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ओलचिकी हूल बैसी के झारखंड बंद का दुमका में व्यापक असर, रेलवे पटरी पर बैठे बंद समर्थक - दुमका बंद

दुमका में झारखंड बंद का व्यापक असर दिख रहा है. ओलचिकी हूल बैसी ने बंद बुलाया है. शिकरीपाड़ा के तमाम पत्थर खदान और क्रशर बंद हैं.

Jharkhand Band
ओलचिकी हूल बैसी के कारण झारखंड बंद का व्यापक असर
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Published : Jul 4, 2023, 2:17 PM IST

देखें पूरी खबर

दुमका: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ओलचिकी हूल बैसी ने मंगलवार (4 जुलाई) को झारखंड बंद का आह्वान किया है. दुमका में इसका व्यापक असर देखा जा रहा है. बंद समर्थकों ने दुमका-रामपुरहाट और दुमका-भागलपुर मार्ग जाम कर दिया है. वहीं शिकारीपाड़ा के तमाम पत्थर खदान और क्रशर बंद हैं. वहीं शिकारीपाड़ा के दुमका-रामपुरहाट रेलखंड की पटरी पर लोग बैठ गए हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड बंद का उपराजधानी में व्यापक असर, वाहनों का रुका पहिया, व्यवसायिक प्रतिष्ठान के गिरे रहे शटर

क्या है पूरा मामला: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ओलचिकी हूल बैसी ने आज झारखंड बंद का आह्वान किया है. दुमका में इसका व्यापक असर देखा जा रहा है. शिकारीपाड़ा प्रखंड में बंद समर्थकों ने दुमका-रामपुरहाट मार्ग कजलादाहा मोड़ और कालीपाथर में जाम कर दिया है. वहीं पत्थर औद्योगिक क्षेत्र के तमाम स्टोन क्रशर और खदान बंद हैं. इधर दुमका-भागलपुर मार्ग को हंसडीहा थाना क्षेत्र के कुरमाहाट के समीप जाम कर दिया है. बंद समर्थक सड़क के बीचों-बीच बैनर लगाकर बैठ गए हैं. इससे वाहनों की लंबी कतार लग गई है. इसके साथ ही शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र स्थित चापुड़िया रेल फाटक के पास दुमका-रामपुरहाट रेलखंड की पटरी पर बैठ गए हैं. यह बात अलग है कि इस रूट पर इक्के दुक्के ट्रेनों का परिचालन है. इसलिए किसी ट्रेन का आवागमन अभी तक बाधित नहीं हुआ है. आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच गए हैं. बंद समर्थकों को समझा-बुझाकर हटाने का प्रयास कर रहे हैं.

क्या कहना बंद समर्थकों का: बंद समर्थकों का कहना है कि झारखंड सरकार से हमारी मांग है कि संताली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए. संताली शिक्षकों की जल्द बहाली हो. केजी से लेकर पीजी तक ओलचिकी भाषा में पढ़ाई हो. संताली अकादमी का गठन किया जाए. बंद समर्थकों ने कहा कि हमने अपनी मांगों को सरकार के पास रखा था. इसके लिए अल्टीमेटम 27 जून तक दिया था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. कहा कि इसी वजह से हमलोगों ने पूरे झारखंड बंद का आह्वान किया है. अगर अभी सरकार ध्यान नहीं देती है तो आने वाले दिनों में स्कूलों में तालाबंदी का काम किया जाएगा.

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दुमका: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ओलचिकी हूल बैसी ने मंगलवार (4 जुलाई) को झारखंड बंद का आह्वान किया है. दुमका में इसका व्यापक असर देखा जा रहा है. बंद समर्थकों ने दुमका-रामपुरहाट और दुमका-भागलपुर मार्ग जाम कर दिया है. वहीं शिकारीपाड़ा के तमाम पत्थर खदान और क्रशर बंद हैं. वहीं शिकारीपाड़ा के दुमका-रामपुरहाट रेलखंड की पटरी पर लोग बैठ गए हैं.

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क्या है पूरा मामला: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ओलचिकी हूल बैसी ने आज झारखंड बंद का आह्वान किया है. दुमका में इसका व्यापक असर देखा जा रहा है. शिकारीपाड़ा प्रखंड में बंद समर्थकों ने दुमका-रामपुरहाट मार्ग कजलादाहा मोड़ और कालीपाथर में जाम कर दिया है. वहीं पत्थर औद्योगिक क्षेत्र के तमाम स्टोन क्रशर और खदान बंद हैं. इधर दुमका-भागलपुर मार्ग को हंसडीहा थाना क्षेत्र के कुरमाहाट के समीप जाम कर दिया है. बंद समर्थक सड़क के बीचों-बीच बैनर लगाकर बैठ गए हैं. इससे वाहनों की लंबी कतार लग गई है. इसके साथ ही शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र स्थित चापुड़िया रेल फाटक के पास दुमका-रामपुरहाट रेलखंड की पटरी पर बैठ गए हैं. यह बात अलग है कि इस रूट पर इक्के दुक्के ट्रेनों का परिचालन है. इसलिए किसी ट्रेन का आवागमन अभी तक बाधित नहीं हुआ है. आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच गए हैं. बंद समर्थकों को समझा-बुझाकर हटाने का प्रयास कर रहे हैं.

क्या कहना बंद समर्थकों का: बंद समर्थकों का कहना है कि झारखंड सरकार से हमारी मांग है कि संताली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए. संताली शिक्षकों की जल्द बहाली हो. केजी से लेकर पीजी तक ओलचिकी भाषा में पढ़ाई हो. संताली अकादमी का गठन किया जाए. बंद समर्थकों ने कहा कि हमने अपनी मांगों को सरकार के पास रखा था. इसके लिए अल्टीमेटम 27 जून तक दिया था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. कहा कि इसी वजह से हमलोगों ने पूरे झारखंड बंद का आह्वान किया है. अगर अभी सरकार ध्यान नहीं देती है तो आने वाले दिनों में स्कूलों में तालाबंदी का काम किया जाएगा.

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