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दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नहीं है चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर, कैसे होगा तीसरी लहर से बचाव?

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Published : Jul 7, 2021, 4:12 PM IST

कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना से दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन काफी चिंतित है. अस्पताल में चाइल्ड स्पेशलिस्ट (Child Specialist) डॉक्टर की कमी है.

no child specialist doctor in jhano medical college hospital of dumka
दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नहीं है चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर, कैसे होगा तीसरी लहर से बचाव?

दुमका: कोरोना की तीसरी लहर बहुत जल्द आने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इसमें ये कहा जा रहा है कि इस दौरान छोटे बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे. इससे दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल का प्रबंधन मेडिकल कॉलेज काफी चिंतित है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. रविंद्र कुमार (Superintendent of Medical College Hospital) का मानना है कि तीसरी लहर की चपेट में छोटे बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे.


इसे भी पढ़ें- कोरोना की तीसरी लहर से मासूमों को बचाने की विशेष ट्रेनिंग, जानिए राजधानी के अस्पतालों की क्या है तैयारी

क्या है पूरा मामला

उसके लिए हमारे यहां 50 बेड का वार्ड तैयार भी हो रहा है. ये तैयारी अंतिम स्टेज में है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये है कि हम अभी हमारे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ दो ही चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ राकेश और डॉ. नागार्जुन हैं. यहां बड़ी बात यह भी है कि उन दोनों चिकित्सकों का अनुबंध जल्द समाप्त होने वाला है. ऐसे में हमारा अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर का सामना कैसे कर पाएगा.

देखें पूरी खबर


इसे भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल, तीसरी लहर पर क्या है तैयारी?


क्या कहते हैं PJMCH के सुपरिटेंडेंट
बताते चलें कि फूलो झानो मेडिकल कॉलेज (Phulo Jhano Medical College) के अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह जानकारी दी कि चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी को देखते हुए हमने सरकार के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को पत्र लिखा है. इस पत्र में हमने सरकार से चार चाइल्ड स्पेशलिस्ट की डिमांड की है. हमने आग्रह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर हमें चार स्पेशल डॉक्टर उपलब्ध कराए जाएं.

no child specialist doctor in jhano medical college hospital of dumka
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नहीं है चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर

अभी अस्पताल में जो अन्य बीमारी से ग्रसित बच्चे आते हैं, उनके इलाज के लिए दो चिकित्सक जो मौजूद हैं. वह कम पड़ रहे हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि अगर वे कोरोना बच्चे पॉजिटिव का इलाज करेंगे, तो वह अन्य बच्चों का इलाज नहीं कर सकेंगे. ऐसे में हमें अलग से चार स्पेशलिस्ट चिकित्सक उपलब्ध कराए जाएं. डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि पत्र तो हमने लिख दिया है, अभी तक कोई रिप्लाई नहीं आया है. ऐसे में हमारी चिंता है कि कोरोना किसी लहर का सामना हम कैसे कर पाएंगे.

दुमका: कोरोना की तीसरी लहर बहुत जल्द आने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इसमें ये कहा जा रहा है कि इस दौरान छोटे बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे. इससे दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल का प्रबंधन मेडिकल कॉलेज काफी चिंतित है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. रविंद्र कुमार (Superintendent of Medical College Hospital) का मानना है कि तीसरी लहर की चपेट में छोटे बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे.


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क्या है पूरा मामला

उसके लिए हमारे यहां 50 बेड का वार्ड तैयार भी हो रहा है. ये तैयारी अंतिम स्टेज में है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये है कि हम अभी हमारे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ दो ही चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ राकेश और डॉ. नागार्जुन हैं. यहां बड़ी बात यह भी है कि उन दोनों चिकित्सकों का अनुबंध जल्द समाप्त होने वाला है. ऐसे में हमारा अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर का सामना कैसे कर पाएगा.

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क्या कहते हैं PJMCH के सुपरिटेंडेंट
बताते चलें कि फूलो झानो मेडिकल कॉलेज (Phulo Jhano Medical College) के अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह जानकारी दी कि चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी को देखते हुए हमने सरकार के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को पत्र लिखा है. इस पत्र में हमने सरकार से चार चाइल्ड स्पेशलिस्ट की डिमांड की है. हमने आग्रह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर हमें चार स्पेशल डॉक्टर उपलब्ध कराए जाएं.

no child specialist doctor in jhano medical college hospital of dumka
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नहीं है चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर

अभी अस्पताल में जो अन्य बीमारी से ग्रसित बच्चे आते हैं, उनके इलाज के लिए दो चिकित्सक जो मौजूद हैं. वह कम पड़ रहे हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि अगर वे कोरोना बच्चे पॉजिटिव का इलाज करेंगे, तो वह अन्य बच्चों का इलाज नहीं कर सकेंगे. ऐसे में हमें अलग से चार स्पेशलिस्ट चिकित्सक उपलब्ध कराए जाएं. डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि पत्र तो हमने लिख दिया है, अभी तक कोई रिप्लाई नहीं आया है. ऐसे में हमारी चिंता है कि कोरोना किसी लहर का सामना हम कैसे कर पाएंगे.

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