दुमका: टोक्यो ओलंपिक 2020 बीते अभी चंद दिन हुए हैं. इस साल देश ने ओलंपिक इतिहास का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है और एक स्वर्ण समेत सात पदक जीते हैं. भारत की ओलंपिक्स टीम इस बार पदक तालिका में 205 देशों में 48 वें स्थान पर रही है. शानदार सफलता पर अब खिलाड़ियों का सम्मान और उत्साह वर्धन हो रहा है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के टॉप टेन में स्थान बनाने के लिए देश में खिलाड़ियों को तैयार की सुविधाओं पर अब भी सवाल है.
ये भी पढ़ें-IPL 2021 में विराट कोहली के साथ खेलेंगे रांची के सुशांत, अंडर-19 में बेहतरीन प्रदर्शन का मिला इनाम
यहां खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाएं ही नहीं मिल पा रहीं हैं, अभ्यास के लिए ठीक खेल मैदान तक मयस्सर नहीं हो रहे हैं. झारखंड की उपराजधानी दुमका को ही लें तो यहां खेल मैदानों का बुरा हाल है. खेल के प्रति हमारी सोच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले के प्रमुख गांधी मैदान को लॉकडाउन के वक्त सब्जी बाजार बना दिया गया. इससे यह मैदान खिलाड़ियों के अभ्यास लायक नहीं बचा. मैदान की स्थिति और खराब हो गई. अब तो यह पशुओं का चारागाह बन गया है. पिछले कुछ समय से अवैध देशी शराब बनाकर बेचने वाले वालों ने भी यहां अपना अड्डा बना लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि ओलंपिक जैसी स्पर्धाओं के लिए हम सितारे कैसे तैयार कर पाएंगे.
आउटडोर स्टेडियम की गैलरी से हादसे का खतरा
दुमका में आउटडोर स्टेडियम में जिलास्तर और राज्यस्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं का वर्षों से आयोजन होता रहा है. लेकिन रखरखाव के अभाव में प्ले ग्राउंड खराब हो चुका है. प्ले ग्राउंड के चारों तरफ बनी गैलरी की हालत खराब हो चुकी है. वह इतना जर्जर है कि कभी भी ढह सकती है, जिससे हादसे का भी खतरा मंडरा रहा है.
दुमका एटीएम ग्राउंड में बड़े-बड़े गड्ढे
इसके साथ ही दुमका का एटीएम ग्राउंड, जहां जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित होती हैं. 2019 में यहां फ्लड लाइट भी लगाई गई थी, लेकिन देखरेख नहीं होने की वजह से मैदान में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और बारिश होने से उसमें पानी भर जाता है. इसमें खेल तो दूर अब यह मैदान पैदल चलने लायक भी नहीं बचा है.
ये भी पढ़ें-किसानों के नाम पर सरकार ने बच्चों का किया खेल 'खत्म', मनोरंजन के लिए ढूंढ रहे खेल का मैदान
खिलाड़ी बोले- मैदानों की हालत दुरुस्त कराए सरकार
ईटीवी भारत की टीम को कुछ खिलाड़ियों ने बताया कि मैदान की स्थिति खराब रहने से खेलने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. उबड़-खाबड़ मैदान और इसके गड्ढे में अक्सर खिलाड़ी गिर जाते हैं. कई बार खिलाड़ी जख्मी तक हो जाते हैं. उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से जिले में मैदानों की हालत सुधरवाने की मांग की है.