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दुमका में धारा 144 में ढील, शहरी क्षेत्र और जरुआडीह मोहल्ले में निषेधाज्ञा रहेगा जारी - Child Welfare Committee issues advisory

दुमका में धारा 144 में ढील दी गयी है. लेकिन शहरी क्षेत्र और जरुआडीह मोहल्ले में निषेधाज्ञा प्रभावी रहेगा (Dumka Section 144 will be effective). इधर बाल कल्याण समिति ने एडवाइजरी जारी (Child Welfare Committee issues advisory) कर आम लोगों और मीडिया से अपील करते हुए कहा कि दुमका की पीड़िता का नाम, पहचान उजागर ना करें.

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Published : Sep 1, 2022, 2:30 PM IST

दुमकाः एक नाबालिग की सिरफिरे युवक द्वारा जलाकर हत्या के मामले में दुमका बाल कल्याण समिति की एडवाइजरी जारी (child welfare committee) हुई है. उन्होंने सभी से पीड़िता की पहचान उजागर ना करने की अपील की है. इस घटना के बाद शहर में लगी धारा 144 में छूट (Section 144 relaxed in Dumka) दी गयी है. लेकिन शहरी क्षेत्र और जरुआडीह मोहल्ले में निषेधाज्ञा (144 will be effective in urban areas) प्रभावी रहेगा.

इसे भी पढ़ें- नाबालिग अंकिता को एफआईआर में पुलिस ने बालिग क्यों लिखा, ANKITA MURDER CASE में उठे सवाल

बाल कल्याण समिति की एडवाइजरी (advisory on Dumka murder case) के अनुसार दिनांक 23/08/2022 को दुमका नगर थाना क्षेत्र में एक बालिका पर सोये अवस्था में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी. 27/08/2022 को इलाज के दौरान रांची के रिम्स में उसकी मौत हो गई. इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति, दुमका के बेंच आफ मजिस्ट्रेट ने जेजे एक्ट 2015 की धारा 30 (ii) के तहत इंक्वायरी दर्ज करते हुए मैट्रिक के अंक पत्र के आधार पर बालिका की उम्र घटना के दिन 15 वर्ष 09 माह पाया. बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम होने और जेजे एक्ट की धारा 2 (12) के तहत उसके चाइल्ड की श्रेणी में आने के आधार पर समिति ने उक्त मामले को लेकर दर्ज नगर थाना (city police station) कांड संख्या 200/22 में पोक्सो एक्ट 2012 की धारा जोड़ने की अनुशंसा की थी. जिसके आलोक में दिनांक 31/08/2022 की शाम इस केस में पोक्सो एक्ट की धारा 12 जोड़ दी गई है. पोक्सो एक्ट 2012 और जेजे एक्ट 2015 के तहत पोक्सो पीड़िता या चाइल्ड (सीएनसीपी/सीसीएल) का फोटो, नाम, पिता का नाम या किसी भी तरह से पहचान उजागर करना दंडनीय अपराध माना गया है. अतः बाल कल्याण समिति सभी प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक/न्यू मीडिया/सोसल मीडिया से जुड़े मीडियापर्सन से अपील करती है कि वह पीड़िता शब्द का इस्तेमाल करें और किसी भी रूप में उसके पहचान को उजागर नहीं करें.

विशेष अदालत में मामले की जांचः इस बहुचर्चित मामले की त्वरित सुनवाई दुमका के प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्रा की अदालत में की जाएगी. जिला प्रशासन के आग्रह पर त्वरित सुनवाई के लिए मामले को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है.

धारा 144 में ढीलः दुमका एसडीएम महेश्वर महतो (Dumka SDM Maheshwar Mahto) के निर्देशानुसार धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जो पूरे दुमका में लगाया गया था, उसमें ढील बरती गई है. अब दुमका शहरी क्षेत्र के अलावा जरुआडीह इलाके में धारा 144 प्रभावी रहेगा. इस इलाके में पांच या पांच से अधिक लोगों का जमावड़ा, रैली, जुलूस पर रोक लगाई गयी है.

दुमकाः एक नाबालिग की सिरफिरे युवक द्वारा जलाकर हत्या के मामले में दुमका बाल कल्याण समिति की एडवाइजरी जारी (child welfare committee) हुई है. उन्होंने सभी से पीड़िता की पहचान उजागर ना करने की अपील की है. इस घटना के बाद शहर में लगी धारा 144 में छूट (Section 144 relaxed in Dumka) दी गयी है. लेकिन शहरी क्षेत्र और जरुआडीह मोहल्ले में निषेधाज्ञा (144 will be effective in urban areas) प्रभावी रहेगा.

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बाल कल्याण समिति की एडवाइजरी (advisory on Dumka murder case) के अनुसार दिनांक 23/08/2022 को दुमका नगर थाना क्षेत्र में एक बालिका पर सोये अवस्था में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी. 27/08/2022 को इलाज के दौरान रांची के रिम्स में उसकी मौत हो गई. इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति, दुमका के बेंच आफ मजिस्ट्रेट ने जेजे एक्ट 2015 की धारा 30 (ii) के तहत इंक्वायरी दर्ज करते हुए मैट्रिक के अंक पत्र के आधार पर बालिका की उम्र घटना के दिन 15 वर्ष 09 माह पाया. बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम होने और जेजे एक्ट की धारा 2 (12) के तहत उसके चाइल्ड की श्रेणी में आने के आधार पर समिति ने उक्त मामले को लेकर दर्ज नगर थाना (city police station) कांड संख्या 200/22 में पोक्सो एक्ट 2012 की धारा जोड़ने की अनुशंसा की थी. जिसके आलोक में दिनांक 31/08/2022 की शाम इस केस में पोक्सो एक्ट की धारा 12 जोड़ दी गई है. पोक्सो एक्ट 2012 और जेजे एक्ट 2015 के तहत पोक्सो पीड़िता या चाइल्ड (सीएनसीपी/सीसीएल) का फोटो, नाम, पिता का नाम या किसी भी तरह से पहचान उजागर करना दंडनीय अपराध माना गया है. अतः बाल कल्याण समिति सभी प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक/न्यू मीडिया/सोसल मीडिया से जुड़े मीडियापर्सन से अपील करती है कि वह पीड़िता शब्द का इस्तेमाल करें और किसी भी रूप में उसके पहचान को उजागर नहीं करें.

विशेष अदालत में मामले की जांचः इस बहुचर्चित मामले की त्वरित सुनवाई दुमका के प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्रा की अदालत में की जाएगी. जिला प्रशासन के आग्रह पर त्वरित सुनवाई के लिए मामले को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है.

धारा 144 में ढीलः दुमका एसडीएम महेश्वर महतो (Dumka SDM Maheshwar Mahto) के निर्देशानुसार धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जो पूरे दुमका में लगाया गया था, उसमें ढील बरती गई है. अब दुमका शहरी क्षेत्र के अलावा जरुआडीह इलाके में धारा 144 प्रभावी रहेगा. इस इलाके में पांच या पांच से अधिक लोगों का जमावड़ा, रैली, जुलूस पर रोक लगाई गयी है.

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