दुमकाः निर्मल ग्राम भवन, जो बिना इस्तेमाल के ही जर्जर हो गया. एक करोड़ की लागत से निर्मल ग्राम भवन आज किसी काम का नहीं. लेकिन इसी बदहाल भवन में 27 मई को वोटिंग की तैयारी की गयी है. जर्जर निर्मल ग्राम भवन को बूथ बनाया गया है, ऐसे में अगर भगवान ना करे कोई अनहोनी हो जाए तो इसके लिए जवाबदारी किसकी होगी.
सरकारी राशि का किस तरह से दुरुपयोग होता है इसका अंदाजा आप दुमका जिला के जामा प्रखंड के नावाडीह पंचायत के निर्मल ग्राम भवन को देखकर लगा सकते हैं. यह भवन लगभग 8 वर्ष पहले बनकर तैयार हुआ था लेकिन आज तक इसका किसी तरह का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ. लेकिन ऐसा नहीं है कि इस भवन की जानकारी सरकार को नहीं है, आगामी 27 मई को चौथे चरण का मतदान इसी भवन में धावाडीह गांव के लोग पंचायत चुनाव में वोटिंग करेंगे. जामा प्रखंड का बूथ संख्या 179 है. भले ही जिला प्रशासन द्वारा इस भवन के लिए किसी ने सुध नहीं ली गयी. जब चुनाव के लिए भवन याद है तो इसके इस्तेमाल के लिए अब तक कोई ठोस पहल क्यों नहीं की गयी.
लोगों को कौशल विकास का देना था प्रशिक्षणः इस भवन में ग्रामीणों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देना था ताकि वो भी स्वरोजगार से जुड़ सके. साथ ही इस भवन में प्रखंड और जिला के अधिकारी आकर ग्रामीणों के साथ बैठक करते उनकी समस्याएं सुनते और उसका समाधान निकालते. लेकिन सारी योजनाएं धरी की धरी रह गई और यह निर्मल ग्राम भवन का कोई इस्तेमाल ही नहीं हुआ. गरीबों के पैसों से कंक्रीट का भवन बना तो दिया लेकिन इसके इस्तेमाल की कोई पहल नहीं की.
दरवाजा-चौखट तक उखाड़ ले गए लोगः इतनी बड़ी राशि से बने इस नए भवन की बदहाली का अंदाजा आप इसी से लगाइए कि इसमें एक भी दरवाजा-चौखट नहीं है. असामाजिक तत्वों ने उसे उखाड़ लिया है. बिजली बोर्ड, टाईल्स सब कुछ बर्बाद हो चुका है. इसका इस्तेमाल अब असामाजिक तत्वों द्वारा हो रहा है और उन्होंने इसे अपना अड्डा बना लिया है जहां वो नशे का सेवन करते हैं. ऐसे में जरूरत है इस भवन को लोगों के इस्तेमाल के लिए जल्द से जल्द दे देना चाहिए. दुमका में पंचायत चुनाव के बाद क्या इसका क्या होगा देखना बाकी है.