दुमकाः जिले के जरमुंडी प्रखंड के मटकारा गांव का स्वास्थ्य उपकेंद्र का नया भवन चार वर्ष पहले 20 लाख की लागत से बनाया गया, ताकि ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा मिले. लेकिन, स्वास्थ्य केंद्र नये भवन में आज तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है. स्थिति यह है कि नया भवन बिना उपयोग किए ही जर्जर हो चुका है.
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अस्पताल भवन बना असामाजिक तत्वों का अड्डा
मटकारा गांव के पुराना स्वास्थ्य केंद्र से करीब 100-200 मीटर पर नया भवन बनाया गया. भवन के बने चार वर्ष हो गए, लेकिन अस्पताल शिफ्ट नहीं हुआ. प्रशासनिक अनदेखी के कारण भवन की समुचित देखरेख भी नहीं की गई. इससे भवन जर्जर हो रहा है. इतना ही नहीं, अस्पताल का नया भवन असामाजिक तत्वों का अड्डा बना है, जो भवन के दरवाजा, खिड़की के साथ साथ नल-पाइप और वायरिंग उखाड़ ले जा रहे हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
मटकारा गांव के ग्रामीण बताते हैं कि पुराना अस्पताल भवन काफी जर्जर हो चुका है. बारिश के दिनों में छत से पानी रिसता है. इस परेशानी को देखते हुए नया भवन बनाया गया. नया भवन बनने से उम्मीद थी कि चिकित्सा की बेहतर सुविधा मिलेगी, लेकिन नये भवन का उपयोग नहीं किया जा सका है.
संबंधित विभाग से मांगी जाएगी जांच रिपोर्ट
दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी कहती है कि नये भवन में अस्पताल क्यों शिफ्ट नहीं हुआ, इसको लेकर संबंधित विभाग से जांच रिपोर्ट मांगी जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले. इसको लेकर शीघ्र नये भवन को दुरुस्त कराया जाएगा. अब देखना यह है कि प्रशासनिक आश्वासन के बाद मटकारा गांव के स्वास्थ्य उपकेंद्र कितना जल्दी नये भवन में शिफ्ट होता है या नहीं.