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दुमका: मिनी वाटर प्लांट एक वर्ष के अंदर हुआ खराब, पानी के लिए जनता परेशान - दुमका निर्मित मिनी वाटर प्लांट खबर

दुमका जिला में आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल गांव में निर्मित मिनी वाटर प्लांट एक वर्ष के अंदर खराब हो गया. इसकी वजह से पानी के लिए जनता काफी परेशान है.

mini water plant deteriorated within a year in dumka
निर्मित मिनी वाटर प्लांट खराब
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Published : Feb 23, 2021, 6:17 PM IST

दुमका: जिले के कई गांव में मिनी वाटर सोलर प्लांट लगाकर लोगों को नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. ऐसा ही एक प्लांट आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल गांव सदर प्रखंड के मझियाड़ा गांव में भी लगा था, लेकिन 1 वर्ष भी वह सही ढंग से नहीं चल पाया और खराब होकर शोभा की वस्तु बन चुका है. मझियाड़ा गांव में पहले से पानी की काफी समस्या थी. इसकी वजह यह है कि यहां वाटर लेबल काफी नीचे है और चापाकल काफी चलाने के बाद थोड़ा बहुत पानी निकलता है. इस वाटर प्लांट के लगने से लोगों को काफी सहूलियत हो रही थी, लेकिन पिछले छह माह से यह खराब हो चुका है इससे लोग काफी परेशान हैं.

देखें पूरी खबर
इसे भी पढ़ें-सुखदेव नगर के व्यक्ति ने एसएसपी के नाम लिखा सुसाइड नोट, इंस्पेक्टर पर बर्बाद करने का आरोप लगा कर ली खुदकुशी


क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव के कुछ लोगों ने बताया कि इस मिनी वाटर प्लांट के खराब हो जाने से परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि जब यह प्लांट लगा तो लोगों को काफी सुविधा होने लगी थी, लेकिन पिछले 6 माह से यह खराब है. उनका कहना है कि प्रशासन जल्द से जल्द ध्यान दें और इसे दुरुस्त कराए.

क्या कहते हैं पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता
इस वाटर प्लांट के खराब होने की जानकारी हमने दुमका पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी को दी. उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी ने से बनाया है उसी को इसका मेंटेनेंस भी करना है. हम उन्हें निर्देश देंगे कि जल्द से जल्द इसे दुरुस्त किया जाए. हमारा प्रयास होगा कि ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं हो.

बिन पानी सब सून
एक कहावत है बिन पानी सब सून. मझियाड़ा गांव के लोगों को जब 1 साल पहले इस वाटर प्लांट की सौगात मिली तो वे काफी खुश थे, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा नहीं टिक पाई और खराब हो चुका है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इसे ठीक कराएं, ताकि गांव वालों को पानी की समस्या न हो.

दुमका: जिले के कई गांव में मिनी वाटर सोलर प्लांट लगाकर लोगों को नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. ऐसा ही एक प्लांट आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल गांव सदर प्रखंड के मझियाड़ा गांव में भी लगा था, लेकिन 1 वर्ष भी वह सही ढंग से नहीं चल पाया और खराब होकर शोभा की वस्तु बन चुका है. मझियाड़ा गांव में पहले से पानी की काफी समस्या थी. इसकी वजह यह है कि यहां वाटर लेबल काफी नीचे है और चापाकल काफी चलाने के बाद थोड़ा बहुत पानी निकलता है. इस वाटर प्लांट के लगने से लोगों को काफी सहूलियत हो रही थी, लेकिन पिछले छह माह से यह खराब हो चुका है इससे लोग काफी परेशान हैं.

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क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव के कुछ लोगों ने बताया कि इस मिनी वाटर प्लांट के खराब हो जाने से परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि जब यह प्लांट लगा तो लोगों को काफी सुविधा होने लगी थी, लेकिन पिछले 6 माह से यह खराब है. उनका कहना है कि प्रशासन जल्द से जल्द ध्यान दें और इसे दुरुस्त कराए.

क्या कहते हैं पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता
इस वाटर प्लांट के खराब होने की जानकारी हमने दुमका पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी को दी. उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी ने से बनाया है उसी को इसका मेंटेनेंस भी करना है. हम उन्हें निर्देश देंगे कि जल्द से जल्द इसे दुरुस्त किया जाए. हमारा प्रयास होगा कि ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं हो.

बिन पानी सब सून
एक कहावत है बिन पानी सब सून. मझियाड़ा गांव के लोगों को जब 1 साल पहले इस वाटर प्लांट की सौगात मिली तो वे काफी खुश थे, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा नहीं टिक पाई और खराब हो चुका है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इसे ठीक कराएं, ताकि गांव वालों को पानी की समस्या न हो.

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