दुमकाः जिला में जरमुंडी प्रखंड के धोवरना गांव में पेयजल संकट गहरा गया है. ग्रामीण दूर-दराज के इलाके से पीने के लिए पानी लाते हैं. विगत दो वर्षों से गांव में पेयजल के लिए बना पानी टंकी का निर्माण कार्य आज तक अधूरा है. उसमें ना तो मोटर लगा है और ना ही सोलर प्लेट, सिर्फ टंकी लगाकर छोड़ दिया गया है. अधूरा पानी टंकी को लेकर ग्रामीणों में विभाग और संवेदक पर काफी रोष देखा जा रहा है.
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लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या गंभीर बनती जा रही है. वहीं सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लघु पेयजल योजना के तहत सोलर संचालित पानी टंकी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने के कारण पेयजल समस्या और विकराल हो गयी है. जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत भोड़ाबाद पंचायत के आदिवासी बहुल गांव धोबरना में पिछले 2 वर्षों से निर्माणाधीन पानी टंकी का कार्य अब तक अधूरा है. जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
क्या कहते हैं ग्रामीणः इसको लेकर लोग बताते हैं कि 2 वर्ष पूर्व इस योजना का निर्माण कार्य आरंभ किया गया था. लेकिन विभाग द्वारा अब तक सिर्फ वाटर टैंक लगाकर छोड़ दिया गया है. लेकिन अब तक ना उसमें सोलर पैनल लगा है और ना ही मोटर. सोलर पानी टंकी चालू करने के लिए ग्रामीणों ने पंचायत से लेकर प्रखंड कार्यालय तक गुहार लगाई बावजूद पानी टंकी चालू नहीं हुआ है. लोग सिर्फ वाटर टैंक देखकर ही अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं.
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग कई बार विभागीय पदाधिकारियों और संवेदक से गुहार लगाई कि हम लोगों को पेयजल के लिए बन रहे पानी टंकी को चालू कर दिया जाए. लेकिन ना तो विभाग और ना ही संवेदक की ओर से आज तक कोई पहल की गयी है. ग्रामीण कहते हैं कि उन लोगों के समक्ष पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है अब वो क्या करें, ग्रामीण महिलाओं को काफी दूर से पानी लाना पड़ता है. अगर संवेदक द्वारा पानी टंकी को नहीं चालू किया गया तो वो लोग सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे.