दुमकाः शिक्षा विभाग की ओर से दुमका स्थित संथाल परगना महिला महाविद्यालय में 4 वर्ष पूर्व एक करोड़ की लागत से एक छात्रावास का निर्माण कराया गया था. इसके लिए लाखों रुपये के सामान खरीदे गए, लेकिन यह हॉस्टल बंद पड़ा है. बताया जा रहा है कि यह हॉस्टल जनरल क्लास की छात्राओं के लिए आरक्षित है, लेकिन सामान्य वर्ग की छात्राओं के हॉस्टल का रुख न करने से यह बंद पड़ा है और दूसरे वर्ग की छात्राएं भी इसका लाभ नहीं उठा पा रहीं हैं.
अनुपयोगी पड़ा छात्रावास, छात्राएं रह रहीं किराये के मकान में
संथाल परगना महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. रीना नीलिमा लकड़ा कहती हैं कि इस हॉस्टल के निर्माण के साथ ही इसमें 'जेनरल' शब्द जोड़ दिया गया था, जिससे यह माना गया कि यह जेनरल कैटेगरी की छात्राओं के लिए बना है. उन्होंने कहा कि सामान्य का अर्थ है सभी के लिए मतलब एसटी, एससी, ओबीसी और जेनरल केटेगरी, प्रिंसिपल ने बताया कि हमने विश्वविद्यालय से यह मांग की है कि सभी श्रेणी की लड़कियों के लिए इसे चालू करने का आदेश दिया जाए ताकि इसमें छात्राएं रह सकें.
वहीं एक छात्रा मनीषा कुमारी का कहना है कि हमने कॉलेज की ऐसी छात्राओं से बात की, जो बाहर से यहां आकर किराये के कमरे में रहकर पढ़ाई कर रहीं हैं. उन्होंने बताया कि हम लोगों को काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं, अगर सरकारी छात्रावास उपलब्ध हो जाए तो काफी राहत मिले.