दुमका: अडाणी पावर प्लांट को जमीन देने वाले रैयत के साथ गाली गलौज और जान से मारने की नीयत से मारपीट कर घायल करने से संबंधित एक मामले में साक्ष्य के अभाव में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव समेत 11 आरोपियों को बरी कर दिया गया. शुक्रवार को दुमका के तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एमपी-एमएलए की विशेष न्यायालय के न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद की अदालत में सत्र वाद संख्या 124/2021 (गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट थाना कांड संख्या 57/2027) में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई.
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोमा गुप्ता और राजकुमार गुप्ता ने बहस में भाग लिया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने नामजद अभियुक्त पोड़ैयाहाट के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव समेत नागेश्वर मंडल, हीरा लाल मंडल, प्रीतम कुमार यादव, मुन्ना राउत, फुदन उर्फ विनय यादव, जयकांत यादव, बजन यादव उर्फ उमेश यादव, पप्पू राउत, गौतम यादव, सत्यम मंडल समेत 11 नामजद आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया.
प्रदीप यादव ने जताई प्रसन्नता: कोर्ट से रिहा होने के बाद विधायक प्रदीप यादव ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत बदले की भावना से उनके और निर्दोष ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया था. कोर्ट के फैसले से सत्य की जीत हुई है. बता दें कि इस मामले में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव को कुछ महीनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल जाना पड़ा था.
क्या है मामला: दरअसल, गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र के बसंतपुर गांव निवासी यमुनाधर मंडल के लिखित आवेदन पर कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव समेत 11 लोगों के खिलाफ पोड़ैयाहाट पुलिस में आईपीसी की धारा 307, 120 बी समेत विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सूचक यमुनाधर मंडल 20 अप्रैल 2017 की शाम 7.30 बजे अपनी दुकान पर बैठे थे, तभी देवबंधा और वसंतपुर गांव के 10-15 लोग उनकी दुकान पर आये और गाली-गलौज करते हुए उन पर पत्थरों से हमला करने लगे.
उन लोगों ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि तुम अडाणी को जमीन दे रहे हो और हमारे नेता प्रदीप यादव का आदेश नहीं मान रहे हो. इसी क्रम में उन्होंने धमकी दी कि तुम्हें और तुम्हारे भाई को जान से मार देंगे और घर जला देंगे. इतना कहने के बाद सभी लोग प्रदीप यादव के नेतृत्व में गायघाट में चल रहे धरना स्थल की ओर चल दिये.
रात को आने लगी ढक-ढक की आवाजें: इसके बाद रात करीब 12 बजे धरना से लौटने के दौरान सभी ने रॉड से पान दुकान और अनाज गोदाम का ताला तोड़ना शुरू कर दिया. ढक-ढक की आवाज सुनकर यमुनाधर ने घर का गेट खोला तो देखा कि 15-20 लोग जमा होकर अनाधिकृत रूप से मजमा बनाकर गाली-गलौज कर रहे थे. उन लोगों को देखकर जब उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए भागने की कोशिश की तो आरोपियों ने उन्हें पकड़ लिया और जान से मारने की नीयत से लाठी-डंडे और मुक्कों से मारना शुरू कर दिया. सिर पर हमला होने से वे घायल होकर गिर पड़े. उसके बाद उन आरोपियों ने उनके साथ लाठी-डंडों से मारपीट शुरू कर दी और उनकी जेब से पांच हजार रुपये नकद, तीन एटीएम और पैन कार्ड निकाल लिये. इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसका फैसला शुक्रवार को आया.