धनबाद: सड़क हादसे में घायल हुए एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने मौत का जिम्मेदार एक निजी अस्पताल को ठहराया है. दरअसल, जामताड़ा के रहने वाले अशोक किस्कू का पैर एक सड़क हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गया था.
जामताड़ा पुलिस ने पीड़ित को गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डॉक्टरों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया. जख्मी युवक के भाई सुमित किस्कू का कहना है कि हमने अपने स्तर से धनबाद में उसके इलाज के लिए एक अच्छे अस्पताल का पता लगाया. जिसके बाद अशोक को पीएमसीएच न ले जाकर धनबाद के जेपी हॉस्पिटल ले गए. यहां कहा गया कि इलाज के बाद अशोक ठीक हो जाएगा, लेकिन 15-20 दिनों के इलाज के बाद हॉस्पिटल संचालक प्रदीप मंडल ने कहा कि इसे अब रिम्स ले जाना पड़ेगा.
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अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए करीब 45 हजार रुपए लिए, इसके बाद जख्मी अशोक को जिले के दो अन्य डॉक्टरों के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया, तब जाकर उसे पीएमसीएच भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अशोक के पैर की हड्डी चूर हो चुकी थी.
सुमित ने आरोप लगाया है कि यदि जेपी हॉस्पिटल प्रबंधन इस बात की जानकारी पहले दिए रहते तो शायद अशोक की जान बच सकती थी. उन्होंने कहा कि सिर्फ पैसे ऐंठने के लिए जेपी हॉस्पिटल ने ऐसा किया है.
वहीं, जेपी अस्पताल के संचालक प्रदीप मंडल का कहना है कि जिस दिन मरीज को अस्पताल लाया गया था. उसी दिन मरीज को रांची ले जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन लोगों ने कहा कि जैसे भी हो जान बचाइए. अभी आर्थिक स्थिति ठीक नही है. यहां से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी का भाड़ा भी नहीं है. उसके बाद मरीज को भर्ती ले लिया गया.
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उन्होंने कहा कि मरीज के लिए 10-12 यूनिट ब्लड की जरूरत थी. जिसे हमने उन्हें बंदोबस्त करने को कहा, कई बार बोलने के बावजूद उन लोगों ने ब्लड की व्यवस्था नहीं की. जब वे लोग ब्लड की व्यवस्था नहीं कर सके तब हमने मरीज को ले जाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि मरीज के साथ जब अनहोनी होती है तो वह कुछ भी आरोप लगाते हैं. किसी तरह का बिल लेने से उन्होंने साफ इनकार किया है.