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DMCH में बर्न पेसेंट के लिए नहीं है उचित व्यवस्था, लाखों की लागत से बना बर्न यूनिट फांक रहा धूल - डीएमसीएच की लापरवाही

दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बर्न पेसेंट के इलाज के लिए व्यवस्था नहीं है. इसके कारण कई मरीजों की मौत भी हो गई है. यहां पर आग से झुलसे मरीजों को भी आम मरीजों के साथ रखा जाता है, जिससे संक्रमण का डर भी बढ़ जाता है.

no proper system for treating burn pesant in DMCH
DMCH में बर्न पेसेंट के लिए नहीं है उचित व्यवस्था
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Published : Jan 21, 2020, 6:58 PM IST

दुमका: जिला के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आग से झुलसे मरीजों के लिए इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है. यहां आम मरीजों के साथ ही जले हुए मरीजों को भी रखा जाता है, जिससे उनमें संक्रमण की संभावना काफी बढ़ जाती है. मरीजों के इलाज की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें किसी दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है.

देखें पूरी खबर

दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले तीन महीने में लगभग 15 मरीज आग से झुलसे हुए आए हैं, लेकिन इलाज की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण उनकी मौत हो गई है.

इसे भी पढ़ें:- आयुष्मान कार्डधारी के बच्चे ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम, पूर्व सीएम और सांसद से नहीं मिली कोई मदद

इलाज में बरती जा रही है लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. आम मरीजों के साथ आग से झुलसे मरीजों को रखा जाता है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी होती है. स्थानीय लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग को इस इस अस्पताल पर ध्यान देना चाहिए, जिससे व्यवस्था दुरुस्त हो सके.

बर्न यूनिट अब तक नहीं हुआ चालू
डीएमसीएच परिसर में 2 साल पहले बर्न यूनिट लाखों की लागत से बनाया गया था, कीमती उपकरण लगाए गए, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हुआ. यहां की मशीन बिना इस्तेमाल किए ही खराब हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को इसे जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए, ताकि जले हुए मरीजों को सही इलाज मिल सके.

क्या कहते हैं डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट
इस संबंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ रविंद्र कुमार से बात की, तो उन्होंने भी माना कि आम मरीजों के साथ जले मरीजों को रखना सही नहीं है. उनका कहना है कि यहां जले हुए मरीजों के लिए अलग से कोई व्यवस्था ही नहीं है. ईटीवी भारत से उन्होंने कहा कि बर्न पेसेंट के लिए प्लास्टिक सर्जन की जरूरत है, जो हमारे पास नहीं है, यूनिट शुरु होने के सवाल पर उन्होंने आश्वासन दिया कि दो-तीन महीने में इसे चालू कर दिया जाएगा.

दुमका: जिला के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आग से झुलसे मरीजों के लिए इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है. यहां आम मरीजों के साथ ही जले हुए मरीजों को भी रखा जाता है, जिससे उनमें संक्रमण की संभावना काफी बढ़ जाती है. मरीजों के इलाज की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें किसी दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है.

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दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले तीन महीने में लगभग 15 मरीज आग से झुलसे हुए आए हैं, लेकिन इलाज की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण उनकी मौत हो गई है.

इसे भी पढ़ें:- आयुष्मान कार्डधारी के बच्चे ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम, पूर्व सीएम और सांसद से नहीं मिली कोई मदद

इलाज में बरती जा रही है लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. आम मरीजों के साथ आग से झुलसे मरीजों को रखा जाता है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी होती है. स्थानीय लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग को इस इस अस्पताल पर ध्यान देना चाहिए, जिससे व्यवस्था दुरुस्त हो सके.

बर्न यूनिट अब तक नहीं हुआ चालू
डीएमसीएच परिसर में 2 साल पहले बर्न यूनिट लाखों की लागत से बनाया गया था, कीमती उपकरण लगाए गए, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हुआ. यहां की मशीन बिना इस्तेमाल किए ही खराब हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को इसे जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए, ताकि जले हुए मरीजों को सही इलाज मिल सके.

क्या कहते हैं डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट
इस संबंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ रविंद्र कुमार से बात की, तो उन्होंने भी माना कि आम मरीजों के साथ जले मरीजों को रखना सही नहीं है. उनका कहना है कि यहां जले हुए मरीजों के लिए अलग से कोई व्यवस्था ही नहीं है. ईटीवी भारत से उन्होंने कहा कि बर्न पेसेंट के लिए प्लास्टिक सर्जन की जरूरत है, जो हमारे पास नहीं है, यूनिट शुरु होने के सवाल पर उन्होंने आश्वासन दिया कि दो-तीन महीने में इसे चालू कर दिया जाएगा.

Intro:दुमका -
दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आग से झुलसे मरीजों के इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है । यहाँ आम मरीजों के साथ ही जले हुए मरीजों को भी रखा जाता है । जिससे उनमें संक्रमण की संभावना काफी बढ़ जाती है । मरीजों के इलाज की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें बाहर रेफर कर दिया जाता है । पिछले 3 माह में आधा दर्जन ऐसे मरीजों आग से झुलस कर यहां आए उनकी या तो डीएमसीएच मौत हो गई या फिर बाहर ले जाने के क्रम में उनकी जान चली गई । साफ जाहिर है यहां बर्न पेसेंट का प्रॉपर इलाज नहीं हो रहा है ।

लोगों का कहना - ईलाज में बरती जा रही है लापरवाही ।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ काफी लापरवाही बरती जा रही है । आम मरीजो के साथ आग से झुलसे मरीजों को रखा गया है । ववे कहते हैं स्वास्थ्य विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए ।

बाईंट - अमरेन्द्र , स्थानीय


Body:बर्न यूनिट अब तक नहीं हुआ चालू ।
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डीएमसीएच परिसर में 2 वर्ष पहले बर्न यूनिट लाखों की लागत से बनाया गया था । कीमती उपकरण लगाए गए लेकिन आज तक यह चालू नहीं हुआ । अब तो बिना इस्तेमाल के ही यह खराब हो रहे हैं । स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को इसे जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए ताकि जले हुए मरीजों को सही इलाज मिल सके ।

बाईट - जयप्रकाश मंडल , सदस्य जिला परिषद , दुमका


Conclusion:क्या कहते हैं डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ।
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इस संबंध में हमने डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ रविंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने भी माना कि आम मरीज के साथ जले मरीजो को रखना सही नहीं है । लेकिन उनका कहना है कि व्यवस्था ही नहीं है । उनका कहना है कि कि बर्न पेसेंट के लिए प्लास्टिक सर्जन की जरूरत है जो हमारे पास नहीं है । यूनिट चालू होने के सवाल पर उन्होंने आश्वासन दिया कि दो-तीन महीने में इसे चालू कर लिया जाएगा ।

बाईंट - डॉ रविन्द्र कुमार , सुपरिटेंडेंट , डीएमसीएच

फाईनल वीओ -
दुमका में जल हुए मरीजों का इलाज नहीं कर पा रहा है सरकार को इसके प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए । ऐसे मरीजों की रक्षा हो सके इसके लिए बेहतर व्यवस्था की जरूरत है ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
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