धनबादः बीते 17 सालों से बंद पड़े झरिया पाथरडीह रेल लाइन पर स्थित झरिया स्टेशन का स्थानीय लोगों ने शिलान्यास किया. इसके साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों, बीसीसीएल और रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनका उद्देश्य इन सभी को शर्मिंदा करना था और इनके कर्तव्यों को याद दिलाना था.
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पूर्व पार्षद अनूप साव का कहना है कि साल 2002 में धनबाद झरिया पाथरडीह रेल लाइन को आग का खतरा बताते हुए बंद कर दिया गया था. बीसीसीएल और रेलवे की बीच यह तय हुआ था कि भूमिगत आग बुझाकर कोयला निकालने के बाद रेलवे को यह जमीन वापस कर दी जाएगी, लेकिन 17 साल बीत जाने के बाद भी बीसीसीएल ने रेलवे को यह जमीन नहीं सौंपी. जिसके बाद न तो किसी जनप्रतिनिधियों ने, न ही बीसीसीएल और न ही रेलवे ने इस पर ध्यान दिया. जिससे यह रेल लाइन 17 सालों के बाद भी चालू नहीं हो सकी है. अनूप साव ने कहा कि इस शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बीसीसीएल अधिकारियों और रेल अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे.