दुमका: गैस टैंकर विस्फोट कांड के इलाजरत मरीजों का जायजा लेने आज रांची से चिकित्सकों की एक टीम फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीजेएमसीएच) पहुंची (Dumka gas tanker blast patients treatment review by ranchi doctors). चेकअप के बाद चिकित्सकों ने कुछ आवश्यक दिशा- निर्देश दिए, साथ ही वह चल रहे इलाज से संतुष्ट दिखें और मरीजों को खतरे से बाहर बताया.
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क्या है पूरा मामला: दुमका जिले के हंसडीहा थाना क्षेत्र के बढ़ैत गांव में चार दिन पूर्व एक गैस टैंकर विस्फोट में आसपास के कई ग्रामीण घायल हुए थे. आग से झुलसे सभी लोगों को स्थानीय सरैयाहाट के सीएचसी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. वहां से तीन को दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया जहां अभी उनका इलाज चल रहा है, लेकिन अचानक शनिवार की रात इस अग्निकांड के 17 मरीज जो स्थानीय अस्पताल में इलाज करा कर अपने घर भी लौट गए थे वे यह कहते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लौट आए कि उनके शरीर में आग की वजह से जहां घाव हो गए थे उसमें काफी जलन हो रही है.
अचानक एक साथ इतने मरीज आने से अस्पताल प्रबंधन भी कुछ देर के लिए अस्त-व्यस्त हो गया था. इन बातों की जानकारी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हुई तो उन्होंने त्वरित संज्ञान लेते हुए यह ट्वीट किया कि कल रांची रिम्स से चिकित्सकों की टीम दुमका जाएगी और अग्निकांड के पीड़ित मरीजों के इलाज का जायजा लेगी.
रिम्स के चिकित्सकों ने सभी मरीजों की जांच की: आज रिम्स के तीन डॉक्टर हेलीकॉप्टर से दुमका पहुंचे और वहां से फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल आकर जले हुए मरीजों के चल रहे इलाज का जायजा लिया. उन्होंने अपने स्तर से बारी- बारी से मरीजों की जांच की. इस टीम में सर्जन डॉ गौरव, क्रिटिकल केयर के डॉ वरुण और प्लास्टिक सर्जन डॉ विक्रांत रंजन मौजूद थे.
क्या कहना है रिम्स चिकित्सकों का: मरीजों का निरीक्षण के बाद रिम्स के तीनों चिकित्सक डॉ कुमार गौरव, डॉ वरुण और डॉ विक्रांत रंजन ने अब तक चले इलाज को संतोषप्रद बताया. उन्होंने कहा कि इन्हें जो भी दवा दी गई या जिस तरह से यहां इलाज किया गया वह सटीक है, साथ ही उन्होंने बताया कि सभी मरीजों की स्थिति खतरे से बाहर है लेकिन इन 20 मरीजों में चार ऐसे मरीज हैं जिन्हें हम लोग रांची के लिए रेफर कर रहे हैं ताकि उन्हें और बेहतर इलाज मिल सके.