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JMM Foundation Day: जेएमएम स्थापना दिवस समारोह में छाया 1932 का मुद्दा, कहा- अधिकार के लिए करते रहेंगे संघर्ष

दुमका में झामुमो का स्थापना दिवस समारोह में 1932 खतियान का मुद्दा छाया रहा. इस मुद्दे को लेकर जेएमएम नेताओं ने केद्र सरकार पर निशाना साथ. एक सुर पार्टी के तमाम नेताओं ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि 1932 की जो बात करेगा वही झारखंड पर राज करेगा और इसे पाने के लिए संघर्ष हम करते रहेंगे जरूरत पड़ी तो दिल्ली भी जाएंगे.

1932 Khatiyan issue discussed at JMM foundation day in Dumka
दुमका में जेएमएम का स्थापना दिवस
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Published : Feb 3, 2023, 10:28 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 11:54 AM IST

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दुमकाः जिला के गांधी मैदान में झारखंड मुक्ति मोर्चा का 44वां स्थापना दिवस समारोह गुरुवार देर रात धूमधाम से संपन्न हुआ. इस समारोह में 1932 की खतियान पर आधारित स्थानीयता विधेयक जिसे राज्यपाल रमेश बैस ने वापस लौटाया, उस पर नेताओं ने केंद्र पर जमकर बरसे. सभा को संबोधित करने वाले पार्टी के सभी नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी भड़ास निकाली. आइए जानते हैं क्या कहा मंत्री हफीजुल हसन, विधायक बसंत सोरेन, सीता सोरेन, नलिन सोरेन और राजमहल सांसद विजय हांसदा ने.

इसे भी पढ़ें- JMM Foundation Day: दुमका में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा- हमारा संकल्प अगले 10 सालों में राज्य को गुजरात जैसा विकसित बनायेंगे

'1932 को पाने के लिए लड़ाई के लिए तैयार रहें' झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने मंच से अपने संबोधन में यह नारा दिया कि जो 1932 की बात करेगा वही झारखंड पर राज करेगा और 1932 की जो बात करेगा उसे ही गांव में प्रवेश करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक लड़ाई शिबू सोरेन ने अलग राज्य के लिए लड़ी थी. अब दूसरी लड़ाई हेमंत सोरेन 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता के लिए लड़ रहे हैं. आप तैयार रहें और संकल्प लें कि इस लड़ाई में हेमंत सोरेन का साथ देना है.

'1932 को पाने के लिए जाएंगे दिल्ली' दुमका के विधायक और शिबू सोरेन के छोटे पुत्र बसंत सोरेन ने गांधी मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति काफी आवश्यक है. उन्होंने केंद्र सरकार और राज्यपाल से आग्रह किया कि आप इसे जल्द हरी झंडी दिखाएं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे लागू कराने के लिए दिल्ली जाएंगे.

'विधानसभा से दोबारा पारित करेंगे स्थानीय विधेयक' दुमका जिला के जामा विधानसभा की विधायक और शिबू सोरेन की पुत्रवधू सीता सोरेन ने भी 1932 का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. उन्होंने कहा कि आज हेमंत सोरेन जब अच्छा काम कर रहे हैं तो केंद्र सरकार को जलन हो रहा है. उन्होंने कहा कि 1932 वाला विधेयक को राज्यपाल ने वापस कर दिया है लेकिन हम लोग चुप नहीं बैठने वाले हम लोग फिर से विधानसभा में इसे पारित कराकर उसे राज्यपाल के पास भेजेंगे.

'1932 आधारित स्थानीय नीति जरूरी' दुमका के शिकारीपाड़ा विधानसभा से लगातार सात बार से विधायक झारखंड मुक्ति मोर्चा के नलिन सोरेन ने 1932 खतियान पर जोर दिया. उन्होंने 1932 खतियान पर आधारित स्थानीय नीति की वकालत करते हुए कहा कि यह झारखंडियों के हित में है और इसे हर हाल में लागू कराया जाएगा.

'हेमंत की लोकप्रियता से घबराई केंद्र सरकार' राजमहल लोकसभा के सांसद विजय हांसदा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता से केंद्र सरकार घबराई हुई है और इसके लिए इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई का सहारा लिया जा रहा है. यहां तक कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के दफ्तर में भी बुलाया गया.

उन्होंने कहा कि इस बार का जो केंद्रीय बजट आया है उसमें आम जनता के लिए कुछ नहीं है बल्कि व्यापारियों को लाभ देने की योजना है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपना काम नहीं कर रही है उसे अगर कोई एक काम बखूबी आता है तो वो विधायकों को खरीदने का काम है. जिस राज्य में उनकी सरकार नहीं रहती है वहां के विधायकों को करोड़ों रुपए में खरीदते हैं. झारखंड में भी उन्होंने ऐसा ही प्रयास किया था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.

1932 के लिए झामुमो लड़ेगा आर-पार की लड़ाईः दुमका के गांधी मैदान से झामुमो ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वो 1932 खतियान के लिए आर-पार की लड़ाई के लिए भी तैयार है. 1932 के आधार पर स्थानीयता नीति को लागू करने को लेकर झामुमो अड़ा हुआ है. उन्होंने अपनी मंशा साफ कर दी है कि इसे हर हाल में धरातल पर उतारा जाएगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि झामुमो के इस दृढ़ संकल्प से राज्य की राजनीति किस ओर जाती है.

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दुमकाः जिला के गांधी मैदान में झारखंड मुक्ति मोर्चा का 44वां स्थापना दिवस समारोह गुरुवार देर रात धूमधाम से संपन्न हुआ. इस समारोह में 1932 की खतियान पर आधारित स्थानीयता विधेयक जिसे राज्यपाल रमेश बैस ने वापस लौटाया, उस पर नेताओं ने केंद्र पर जमकर बरसे. सभा को संबोधित करने वाले पार्टी के सभी नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी भड़ास निकाली. आइए जानते हैं क्या कहा मंत्री हफीजुल हसन, विधायक बसंत सोरेन, सीता सोरेन, नलिन सोरेन और राजमहल सांसद विजय हांसदा ने.

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'1932 को पाने के लिए लड़ाई के लिए तैयार रहें' झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने मंच से अपने संबोधन में यह नारा दिया कि जो 1932 की बात करेगा वही झारखंड पर राज करेगा और 1932 की जो बात करेगा उसे ही गांव में प्रवेश करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक लड़ाई शिबू सोरेन ने अलग राज्य के लिए लड़ी थी. अब दूसरी लड़ाई हेमंत सोरेन 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता के लिए लड़ रहे हैं. आप तैयार रहें और संकल्प लें कि इस लड़ाई में हेमंत सोरेन का साथ देना है.

'1932 को पाने के लिए जाएंगे दिल्ली' दुमका के विधायक और शिबू सोरेन के छोटे पुत्र बसंत सोरेन ने गांधी मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति काफी आवश्यक है. उन्होंने केंद्र सरकार और राज्यपाल से आग्रह किया कि आप इसे जल्द हरी झंडी दिखाएं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे लागू कराने के लिए दिल्ली जाएंगे.

'विधानसभा से दोबारा पारित करेंगे स्थानीय विधेयक' दुमका जिला के जामा विधानसभा की विधायक और शिबू सोरेन की पुत्रवधू सीता सोरेन ने भी 1932 का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. उन्होंने कहा कि आज हेमंत सोरेन जब अच्छा काम कर रहे हैं तो केंद्र सरकार को जलन हो रहा है. उन्होंने कहा कि 1932 वाला विधेयक को राज्यपाल ने वापस कर दिया है लेकिन हम लोग चुप नहीं बैठने वाले हम लोग फिर से विधानसभा में इसे पारित कराकर उसे राज्यपाल के पास भेजेंगे.

'1932 आधारित स्थानीय नीति जरूरी' दुमका के शिकारीपाड़ा विधानसभा से लगातार सात बार से विधायक झारखंड मुक्ति मोर्चा के नलिन सोरेन ने 1932 खतियान पर जोर दिया. उन्होंने 1932 खतियान पर आधारित स्थानीय नीति की वकालत करते हुए कहा कि यह झारखंडियों के हित में है और इसे हर हाल में लागू कराया जाएगा.

'हेमंत की लोकप्रियता से घबराई केंद्र सरकार' राजमहल लोकसभा के सांसद विजय हांसदा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता से केंद्र सरकार घबराई हुई है और इसके लिए इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई का सहारा लिया जा रहा है. यहां तक कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के दफ्तर में भी बुलाया गया.

उन्होंने कहा कि इस बार का जो केंद्रीय बजट आया है उसमें आम जनता के लिए कुछ नहीं है बल्कि व्यापारियों को लाभ देने की योजना है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपना काम नहीं कर रही है उसे अगर कोई एक काम बखूबी आता है तो वो विधायकों को खरीदने का काम है. जिस राज्य में उनकी सरकार नहीं रहती है वहां के विधायकों को करोड़ों रुपए में खरीदते हैं. झारखंड में भी उन्होंने ऐसा ही प्रयास किया था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.

1932 के लिए झामुमो लड़ेगा आर-पार की लड़ाईः दुमका के गांधी मैदान से झामुमो ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वो 1932 खतियान के लिए आर-पार की लड़ाई के लिए भी तैयार है. 1932 के आधार पर स्थानीयता नीति को लागू करने को लेकर झामुमो अड़ा हुआ है. उन्होंने अपनी मंशा साफ कर दी है कि इसे हर हाल में धरातल पर उतारा जाएगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि झामुमो के इस दृढ़ संकल्प से राज्य की राजनीति किस ओर जाती है.

Last Updated : Feb 3, 2023, 11:54 AM IST
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