खुला मैदान में फेंक दिया जाता है, जिससे यहां आसपास के ग्रामीणों को बीमारी और महामारी का भय बना रहता है. इसलिए सरकार को चाहिए कि यहां एक ठोस कचरा प्रबंधन होना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- शहरी जलापूर्ति योजना से वाटर कनेक्शन लेने में लोगों को हो रही परेशानी, पाइप लाइन विस्तारीकरण की मांग

क्या कहते हैं पंडा समाज

पंडा धर्मरक्षणी सभा के महामंत्री संजय झा ने कहा कि बासुकीनाथ ऐसे विश्व प्रसिद्ध जगह में ठोस कचरा प्रबंधन नहीं होना काफी दुख की बात है, हम लोग इसके लिये कई बार मांग उठा चुके हैं, मंदिर प्रबंधन को भी कई बार लिखित शिकायत भी कर चुके हैं कि बासुकीनाथ में एक ठोस कचरा प्रबंधन होना चाहिए. जिससे मंदिर और बाजार से उत्पन्न कचरे को जहां-तहां फेंक दिया जाता है उसे नहीं फेंकना पड़े. इससे कई तरह की बीमारी और महामारी उत्पन्न होता है, खासकर यहां घूम रहे पशुओं को इस कचरे को खाने से कई प्रकार का बीमारी और कचरे में प्लास्टिक को भी पशु खा जाते हैं, इससे भी पशु बीमार हो जाते हैं सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था करनी चाहिए.

क्या कहते हैं श्रद्धालु

वहीं दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर में कचरा प्रबंधन का नहीं होना दुखद है, सरकार को इस ओर आवश्यक कदम उठाना चाहिए और यहां पर एक ठोस कचरा का प्रबंधन करना चाहिए. जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी ना हो.

दुमकाः विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर झारखंड ही नहीं भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा अर्चना के लिए आते हैं लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अभी तक यहां कचरा प्रबंधन का कोई ठोस व्यवस्था नहीं है किया गया है. बासुकीनाथ मैं मंदिर और बाजार का कचरा इधर-उधर डंप कर दिया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं में काफी नाराजगी है. वहीं मंदिर का पुरोहित समाज इसे बड़ी लापरवाही बताते हैं. जबकि बासुकीनाथ नगर पंचायत के अध्यक्ष और कार्यपालक पदाधिकारी दोनों कहते हैं कि इस दिशा में आवश्यक पहल की जा रही है.

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क्या कहते हैं नगर अध्यक्ष

बासुकीनाथ नगर पंचायत के अध्यक्ष पूनम देवी ने कहा कि हम लोग कचरा प्रबंधन के दिशा में ठोस कदम उठाने जा रहे हैं. पूरा नगर का कचरा एक जगह डंप कर उस कचरे से हम लोग बायो खाद बनाने की दिशा में अग्रसर हैं इसके लिए डीपीआर बनाकर सरकार को भेज दिया गया है. अब इस पर सरकार कब एलॉटमेंट देती है और हम लोग काम शुरू करेंगे, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का परेशानी ना हो इस दिशा में भी हम लोग प्रयास कर रहे हैं.

क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी

नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल जी आनंद ने कहा कि हम लोग कचरा प्रबंधन के लिए ठोस व्यवस्था करने जा रहे हैं. हम लोग सरकारी जगह भी चिन्हित कर लिए हैं. इसका डीपीआर भी बना कर तैयार है. अब इस कोरोना काल में विकास का काम नहीं हो रहा है इसलिए ये काम भी रुका हुआ है, नहीं तो अभी तक कचरा प्रबंधन के लिए बायो प्लांट बनकर तैयार हो जाता. इस प्लांट के बन जाने से कचरा का प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा. इस दिशा में हम लोग अग्रसर है.

क्या कहती हैं प्रखंड प्रमुख

वहीं, प्रखंड प्रमुख पिंकी सोरेन ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर होने के बाद भी यहां एक ठोस कचरा प्रबंधन नहीं होना दुख की बात है. बासुकीनाथ मंदिर और बासुकीनाथ बाजार का कचरा जहां-तहां फेंक दिया जाता है, इससे बीमारी बढ़ रही है. नगर पंचायत क्षेत्र का कचरा धर्मपुर पूर्णिया में एक खुला मैदान में फेंक दिया जाता है, जिससे यहां आसपास के ग्रामीणों को बीमारी और महामारी का भय बना रहता है. इसलिए सरकार को चाहिए कि यहां एक ठोस कचरा प्रबंधन होना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- शहरी जलापूर्ति योजना से वाटर कनेक्शन लेने में लोगों को हो रही परेशानी, पाइप लाइन विस्तारीकरण की मांग

क्या कहते हैं पंडा समाज

पंडा धर्मरक्षणी सभा के महामंत्री संजय झा ने कहा कि बासुकीनाथ ऐसे विश्व प्रसिद्ध जगह में ठोस कचरा प्रबंधन नहीं होना काफी दुख की बात है, हम लोग इसके लिये कई बार मांग उठा चुके हैं, मंदिर प्रबंधन को भी कई बार लिखित शिकायत भी कर चुके हैं कि बासुकीनाथ में एक ठोस कचरा प्रबंधन होना चाहिए. जिससे मंदिर और बाजार से उत्पन्न कचरे को जहां-तहां फेंक दिया जाता है उसे नहीं फेंकना पड़े. इससे कई तरह की बीमारी और महामारी उत्पन्न होता है, खासकर यहां घूम रहे पशुओं को इस कचरे को खाने से कई प्रकार का बीमारी और कचरे में प्लास्टिक को भी पशु खा जाते हैं, इससे भी पशु बीमार हो जाते हैं सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था करनी चाहिए.

क्या कहते हैं श्रद्धालु

वहीं दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर में कचरा प्रबंधन का नहीं होना दुखद है, सरकार को इस ओर आवश्यक कदम उठाना चाहिए और यहां पर एक ठोस कचरा का प्रबंधन करना चाहिए. जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी ना हो.

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