दुमका: 60-40 नीति के खिलाफ छात्र संगठनों का झारखंड बंद का उपराजधानी दुमका में व्यापक असर देखा जा रहा है. वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप है. वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी बंद रखा गया है. दुमका के फूलों झानो चोक सहित दुधानी चौक, अंबेडकर चौक को पूरी तरह छात्रों ने बंद कर दिया है. जगह-जगह बड़े बड़े वाहनों की लाइन लग गई है. छात्रों ने झारखंड बंद का समर्थन करते हुए सड़क पर वाहनों की आवजाही को रोक दी है. बंद का असर बाजार पर भी पड़ा है. दुकाने बंद है.
छात्र समन्वय समिति का कहना है कि इतने चरणबद्ध आंदोलन के बाद भी सरकार अब तक कोई पहल नियोजन नीति को लेकर नहीं कर रही है. आने वाले समय मे आर्थिक नाकेबंदी अनिश्चितकालीन होगी. इस विषय पर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक चुप है. हेमंत सोरेन और उनके परिवार को जनता ने इतना साथ दिया लेकिन इस जन मुद्दे पर हुए चुप्पी साधे हुए हैं. इसका खामियाजा आने वाले 2019 के चुनाव में उन्हें उठाना पड़ेगा.
गौरतलब है कि झारखंड के युवा छात्र हेमंत सरकार की नियोजन नीति को लगातार विरोध कर रहे है. इस बंद को बुलाने से पहले भी राज्य के छात्रों ने सरकार के खिलाफ कई बार आंदोलन का बिगुल बजा चुके हैं. छात्रों की लगातार मांग है कि झारखंड राज्य झारखंडियों का है. इसमें 60-40 का विरोध कर रहे है छात्र, यहां 60 प्रतिशत झारखंड मूलवासी छात्रों के लिए आरक्षित किया गया है. जबकि 40 प्रतिशत बाहरी छात्रों को लिए. इसी कारण झारखंड की 60-40 नाय चलतो का नारा लगातार बुलंद करते आए हैं.