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दुमका: अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी नहीं हैं मास्क की व्यवस्था, संक्रमण फैलने की आशंका

कोरोना वायरस को लेकर जहां पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है. थोड़ी सी भी परेशानी होने पर तुरंत लोगों को डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है वहीं, दुमका के एक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी मास्क तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में महामारी फैलने की आशंका जतायी जा रही है.

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Published : Mar 27, 2020, 9:52 AM IST

जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
no arrangement of mask in Dumka's hospital

दुमका: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जरमुंडी में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर कोई भी प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं है. अगर मास्क उपलब्ध भी है तो सिर्फ डॉक्टर के लिए इसके अलावा किसी भी कर्मी के पास मास्क नहीं है.

डॉ अनीश कुमार का बयान

प्राथमिक उपचार की व्यवस्था

दुमका के जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किसी भी प्रकार की प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं है. डॉक्टर को छोड़कर किसी भी स्वास्थ्य कर्मी के पास मास्क तक उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं डॉक्टर के पास किसी प्रकार का किट भी नहीं है. ऐसे में कोरोना के महामारी का खतरा बढ़ सकता है. बिना प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के मरिजों का इलाज करना एक बहुत बड़े खतरे को मोल लेना माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें-कोरोना संदिग्धों के लिए तैयार है आइसोलेशन सेंटर, ईटीवी भारत ने की पड़ताल

अस्पताल में पीपीई किट और मास्क नहीं है उपलब्ध

मामले में डॉ अनीश कुमार ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों के लिए पीपीई किट और मास्क उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संदिग्ध मरीज के आने से यहां आने वाले दूसरे मरीजों के साथ-साथ यहां के स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना के चपेट में आ सकते हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में महामारी पैदा होने की आशंका है.

दुमका: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जरमुंडी में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर कोई भी प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं है. अगर मास्क उपलब्ध भी है तो सिर्फ डॉक्टर के लिए इसके अलावा किसी भी कर्मी के पास मास्क नहीं है.

डॉ अनीश कुमार का बयान

प्राथमिक उपचार की व्यवस्था

दुमका के जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किसी भी प्रकार की प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं है. डॉक्टर को छोड़कर किसी भी स्वास्थ्य कर्मी के पास मास्क तक उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं डॉक्टर के पास किसी प्रकार का किट भी नहीं है. ऐसे में कोरोना के महामारी का खतरा बढ़ सकता है. बिना प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के मरिजों का इलाज करना एक बहुत बड़े खतरे को मोल लेना माना जा रहा है.

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अस्पताल में पीपीई किट और मास्क नहीं है उपलब्ध

मामले में डॉ अनीश कुमार ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों के लिए पीपीई किट और मास्क उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संदिग्ध मरीज के आने से यहां आने वाले दूसरे मरीजों के साथ-साथ यहां के स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना के चपेट में आ सकते हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में महामारी पैदा होने की आशंका है.

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