दुमका: जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले शनिवार को डी-लिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संरक्षक और पूर्व सांसद कड़िया मुंडा उपस्थित हुए. उनके साथ दुमका के भाजपा सांसद सुनील भी मौजूद रहे. इसमें जनजाति सुरक्षा मंच के कई पदाधिकारियों ने भी शिरकत की. इस कार्यक्रम और रैली में झारखंड के साथ पश्चिम बंगाल और बिहार से आए हजारों की संख्या में जनजाति समाज के महिला और पुरुषों ने भी भाग लिया.
दुमका के रसिकपुर मैदान में आयोजित हुए आमसभा से पहले एक रैली निकाली गई, जिसने पूरे शहर का भ्रमण किया. रैली में मौजूद लोगों ने धर्मांतरित लोगों को आरक्षण से हटाने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. इस रैली में लोग पारंपरिक गाजे बाजे और अस्त्र शस्त्र के साथ नज़र आए. इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अनुसूचित जनजाति समाज के लोग जिन्होंने अपना धर्मांतरण कर लिया है. आरक्षण का लाभ उन्हें ही ज्यादा मिल रहा है. उन्होंने बताया कि यह मुद्दा वर्षों पहले सदन में पूर्व सांसद डॉ कार्तिक उरांव ने उठाया था, पर उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी और उन्होंने इस मामले को तवज्जो नहीं दिया. पर हम वर्तमान सरकार से मांग करते हैं एसटी समुदाय के धर्मांतरित व्यक्तियों को डी-लिस्टिंग करें, उन्हें आरक्षण का लाभ न दें.
भाजपा सांसद सुनील सोरेन ने कहा- लड़ कर करायेंगे डी-लिस्टिंग: इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में दुमका के भाजपा सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि यहां धर्म परिवर्तन करने के बाद भी एसटी रिजर्वेशन का लाभ उठाया जा रहा है. सांसद ने कहा कि हमने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया है कि धर्मांतरित व्यक्ति को रिजर्वेशन नहीं मिले, उन्होंने कहा कि लंबी लड़ाई लड़कर हम लोगों ने अब झारखंड राज्य लिया है. अब लड़ कर धर्मांतरित व्यक्तियों को डी-लिस्टिंग कराने का काम करेंगे. उन्होंने लोगों से चुनाव में अगर कोई व्यक्ति जिसने धर्मांतरण किया है, वैसे लोग प्रत्याशी बनते हैं तो उन्हें आप वोट नहीं देने की अपील की.
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