धनबादः साल 1968 में हुए ऐतिहासिक रेल हड़ताल व आंदोलन में शहीद रेलकर्मियों को श्रद्धांजलि दी (Tribute to martyr railway workers) गई. इसीआरकेयू की शाखा दो धनबाद हिल कॉलोनी (Dhanbad Hill Colony) स्थित कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इसीआरकेयू के टीके साहू, एनके खवास, सोमेन दत्ता व परमेश्वर कुमार समेत गणमान्य लोगों ने आंदोलन में शहीद हुए रेलकर्मियों को श्रद्धांजलि दी.
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (All India Railway Mens Federation) के आह्वान पर और ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन (East Central Railway Employees Union) के केंद्रीय अध्यक्ष डीके पांडेय और महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव के आदेशानुसार मंगलवार को ईसीआरकेयू की शाखा 2 के धनबाद हिल कॉलोनी स्थित कार्यालय में शहीद दिवस पालन किया गया. जिसमें फेडरेशन द्वारा 1968 के ऐतिहासिक रेल हड़ताल में शहीद हुए रेलकर्मी साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर शहादत दिवस मनाया गया.
इसीआरकेयू के प्रतिनिधियों ने कहा कि हमें आज जो मंहगाई भत्ता और वेतन आयोग द्वारा वेतन निर्धारण की सुविधा मिल रही है. वह 1968 के ऐतिहासिक रेल हड़ताल का ही प्रतिफल है. इस श्रद्धांजलि सभा में एके दा, टीके साहू, एनके खवास, सोमेन दत्ता, परमेश्वर कुमार, एसके महतो, सुबोध कुमार, प्रदीत्तो सिन्हा, इस्लाम अंसारी, शंभूनाथ राम, प्रमोद कुमार और विश्वजीत मुखर्जी मुख्य रूप से उपस्थित हुए.
1968 रेलकर्मियों को आवश्यकता के अनुसार वेतन निर्धारण करने तथा मंहगाई आधारित भत्ते की मांग को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के नेतृत्व में हड़ताल की गई (1968 Rail Movement) थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने फेडरेशन की इन मांगों को मानने से इनकार कर दिया था. अपनी मांगों के प्रति अपने दृढ़ संकल्प के साथ फेडरेशन द्वारा आयोजित इस हड़ताल में कई रेलकर्मी सरकारी दमन के कारण शहीद हुए थे. लेकिन एआईआरएफ के नेतृत्व में रेलकर्मियों के जोरदार संघर्ष और शहादत भरे आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा. जिसके बाद वेतन निर्धारण के लिए तीसरे वेतन आयोग का गठन हुआ, जिसमें मंहगाई भत्ता के निर्धारण के फार्मूले को भी मंजूरी दी गई.