दुमका: दुमका में प्रशासन की व्यवस्थाएं भी गजब हैं. फूलो झानो मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल कहीं हैं और ब्लड बैंक कहीं है. ऐसे में जरूरतमंदों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे अधिक दिक्कत शहर में दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों को होती है. क्योंकि उन्हें कई बार ब्लड बैंक को तलाशने में दिक्कत होती है. वहीं मेडिकल कॉलेज से करीब एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित ब्लड बैंक का एरिया रात में सुनसान हो जाता है. ऐसे में रात में ब्लड बैंक जा रहे तीमारदारों के साथ अनहोनी की भी आशंका बनी रहती है.
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शहर के ही रहने वाले सौरभ का कहना है कि दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अगर किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता पड़ जाए तो उन्हें जल्दबाजी में रक्त नहीं मिल सकता है. इसकी वजह यह है कि दुमका का ब्लड बैंक जिले के मुख्य अस्पताल से लगभग एक किलोमीटर दूरी पर स्थित है. अगर कोई सुदूरवर्ती ग्रामीण मरीज अस्पताल आता है और डॉक्टर उन्हें ब्लड लाने के लिए बोल दे तो उस मरीज के तीमारदार को ब्लड बैंक ढूंढ़ने में ही काफी वक्त लग जाता है. इससे कभी कोई अनहोनी हो सकती है. दूसरी समस्या यह है कि जिस जगह ब्लड बैंक है रात में वहां सुनसान हो जाता है, उधर आना-जाना खतरनाक हो सकता है.
अस्पताल आए एक मरीज के तीमारदार रंजीत ठाकुर का कहना है कि ब्लड बैंक के अस्पताल से दूर निर्जन इलाके में होने से काफी परेशानी होती है. वह कहते हैं कि सरकार इसे फूलो झानो मेडिकल कॉलेज परिसर में ही शिफ्ट करा दे. उनका कहना है कि जब तक यहां ब्लड बैंक नहीं शिफ्ट हो सकता तब तक अस्पताल से ब्लड बैंक तक आने जाने की कोई व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग कर दे ताकि मरीज को परेशान न होना पड़े.
![Government blood bank Dumka is one km from Phulo Jhano Medical College towards Collectorate](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-dum-01-laparwahi-spl-pkg-7203877_23102021181432_2310f_1634993072_847.jpg)
![Government blood bank Dumka is one km from Phulo Jhano Medical College towards Collectorate](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-dum-01-laparwahi-spl-pkg-7203877_23102021181432_2310f_1634993072_129.jpg)
ब्लड बैंक की महिलाकर्मी पुष्पलता सोरेन का कहना है कि ब्लड बैंक के अस्पताल से दूर सुनसान इलाके में रहने की वजह से मरीज ही परेशान नहीं हैं, यहां काम करने वाली महिला कर्मियों को भी परेशानी होती है. उनका कहना है कि रात में किसी भी हालत में हम लोग यहां नाइट शिफ्ट नहीं कर सकते. क्योंकि नाइट शिफ्ट में यहां सुनसान रहने से यह जगह अनसेफ है. उनका कहना है कि अस्पताल परिसर में अगर इसकी व्यवस्था हो जाए तो ठीक रहेगा.
ब्लड बैंक अस्पताल में रहे तो बेहतर
इस संबंध में दुमका ब्लड बैंक प्रबंधन समिति के सदस्य मनोज कुमार घोष का कहना है कि मरीज को काफी परेशानी तो होती है. वे कहते हैं कि जो मरीज दूरदराज से आते हैं उन्हें तो इस जगह को ढूंढ़ना ही मुश्किल होता है ऐसे में इसे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाए तो बेहतर होगा.