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दुमकाः ग्रामीण क्षेत्र में दुर्गापूजा की धूम, कड़हलबिल पहाड़ी में होती है मां की अराधना

दुमका में शारदीय नवरात्र की धूमधाम से मनायी जाती है. जिले के सदर प्रखंड के कड़हलबिल में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. यहां संथाल समुदाय के सफा होड़ समाज के लोग दुर्गापूजा का आयोजन करते हैं. यहां की खासियत है कि यहां पर जीव हत्या पूरी तरह से वर्जित है.

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Published : Oct 7, 2019, 11:10 PM IST

कड़हलबिल में दुर्गा पूजा

दुमकाः वैसे तो पूरे दुमका के ग्रामीण क्षेत्र में दुर्गापूजा की धूम है पर सदर प्रखंड के कड़हलबिल पहाड़ी के ऊपर आयोजित होने वाले दुर्गापूजा का अपना विशेष महत्व है. यहां आदिवासी संथाल समुदाय के सफा होड़ समाज द्वारा दुर्गापूजा का आयोजन होता है.

देखें पूरी खबर


जीव हत्या वर्जित

कड़हलबिल पहाड़ी के ऊपर आयोजित होने वाले दुर्गापूजा में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के संथाल समाज के लोग आते हैं. यहां की खासियत यह है कि यहां पर जीव हत्या पूरी तरह से वर्जित है. फूल, फल, अनाज देवी को चढ़ाया जाता है और बलि के रूप में कोहड़ा की बलि दी जाती है, जिसे लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.

यह भी पढ़ें- रांचीः JAP- 1 में खास अंदाज में होती है मां दुर्गा की आराधना, फायरिंग कर दी जाती है सलामी

भक्तों में है असीम श्रद्धा

संथाल समाज के लोगों का कड़हलबिल पहाड़ी में स्थापित मां दुर्गा के प्रति असीम आस्था है. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां जो भी मन्नत मां दुर्गा से वे मांगते हैं वह पूर्ण होती है.

दुमकाः वैसे तो पूरे दुमका के ग्रामीण क्षेत्र में दुर्गापूजा की धूम है पर सदर प्रखंड के कड़हलबिल पहाड़ी के ऊपर आयोजित होने वाले दुर्गापूजा का अपना विशेष महत्व है. यहां आदिवासी संथाल समुदाय के सफा होड़ समाज द्वारा दुर्गापूजा का आयोजन होता है.

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जीव हत्या वर्जित

कड़हलबिल पहाड़ी के ऊपर आयोजित होने वाले दुर्गापूजा में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के संथाल समाज के लोग आते हैं. यहां की खासियत यह है कि यहां पर जीव हत्या पूरी तरह से वर्जित है. फूल, फल, अनाज देवी को चढ़ाया जाता है और बलि के रूप में कोहड़ा की बलि दी जाती है, जिसे लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.

यह भी पढ़ें- रांचीः JAP- 1 में खास अंदाज में होती है मां दुर्गा की आराधना, फायरिंग कर दी जाती है सलामी

भक्तों में है असीम श्रद्धा

संथाल समाज के लोगों का कड़हलबिल पहाड़ी में स्थापित मां दुर्गा के प्रति असीम आस्था है. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां जो भी मन्नत मां दुर्गा से वे मांगते हैं वह पूर्ण होती है.

Intro:दुमका -
वैसे तो पूरे दुमका के ग्रामीण क्षेत्र में दुर्गापूजा की धूम है पर सदर प्रखंड के कड़हलबिल पहाड़ी के ऊपर आयोजित होने वाले दुर्गापूजा का अपना विशेष महत्व है । यहां आदिवासी संथाल समुदाय के सफ़ा होड़ समाज द्वारा दुर्गापूजा का आयोजन होता है । यहां झारखंड , बिहार , पश्चिम बंगाल के संथाल समाज के लोग आते हैं । यहां की खासियत यह है कि यहां पर जीव हत्या पूरी तरह से वर्जित है । फूल , फल , अनाज देवी को चढ़ाया जाता है और बलि के रूप में कोहड़ा की बलि दी जाती है । जिसे लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं ।

बाईंट - शिबू सोरेन , पुजारी
बाईंट - गुंजन मराण्डी , आयोजक


Body:भक्तों में है असीम श्रद्धा ।
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संथाल समाज के लोगों का कड़हलबिल पहाड़ी में स्थापित मां दुर्गा के प्रति असीम आस्था है । श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां जो भी मन्नत मां दुर्गा से हम मांगते हैं वह पूर्ण होती है ।

बाईट - मंजू सोरेन , भक्त
बाईंट - रमेश ,भक्त


Conclusion:फाइनल वीओ -
हम भी मां दुर्गा से यही प्रार्थना करते हैं कि सभी भक्तों की झोली खुशियों से भर दे और उन्हें सुख समृद्धि प्रदान करें हुए अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जीवन व्यतीत करें ।
मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका

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