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दुमका सांसद सुनील सोरेन ने सीएम को लिखा पत्र, कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक वापस लेने की मांग

हेमंत सरकार के झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 का पूरे राज्य में विरोध हो रहा है. दुमका सांसद सुनील सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर विधेयक वापस लेने की मांग की है.

Dumka MP
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Published : May 19, 2022, 2:20 PM IST

दुमका: झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 का पूरे राज्य के व्यापारी विरोध कर रहे हैं. कई व्यापारी संगठन ने इस विधेयक को वापस लेने के लिए सरकार को अल्टीमेटम तक दिया था लेकिन, सरकार अपना फैसला नहीं बदल रही है. अब दुमका लोकसभा के सांसद सुनील सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर यह विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया है.

इसे भी पढ़ें: सरकार को राजभवन का झटका, कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक लौटाया, हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण में थीं विसंगतियां


क्या लिखा है पत्र में: सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि अगर यह कानून लागू हो जाता है तो राज्य भर के व्यापारियों को काफी परेशानी होगी. इसका सीधा असर बाजार पर पड़ेगा और खाद्य पदार्थों के मूल्य में वृद्धि होगी, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना होगा. सांसद ने कहा है कि पूरे राज्य भर के व्यापारी इस विधेयक के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. व्यापारी आंदोलन करने के लिए इसलिये विवश हैं क्योंकि मौजूदा सरकार ने 2 फीसदी मंडी टैक्स लगाने का निर्णय लिया है, वह झारखंड जैसे खनिज प्रधान प्रदेश के लिए बिल्कुल अव्यावहारिक है. उन्होंने आगे लिखा कि रघुवर सरकार ने इस तरह के निर्णय से परहेज किया था और वर्तमान में भी बिहार, बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में भी कृषि टैक्स को सालों पहले हटा दिया गया है. इस टैक्स के लगने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, अफसरशाही बढ़ेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. ऐसे में जनहित को ध्यान में रखते हुए हेमंत सरकार इस पर ध्यान दें.

बाजार समिति के हाटों पर ध्यान दें सीएम: सांसद सुनील सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि सरकार भले ही इस तरह के विधेयक लाकर जनता को परेशान करना चाह रही है लेकिन, अगर सुविधा की बात करें तो हमारे लोकसभा क्षेत्र में बाजार समिति के जितने भी हाट हैं सभी बदहाल हैं, उपेक्षित हैं. सरकार का ध्यान उस पर नहीं है. लगभग सभी हाटों में जो सुविधा होनी चाहिए, वह पूरी तरह से नगण्य है. ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन को बाजार समिति के हाटों पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

दुमका: झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 का पूरे राज्य के व्यापारी विरोध कर रहे हैं. कई व्यापारी संगठन ने इस विधेयक को वापस लेने के लिए सरकार को अल्टीमेटम तक दिया था लेकिन, सरकार अपना फैसला नहीं बदल रही है. अब दुमका लोकसभा के सांसद सुनील सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर यह विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया है.

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क्या लिखा है पत्र में: सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि अगर यह कानून लागू हो जाता है तो राज्य भर के व्यापारियों को काफी परेशानी होगी. इसका सीधा असर बाजार पर पड़ेगा और खाद्य पदार्थों के मूल्य में वृद्धि होगी, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना होगा. सांसद ने कहा है कि पूरे राज्य भर के व्यापारी इस विधेयक के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. व्यापारी आंदोलन करने के लिए इसलिये विवश हैं क्योंकि मौजूदा सरकार ने 2 फीसदी मंडी टैक्स लगाने का निर्णय लिया है, वह झारखंड जैसे खनिज प्रधान प्रदेश के लिए बिल्कुल अव्यावहारिक है. उन्होंने आगे लिखा कि रघुवर सरकार ने इस तरह के निर्णय से परहेज किया था और वर्तमान में भी बिहार, बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में भी कृषि टैक्स को सालों पहले हटा दिया गया है. इस टैक्स के लगने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, अफसरशाही बढ़ेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. ऐसे में जनहित को ध्यान में रखते हुए हेमंत सरकार इस पर ध्यान दें.

बाजार समिति के हाटों पर ध्यान दें सीएम: सांसद सुनील सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि सरकार भले ही इस तरह के विधेयक लाकर जनता को परेशान करना चाह रही है लेकिन, अगर सुविधा की बात करें तो हमारे लोकसभा क्षेत्र में बाजार समिति के जितने भी हाट हैं सभी बदहाल हैं, उपेक्षित हैं. सरकार का ध्यान उस पर नहीं है. लगभग सभी हाटों में जो सुविधा होनी चाहिए, वह पूरी तरह से नगण्य है. ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन को बाजार समिति के हाटों पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

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