दुमका: झारखंड सरकार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना चला रही है. इसके तहत लोगों को अपना रोजगार शुरू करने और उसे गति देने के लिए 50 हजार से लेकर 25 लाख तक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें 40% या अधिकतम पांच लाख की सब्सिडी है. ऐसे में बेरोजगारों के लिए यह योजना काफी अच्छी कही जा सकती है.
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सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से लोग योजना से जुड़े: वित्तीय वर्ष 2021-22 के शुरुआत में यह योजना लोगों तक नहीं पहुंच पा रही थी, लेकिन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम जो नवंबर-दिसंबर में आयोजित किया गया. उसमें इस योजना का जमकर प्रचार प्रसार हुआ और काफी लोग इसका लाभ लेने के लिए आए हैं. झारखंड कल्याण विभाग के राज्य आदिवासी सहकारी विकास निगम लिमिटेड कार्यालय से लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है. इसमें दुमका जिला का प्रदर्शन काफी अच्छा माना जा रहा है क्योंकि उन्हें जो लक्ष्य दिया गया था उसकी उपलब्धि लगभग तीन गुणा है.
योजना का लाभ प्राप्त करने की शर्तें: इस योजना का लाभ पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मिलता है. इसमें आवेदक की उम्र 18 से 45 वर्ष होनी चाहिए. 50 हजार रुपये तक ऋण लेने के लिए किसी तरह की कोई गारंटी नहीं चाहिए. सिर्फ आधार कार्ड, जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र के आधार पर यह ऋण उपलब्ध हो जाता है, लेकिन अगर 50 हजार से लेकर 25 लाख तक की लोन चाहिए तो एक ऐसा गारंटर चाहिए जो सरकारी नौकरी करता हो या फिर बड़ा आयकर दाता हो.
इन आंकड़ों पर डालते हैं नजर: मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में दुमका जिला का प्रदर्शन वित्तीय वर्ष 2021-22 में काफी बेहतर माना जा सकता है. इस बार अनुसूचित जनजाति के लिए 75 का लक्ष्य था, जिसमें 248 आवेदकों का चयन किया गया है. इसमें 147 लोगों की स्वीकृति मिल चुकी है और 61 लोगों के बीच ऋण वितरित भी हो गया है. वहीं पिछड़ी जाति में लक्ष्य 50 लोगों का था, इसमें 155 लोगों का चयन हुआ और अब तक 93 की स्वीकृति हो चुकी है, जबकि 33 लोगों को लोन दे दिया गया है. दिव्यांग में 10 लोगों का लक्ष्य दिया गया था इसमें 14 लोगों का चयन हुआ 7 लोगों की स्वीकृति हो चुकी है. वहीं, 3 लोगों को ऋण उपलब्ध करा दिया गया है. अल्पसंख्यक की बात करें तो इसमें लक्ष्य नहीं दिया गया था. फिर भी 16 लोगों का चयन किया गया जिसमें एक को लोन दे दिया गया है. वहीं अनुसूचित जाति में लक्ष्य सिर्फ 17 लोगों का था. इसमें 45 लोगों की स्वीकृति हुई है. हालांकि इस कैटेगरी में अभी तक विभाग को राशि नहीं मिली है. कल्याण पदाधिकारी का कहना है कि एससी की राशि जल्द प्राप्त होने वाली है. ऐसे में हम देख रहे हैं कि लोग स्वरोजगार से जुड़ना चाह रहे हैं और सरकार ने विभाग को जो लक्ष्य दिया था. उसमें किसी केटेगरी में तिगुना तो किसी में दोगुना ऋण की स्वीकृति हुई है.
गारंटर की वजह से बड़ी राशि नहीं ले पा रहे हैं लोग: चुंकि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 50 हजार से अधिक की राशि लेने के लिए गारंटी देनी है जो सरकारी नौकरी करते हैं या बड़े आयकर दाता हैं. ऐसे में लोग बड़ी राशि नहीं ले पा रहे हैं. अब तक अनुसूचित जनजाति में अब तक 61 लोगों को लोन मिला है. इसमें सिर्फ 11 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने 50 हजार से अधिक लोन लिया है. वहीं, पिछड़ी जाति में 33 में सिर्फ 6 ही ऐसे हैं जो 50 से अधिक ऋण प्राप्त कर सके. बाकी सभी लोग 50 हजार तक ही ऋण ले रहे हैं.
क्या कहते हैं जिला कल्याण पदाधिकारी: मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के संबंध में दुमका जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद का कहना है कि लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए यह काफी बेहतर योजना है. सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार की ओर से इस बात के लिए कोई दवाब नहीं है कि आप इस स्कीम से प्राप्त रुपए से कौन सा व्यवसाय करेंगे. लोग स्वतंत्र हैं और कोई भी व्यवसाय चुन सकते हैं. वे बताते हैं कि इस योजना के प्रति लोगों का काफी रुझान नजर आ रहा है.