दुमका: आमतौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जो विकास कार्य होते हैं, संवेदक इसका फायदा उठाते हुए घटिया निर्माण कर पेमेंट उठा कर चलते बनते हैं. लेकिन दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में कुछ अलग दृश्य देखने को मिला. दरअसल, प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बन रहे ग्रामीण सड़क में घटिया सामग्री प्रयुक्त होने पर कार्रवाई की गई है. (Action on poor road construction in Dumka).
ये भी पढ़ें: आदित्यपुर में एस टाइप चौक से मांझीटोला सड़क निर्माण मामले में CMO से जांच का आदेश, टीम ने जांच कर सुपूर्द की रिपोर्ट
क्या है पूरा मामला: शिकारीपाड़ा प्रखंड में घटिया निर्माण होने की जानकारी मिलने के बाद दुमका ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार सिन्हा ने छातुपाड़ा-सीतासाल सड़क का जायजा लिया और गार्डवाल को तुड़वा दिया. साथ ही उन्होंने निर्माण सामग्री के सैंपल को जांच के लिए कलेक्ट किया. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि हमने यह निर्देश दिया है कि कनीय अभियंता निहार रंजन दिन भर सड़क निर्माण कार्य स्थल पर रहेंगे. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. साथ ही साथ संवेदक नित्यानंद सिंह जो देवघर के हैं, उन्हें भी चेतावनी दी गई है. अब कार्य में कोताही दिखा तो ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा.
PMGSY के तहत करोड़ों की लागत से बन रही है सड़क: मालूम हो कि सरकार ने नक्सलवाद इलाकों में आवागमन की सुविधा के लिए सड़क निर्माण करने का निर्णय लिया है. इसी के तहत शिकारीपाड़ा प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित छातुपाड़ा-सीतासाल के बीच लगभग 9 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जा रही इस सड़क की लागत 6 करोड़ 93 लाख रुपये है. काम का जिम्मा देवघर के नित्यानंद सिंह को मिला है, जो जैसे-तैसे सड़क का निर्माण करवा रहे हैं. अभी गार्डवाल का जो निर्माण हो रहा है उसमें काला बोल्डर की जगह लाल बोल्डर लगाया जा रहा है जो काफी भुरभुरा होता है. वहीं, बालू की जगह डस्ट देकर जुड़ाई का काम चल रहा है. इधर सड़क निर्माण का भी कार्य काफी घटिया क्वालिटी का किया जा रहा है.
घटिया निर्माण के पीछे कौन जिम्मेदार: काम करा रहे मजदूर जो स्थानीय हैं उन्होंने बताया कि हम लोग डस्ट का प्रयोग कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस घटिया निर्माण के पीछे विभाग जिम्मेदार है क्योंकि काम देखने अभियंता मौके पर नहीं पहुंच रहे हैं. अभियंता के नहीं पहुंचने से संवेदक लापरवाह हो गए हैं और घटिया क्वालिटी की सड़क बन रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आज की कार्रवाई के बाद आगे का निर्माण कार्य किस तरह का होता है.