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'तीनों बेटा में कोई देखरेख नहीं करता है' दुमका एसडीओ से बूढ़ी मां की फरियाद!

दुमका में बुजुर्ग महिला ने अपने बेटों के खिलाफ एसडीओ से शिकायत की है. अपनी फरियाद लेकर एसडीओ कार्यालय पहुंचीं और मदद की गुहार लगाई. दर्द में डूबी मां ने कहा कि मेरे तीनों बेटों में कोई ध्यान नहीं दे रहा है. elderly mother complained about sons to SDO In Dumka.

elderly woman complained against her sons to SDO In Dumka
दुमका में बुजुर्ग महिला ने अपने बेटों के खिलाफ एसडीओ से शिकायत की है
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 14, 2023, 8:42 PM IST

Updated : Oct 14, 2023, 8:50 PM IST

दुमका में बुजुर्ग महिला ने अपने बेटों के खिलाफ एसडीओ से शिकायत की

दुमकाः माता-पिता अपने बच्चों के बेहतर लालन-पालन के लिए अपने सुखों की तिलांजलि दे देते हैं. किसी तरह जीवन जीकर उनको हरसंभव सुख सुविधा प्रदान करते हैं. लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि ढलती उम्र में माता-पिता को यही पुत्र उन्हें बेसहारा छोड़ देते हैं. कुछ ऐसा ही हो रहा है दुमका की 70 वर्षीया सुखिया देवी के साथ.

इसे भी पढ़ें- 15 साल से मां से दूर है बेटी, एसपी ने व्यथा सुन लिया संज्ञान, दिये जांच के आदेश

पीड़ित मां ने लगाई न्याय की गुहारः सुखिया देवी के तीन पुत्र हैं, अपनी सुख सुविधा त्याग कर, खर्च में कटौती कर बच्चों को अच्छी शिक्षा दी. लेकिन नौकरी में आने और अपना परिवार बसाने के बाद वही बेटे मां की देखभाल नहीं कर रहे हैं. आज उनकी मां छोटी-छोटी चीजों के लिए तरस रही हैं. जामा प्रखंड के माथाचक की रहने वालीं 70 साल की सुखिया देवी शनिवार को दुमका समाहरणालय पहुंचीं. उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार मुलाकात की और आपबीती उनसे साझा कीं. सुखिया देवी ने बताया कि पति जीवित थे तो उतनी दिक्कत नहीं थी लेकिन दो साल पहले पति का निधन हो गया. इसके बाद से उनके तीनों पुत्र में से कोई उनकी देखभाल नहीं करता है. सालभर से उन्हें शहर में अवस्थित अपने ही घर में घुसने नहीं दिया जा रहा, इतना ही नहीं बेटों ने उस घर पर ताला जड़ दिया है और बुढ़ापे में अपनी माता को बेसहारा छोड़ दिया है.

एसडीओ को सौंपा आवेदनः इस बाबत महिला ने एसडीओ को एक आवेदन सौंपा है. सुखिया देवी के मुताबिक उनके बेटों के नाम राजेंद्र साह, महेंद्र साह और उदय कुमार साह हैं. राजेंद्र दिल्ली में ही रहता है, महेंद्र ईंट का कारोबार करता है जबकि उदय शिक्षक है और धनबाद के निरसा में पदास्थापित है. उनके तीनों बेटे लंबे अरसे से माता को देखने भी नहीं आते हैं.

सुखिया देवी ने बताया कि दुमका के जामा प्रखंड के माथाचक गांव का घर मुख्य सड़क से तीन किमी अंदर है, जहां रहना और किसी काम के लिए आना-जाना उनके लिए संभव नहीं है. वह अपने पति द्वारा बनाये शहर गये शहर के ही घर में रहना चाहती है, पर बेटे घर में जड़े ताले को खोलना नहीं चाहते. ऐसे में उन्होंने एसडीओ से न्याय की गुहार लगायी है. उनका कहना है कि वह सालभर से खुद से खाना बना नहीं सकती, छोटे बेटे ने किसी होटल में व्यवस्था कर दी थी कि वह वहां से खाना लेकर खा रही हैं. महीने भर तक चली व्यवस्था के बाद मंझले बेटे ने इंतजाम किया, पर अब तो पोते भी धमका रहे हैं कि खाना बंद कर देंगे.

क्या कहते हैं एसडीओ कौशल कुमारः सुखिया देवी की शिकायत सुनकर दुमका एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि वृद्ध महिला ने आवेदन दिया है कि उनके तीन बेटे हैं, पर तीनों उनकी देखभाल नहीं करते हैं. इस बाबत सुखिया देवी के तीनों बेटों को नोटिस दिया जाएगा और मेन्टेन्स एंड वेलफेयर ऑफ सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत उचित देखभाल नहीं करते तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.

दुमका में बुजुर्ग महिला ने अपने बेटों के खिलाफ एसडीओ से शिकायत की

दुमकाः माता-पिता अपने बच्चों के बेहतर लालन-पालन के लिए अपने सुखों की तिलांजलि दे देते हैं. किसी तरह जीवन जीकर उनको हरसंभव सुख सुविधा प्रदान करते हैं. लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि ढलती उम्र में माता-पिता को यही पुत्र उन्हें बेसहारा छोड़ देते हैं. कुछ ऐसा ही हो रहा है दुमका की 70 वर्षीया सुखिया देवी के साथ.

इसे भी पढ़ें- 15 साल से मां से दूर है बेटी, एसपी ने व्यथा सुन लिया संज्ञान, दिये जांच के आदेश

पीड़ित मां ने लगाई न्याय की गुहारः सुखिया देवी के तीन पुत्र हैं, अपनी सुख सुविधा त्याग कर, खर्च में कटौती कर बच्चों को अच्छी शिक्षा दी. लेकिन नौकरी में आने और अपना परिवार बसाने के बाद वही बेटे मां की देखभाल नहीं कर रहे हैं. आज उनकी मां छोटी-छोटी चीजों के लिए तरस रही हैं. जामा प्रखंड के माथाचक की रहने वालीं 70 साल की सुखिया देवी शनिवार को दुमका समाहरणालय पहुंचीं. उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार मुलाकात की और आपबीती उनसे साझा कीं. सुखिया देवी ने बताया कि पति जीवित थे तो उतनी दिक्कत नहीं थी लेकिन दो साल पहले पति का निधन हो गया. इसके बाद से उनके तीनों पुत्र में से कोई उनकी देखभाल नहीं करता है. सालभर से उन्हें शहर में अवस्थित अपने ही घर में घुसने नहीं दिया जा रहा, इतना ही नहीं बेटों ने उस घर पर ताला जड़ दिया है और बुढ़ापे में अपनी माता को बेसहारा छोड़ दिया है.

एसडीओ को सौंपा आवेदनः इस बाबत महिला ने एसडीओ को एक आवेदन सौंपा है. सुखिया देवी के मुताबिक उनके बेटों के नाम राजेंद्र साह, महेंद्र साह और उदय कुमार साह हैं. राजेंद्र दिल्ली में ही रहता है, महेंद्र ईंट का कारोबार करता है जबकि उदय शिक्षक है और धनबाद के निरसा में पदास्थापित है. उनके तीनों बेटे लंबे अरसे से माता को देखने भी नहीं आते हैं.

सुखिया देवी ने बताया कि दुमका के जामा प्रखंड के माथाचक गांव का घर मुख्य सड़क से तीन किमी अंदर है, जहां रहना और किसी काम के लिए आना-जाना उनके लिए संभव नहीं है. वह अपने पति द्वारा बनाये शहर गये शहर के ही घर में रहना चाहती है, पर बेटे घर में जड़े ताले को खोलना नहीं चाहते. ऐसे में उन्होंने एसडीओ से न्याय की गुहार लगायी है. उनका कहना है कि वह सालभर से खुद से खाना बना नहीं सकती, छोटे बेटे ने किसी होटल में व्यवस्था कर दी थी कि वह वहां से खाना लेकर खा रही हैं. महीने भर तक चली व्यवस्था के बाद मंझले बेटे ने इंतजाम किया, पर अब तो पोते भी धमका रहे हैं कि खाना बंद कर देंगे.

क्या कहते हैं एसडीओ कौशल कुमारः सुखिया देवी की शिकायत सुनकर दुमका एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि वृद्ध महिला ने आवेदन दिया है कि उनके तीन बेटे हैं, पर तीनों उनकी देखभाल नहीं करते हैं. इस बाबत सुखिया देवी के तीनों बेटों को नोटिस दिया जाएगा और मेन्टेन्स एंड वेलफेयर ऑफ सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत उचित देखभाल नहीं करते तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Oct 14, 2023, 8:50 PM IST

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