दुमका: संथालपरगना के हार्डकोर नक्सली गंगा प्रसाद राय ने आत्मसर्पण कर दिया है. दुमका पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में संथालपरगना डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, एसएसबी डीआईजी टी दोरजे , उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, एसपी अम्बर लकड़ा के समक्ष गंगा प्रसाद ने अपना रायफल सौंप कर आत्मसमर्पण किया.
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पुलिस को कई कांडों में थी तलाश
गंगा प्रसाद राय जिले के काठीकुंड और रामगढ़ थाना क्षेत्र के दो नक्सली मामलों में वांटेड था. उस पर हार्डकोर नक्सली विजय दा और ताला के दस्ते में शामिल होने का भी आरोप है.
समर्पण नीति का असर
नक्सली गंगा प्रसाद राय के आत्मसमर्पण को संथाल परगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने सुरक्षाबलों की दबिश और झारखंड सरकार की नई दिशा पॉलिसी का नतीजा बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर गंगा प्रसाद ने सरेंडर किया है. डीआईजी ने बताया कि गंगा प्रसाद को तीन लाख 15 हजार रुपये के साथ आजीविका और बीमा संबंधित कई लाभ प्रदान किए जाएंगे.
सरेंडर ही नक्सलियों के लिए अंतिम उपाय
गंगा प्रसाद के आत्मसमर्पण के बाद एसएसबी के डीआईजी टी दोरजे ने कहा कि झारखंड पुलिस और एसएसबी के संयुक्त प्रयास से नक्सली के खिलाफ सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि नक्सली भी समझ रहे हैं कि आत्मसमर्पण करने में ही भलाई है. टी दोरजे ने कहा जो लोग भटके हुए हैं वे सरकार की नीति को समझें और सरेंडर करें, अन्यथा सुरक्षा बल उन्हें छोड़ने वाले नहीं हैं.