दुमका: जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र का कानकिता गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. जरमुंडी प्रखंड के भालकी पंचायत गांव से कानकिता गांव पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है. दरअसल. नदी पर पुल नहीं रहने से लोग बेहद परेशान हैं. लोग कुरमाहाट होते हुए जरमुंडी प्रखंड कार्यालय पहुंचते हैं. ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और प्रतिनिधियों पर गांव को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.
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समस्या जस की तस
समाजसेवी जीवन मंडल ने बताया कि कई बार जनप्रतिनिधि को इस परेशानी की जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई है. विधायक और सांसद को लिखित आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए नदी पर एक पुल बनाने की मांग की गई है, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
ग्रामीण ने साझा की परेशानी
ग्रामीण कटकी भंडारी ने बताया कि इस गांव में 70 घर हैं, लेकिन कई विधवाओं, विकलांगों या बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है. महिला खुर्शीदा बीबी ने बताया कि उनकी बेटी हाथ से दिव्यांग है. उन्होंने कहा कि वो कई बार प्रखंड कार्यालय जाकर दिव्यांग पेंशन के लिए प्रखंड के बाबू के पास अर्जी दी हैं, लेकिन दिव्यांगता पेंशन लागू नहीं हो पाई है. ऐसे में लोगों का सरकार से मदद का भरोसा उठता जा रहा है.
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सरकारी बाबुओं से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि बहुत कम ही लोग सरकारी योजना से वंचित हैं. हमारे पदाधिकारी इसको लेकर लगे हुए हैं. बहुत जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा.