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दुमका के विजयपुर मुक्तिधाम में सुविधाओं का अभाव, हादसे को खुलेआम न्योता - नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी दुमका

दुमका के विजयपुर मुक्तिधाम में कई सुविधाओं का अभाव है. सबसे बड़ा अभाव नदी किनारे पक्के घाट का है. मुक्तिधाम में पीने के पानी के नाम पर सिर्फ एक चापाकल है. यही नहीं यहां पर लोगों को गंदगी का भी सामना करना पड़ता है. वहीं, नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी गंगाराम ठाकुर का कहना है कि हमारा फोकस वहां के विद्युत शवदाह गृह पर है.

Lack of facilities in Vijaypur Muktidham of Dumka
दुमका के विजयपुर मुक्तिधाम में सुविधाओं का अभाव, हादसे को खुलेआम न्योता
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Published : Aug 26, 2021, 4:26 PM IST

दुमका: विजयपुर मुक्तिधाम में व्यवस्थाओं की घोर कमी है. मयूराक्षी नदी के किनारे ये मुक्तिधाम अवस्थित है और यहां नदी का घाट है बहुत गहरा है. इससे कभी भी हादसे होने की आशंका बनी रहती है. दुमका शहरी क्षेत्र और आसपास के इलाके में जिन लोगों की मृत्यु हो जाती है, उन्हें अंतिम संस्कार के लिए विजयपुर के मयूराक्षी नदी के किनारे ले जाया जाता है. हर दिन दो से तीन शवों का अंतिम संस्कार यहां होता है, लेकिन विजयपुर मुक्तिधाम में जरूरी सुविधाओं का घोर अभाव है.

इसे भी पढ़ें- गोद लिए बालीजोर गांव का लालन-पालन करने में प्रशासन असमर्थ! आदर्श ग्राम का हाल-बेहाल


कच्चे घाट के कारण हादसे की आशंका
विजयपुर मुक्तिधाम की कमियों की अगर बात करें तो यहां की सबसे बड़ी समस्या नदी किनारे पक्के घाट की है. विजयपुर का मुक्तिधाम मयूराक्षी नदी के किनारे अवस्थित है और यहां पर घाट कच्चा, छिछला और गहरा है. इसके अलावा इस घाट पर काफी फिसलन है. जब मृत शरीर लेकर यहां जाते हैं तो मान्यताओं के मुताबिक उन्हें नदी में स्नान करना पड़ता है. साथ ही अंतिम संस्कार के बाद भी स्नान कर घर लौटने की परंपरा है लेकिन यहां घाट की स्थिति काफी खतरनाक है और हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है.

व्यवस्थाओं की है कमी
विजयपुर के मुक्तिधाम में पीने के पानी के नाम पर सिर्फ एक चापाकल है. लोग चाहते हैं कि यहां बोरिंग और टंकी के जरिए पानी मिले. साथ ही साथ रोशनी की भी काफी कमी है. हाल ही में 2- 4 स्ट्रीट लाइट नगर परिषद ने लगाई थी, लेकिन वे सभी खराब हो चुके हैं.

गंदगी से परेशान लोग
यहां पहुंचने वाले लोगों को गंदगी का भी सामना करना पड़ता है. दरअसल, इस मुक्तिधाम में एक भी सफाईकर्मी पदस्थापित नहीं है. लोग अंतिम संस्कार कर चले तो जाते हैं, लेकिन आसपास के इलाके में काफी गंदगी छोड़ जाते हैं और ये काम लगातार जारी है. इससे विजयपुर के मुक्तिधाम में गंदगी का ढेर लग गया है. विजयपुर मुक्तिधाम के आसपास के रहने वाले लोगों ने एक समिति बना रखी है और उन लोगों की ओर से खुद के बीच पैसा इक्ट्ठा कर इस मुक्तिधाम की साफ सफाई समेत कई व्यवस्थाएं की जाती है. लेकिन काफी संख्या में लोग अंतिम संस्कार के यहां पहुंचते हैं तो निजी लोगों की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से साफ सफाई की उचित व्यवस्था हो. इसके लिए स्थायीकर्मी को डिप्यूट किया जाए. पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो, हाई मास्क लाइट लगाई जाए. पानी की समुचित व्यवस्था की जाए. विद्युत शवदाह गृह खोला जाए. मयूराक्षी नदी के किनारे घाट को पक्का बनाया जाए. लकड़ी की व्यवस्था के लिए घाट पर डिपो खोला जाए.



इसे भी पढ़ें- सिस्टम की मार-बेहाल सबर परिवारः ना पानी-ना मकान, बुनियादी सुविधाओं का अभाव


क्या कहते हैं नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी ?

विजयपुर मुक्तिधाम में व्यवस्थाओं की कमी को लेकर हमने दुमका नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी (Executive Officer of Dumka Municipal Council) गंगाराम ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका फोकस विद्युत शवदाह गृह पर है. इसके लिए 75 डिसमिल जमीन चाहिए, वो कार्य प्रगति पर है. कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि अन्य जो समस्याएं हैं उसका भी जल्द समाधान कर लिया जाएगा. लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी. मनुष्य जब तक जीवित रहता है, बुनियादी सुविधाओं की तो जरूरत रहती ही है. लेकिन जब उसकी मृत्यु हो जाती है, तो सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होना भी उसका अधिकार है. दुमका जिला प्रशासन को जल्द विजयपुर मुक्तिधाम में पर्याप्त सुविधा बहाल करनी चाहिए.

दुमका: विजयपुर मुक्तिधाम में व्यवस्थाओं की घोर कमी है. मयूराक्षी नदी के किनारे ये मुक्तिधाम अवस्थित है और यहां नदी का घाट है बहुत गहरा है. इससे कभी भी हादसे होने की आशंका बनी रहती है. दुमका शहरी क्षेत्र और आसपास के इलाके में जिन लोगों की मृत्यु हो जाती है, उन्हें अंतिम संस्कार के लिए विजयपुर के मयूराक्षी नदी के किनारे ले जाया जाता है. हर दिन दो से तीन शवों का अंतिम संस्कार यहां होता है, लेकिन विजयपुर मुक्तिधाम में जरूरी सुविधाओं का घोर अभाव है.

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कच्चे घाट के कारण हादसे की आशंका
विजयपुर मुक्तिधाम की कमियों की अगर बात करें तो यहां की सबसे बड़ी समस्या नदी किनारे पक्के घाट की है. विजयपुर का मुक्तिधाम मयूराक्षी नदी के किनारे अवस्थित है और यहां पर घाट कच्चा, छिछला और गहरा है. इसके अलावा इस घाट पर काफी फिसलन है. जब मृत शरीर लेकर यहां जाते हैं तो मान्यताओं के मुताबिक उन्हें नदी में स्नान करना पड़ता है. साथ ही अंतिम संस्कार के बाद भी स्नान कर घर लौटने की परंपरा है लेकिन यहां घाट की स्थिति काफी खतरनाक है और हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है.

व्यवस्थाओं की है कमी
विजयपुर के मुक्तिधाम में पीने के पानी के नाम पर सिर्फ एक चापाकल है. लोग चाहते हैं कि यहां बोरिंग और टंकी के जरिए पानी मिले. साथ ही साथ रोशनी की भी काफी कमी है. हाल ही में 2- 4 स्ट्रीट लाइट नगर परिषद ने लगाई थी, लेकिन वे सभी खराब हो चुके हैं.

गंदगी से परेशान लोग
यहां पहुंचने वाले लोगों को गंदगी का भी सामना करना पड़ता है. दरअसल, इस मुक्तिधाम में एक भी सफाईकर्मी पदस्थापित नहीं है. लोग अंतिम संस्कार कर चले तो जाते हैं, लेकिन आसपास के इलाके में काफी गंदगी छोड़ जाते हैं और ये काम लगातार जारी है. इससे विजयपुर के मुक्तिधाम में गंदगी का ढेर लग गया है. विजयपुर मुक्तिधाम के आसपास के रहने वाले लोगों ने एक समिति बना रखी है और उन लोगों की ओर से खुद के बीच पैसा इक्ट्ठा कर इस मुक्तिधाम की साफ सफाई समेत कई व्यवस्थाएं की जाती है. लेकिन काफी संख्या में लोग अंतिम संस्कार के यहां पहुंचते हैं तो निजी लोगों की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से साफ सफाई की उचित व्यवस्था हो. इसके लिए स्थायीकर्मी को डिप्यूट किया जाए. पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो, हाई मास्क लाइट लगाई जाए. पानी की समुचित व्यवस्था की जाए. विद्युत शवदाह गृह खोला जाए. मयूराक्षी नदी के किनारे घाट को पक्का बनाया जाए. लकड़ी की व्यवस्था के लिए घाट पर डिपो खोला जाए.



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क्या कहते हैं नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी ?

विजयपुर मुक्तिधाम में व्यवस्थाओं की कमी को लेकर हमने दुमका नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी (Executive Officer of Dumka Municipal Council) गंगाराम ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका फोकस विद्युत शवदाह गृह पर है. इसके लिए 75 डिसमिल जमीन चाहिए, वो कार्य प्रगति पर है. कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि अन्य जो समस्याएं हैं उसका भी जल्द समाधान कर लिया जाएगा. लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी. मनुष्य जब तक जीवित रहता है, बुनियादी सुविधाओं की तो जरूरत रहती ही है. लेकिन जब उसकी मृत्यु हो जाती है, तो सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होना भी उसका अधिकार है. दुमका जिला प्रशासन को जल्द विजयपुर मुक्तिधाम में पर्याप्त सुविधा बहाल करनी चाहिए.

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