दुमका: संथाल परगना प्रमंडल ने साल 2021 में कई उतार चढ़ाव देखे. देवघर एम्स में इलाज की शुरुआत, संथालपरगना प्रमण्डल का आयुक्त कार्यालय भवन का निर्माण और साहिबगंज में गंगा नदी पर बन रहा पुल. ये तमाम बातें जिले के लोगों के लिए जहां अच्छी खबर रही. वहीं साहिबगंज में ही रूपा तिर्की मौत प्रकरण ने केवल इस इलाके की नहीं बल्कि पूरे झारखंड की सियासत को प्रभावित किया. राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो यहां उप चुनाव में मंत्री हफीजुल हसन की जीत ने झारखंड में महागठबंधन की स्थिति को मजबूत किया. तो वहीं साइमन मरांडी की मौत यहां के लोगों के लिए झटका देने वाला रहा.
आईए संथाल परगना के उन घटनाक्रमों पर एक नजर डालते हैं जिसने 2021 में पूरे राज्य में सुर्खियां बटोरी..
2021 में विकास की गंगा
24 अप्रैल 2021 में संथाल परगना के विकास में एक नया आयाम जुड़ गया. इसी दिन बहुप्रतीक्षित देवघर एम्स में इलाज की शुरुआत हुई. एम्स में इलाज का शुरू होना संथालपरगना ही नहीं बल्कि आसपास के मरीजों के लिए बहुत बड़ी खबर थी. झारखंड के पहले एम्स से न केवल बिहार बल्कि पड़ोस के कई राज्यों के रोगियों को इलाज में काफी सुविधा हो रही है. एम्स के अलावे संथाल के लिए दूसरी बड़ी खुशखबरी साहिबगंज से आयी. जहां बिहार के मनिहारी घाट से साहिबगंज तक पुल निर्माण का काम शुरू हो गया. 22 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण में 1950 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 4 साल में यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा. इसके अलावे संथालपरगना प्रमण्डल का आयुक्त कार्यालय भवन का निर्माण भी लोगों के लिए खुशखबरी से कम नहीं था.
ये भी पढ़ें- राज्यपाल रमेश बैस ने देवघर एम्स भवन का किया उद्घाटन, डायरेक्टर को दिए कई दिशा निर्देश
ये भी पढ़ें- 70 साल बाद मांग पूरी होने की सुगबुगाहट, साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा पुल का निर्माण कार्य शुरू
कोरोना का कम रहा कहर
वर्ष 2020 के बाद 2021 में भी कोरोना महामारी से जहां पूरा देश परेशान था वहीं संथाल परगना में इसके आंकड़ें उतने भयावह नहीं थे. अभी तक इस प्रमण्डल के छह जिलों का आंकड़ा अगर देखें तो यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या महज 362 है. जिसमें दुमका 47 पाकुड़ में 12, साहिबगंज में 42 , जामताड़ा में 61 , गोड्डा में 87 और देवघर में सबसे ज्यादा 113 मामले सामने आए. अभी तक कोरोना के पॉजिटिव केस के कुल मामले 34296 है.
ये भी पढ़ें- दुमकाः कोरोना वैक्सीन लेने वाले दुकानदार सम्मानित, एसडीएम ने किया पुरस्कृत
रूपा तिर्की की मौत से सियासी उबाल
संथाल परगना में 2021 के आपराधिक घटनाओं पर नजर डालें तो रूपा तिर्की की मौत ने पूरे झारखंड की सियासत को प्रभावित किया. साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की का शव उसके अपने ही घर में फंदे से लटकता मिला था. परिवार वालों ने इसे सुनियोजित षडयंत्र करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. इसके साथ ही ये मामला आपराधिक से ज्यादा सियासी हो गया. मुख्य विपक्षी दल ने इस मामले में सरकार को घेरते हुए सीबीआई जांच की मांग शुरू कर दी. लगातार बढ़ते दवाब और हंगामे के बीच हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है.
ये भी पढ़ें- साहिबगंज: रूपा तिर्की की मौत के बाद गुस्से में लोग, सीएम से सीबीआई जांच की अनुशंसा करने की मांग
ये भी पढ़ें- रूपा तिर्की मौत मामले की होगी सीबीआई जांच, झारखंड हाई कोर्ट ने दिया आदेश
साइबर अपराध का नया ठिकाना
रूपा तिर्की की मौत के साथ साइबर अपराध भी इस इलाके की पुलिस के लिए 2021 में परेशानी का कारण बनी रही. इससे पहले जहां सिर्फ जामताड़ा साइबर अपराध के लिए कुख्यात था. वहीं साल 2021 में इसका विस्तार देवघर, और दुमका में भी हो गया. साइबर अपराधी अब इन दो नए ठिकानों से भी वारदात को अंजाम देने लगे. साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी बहुत हुई. कई अपराधी गिरफ्तार किए गए. लेकिन अब तक इस पर काबू नहीं पाया जा सका है. उम्मीद है साल 2022 में स्थिति में सुधार होगा.
ये भी पढ़ें- साइबर क्राइम का गढ़ बन रहा देवघर, पुलिस ने 8 अपराधियों को किया गिरफ्तार
सियासत में भी सक्रिय रहा संथाल
साल 2021 में झारखंड के सियासत में संथाल परगना की भूमिका अहम रही. यहां के प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम की बात करें तो झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीज़ुल हसन का मधुपुर उपचुनाव में जीत दर्ज करना रहा. दरअसल पिछले साल झामुमो के कद्दावर नेता और हेमंत सरकार में मंत्री रहे हाजी हुसैन अंसारी के निधन होने के बाद मधुपुर विधानसभा क्षेत्र खाली हो गया था. सत्तारूढ़ दल के लिए बीजेपी की कड़ी चुनौती के बीच हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल हसन को चुनाव जितवाना बड़ी उपलब्धि रही. ऐसे में इसे वर्ष 2021 का संथालपरगना के लिए यह प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम माना जा सकता है.
ये भी पढ़ें- भाजपा नेताओं के जनभावना को ठेस पहुंचाने वाले बयान का जवाब है मधुपुर का परिणाम: डॉ. रामेश्वर उरांव
हेमंत सोरेन को घर से मिली चुनौती
संथाल परगना को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. वर्तमान समय में सीएम हेमंत सोरेन समेत झामुमो के नौ विधायक इस प्रमण्डल से हैं. लेकिन इस बार अपनी ही पार्टी और सरकार के विरोध में झामुमो के नेता मुखर रहे. इसमें प्रमुख रूप से जामा की विधायक और सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन और बोरियों के विधायक लोबिन हेंब्रम शामिल है. सीता सोरेन तो कई बार भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार और पार्टी के विरोध में आवाज उठाती दिखी. इधर लोबिन हेंब्रम ने स्टोन चिप्स की अवैध ढुलाई के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. वे सरकार के खिलाफ जाकर झारखंड बिहार के मिर्जाचौकी बॉर्डर पर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए. उनकी नाराजगी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यक्रमों में भी नजर आई. जब सीएम साहिबगंज के कार्यक्रम में आए तो लोबिन हेंब्रम ने अपने को कार्यक्रम से अलग रखा. इधर झामुमो के कद्दावर नेता माने जाने वाले पूर्व मंत्री और लिट्टीपाड़ा से कई बार विधायक रहे साइमन मरांडी का निधन इसी वर्ष होने से उनके समर्थकों को काफी निराशा भी हुई.
ये भी पढे़ं- देवर की सरकार से नाराज हैं विधायक भाभी, कहा- थानेदार भी नहीं सुनते मंत्री और विधायक की बात