धनबाद: सरकार लाख दावे करे ले कि अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रहीं हैं, लेकिन सरकार के सभी दावे कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं. धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SNMMCH में संथाल के लोग इलाज कराने पहुंचते है, लेकिन इस अस्पताल में अगर किसी की पैरवी या जान-पहचान नहीं है तो मरीज महीनों क्यों न भर्ती रहे उसे उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाता है. जिस अस्पताल में मुफ्त इलाज और मुफ्त दवा उपलब्ध कराने की बात सरकार और स्वास्थ विभाग कहता है, उस अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला के टूटे पैर का प्लास्टर दो महीने तक भर्ती रहने के बावजूद नहीं हो सका.
ये भी पढ़ें: Dhanbad News: एसएनएमएमसीएच के छात्रों को मिली नई जिम्मेदारी, 100 छात्र 100 परिवार, जानिए इसके मायने
झरिया थाना क्षेत्र के भुइयां बस्ती खपड़ा धौड़ा की रहने वाली बुजुर्ग महिला अनरवा देवी भीख मांग कर अपना गुजरा कर रही हैं. वह पिछले दो महीने से SNMMCH में भर्ती हैं. गिर जाने के कारण अनरवा देवी का एक पैर टूट गया था, जिसके इलाज कराने वे यहां पहुंची थीं. अनरवा देवी ने बताया कि दो माह से परेशान हैं. टूटे पैर के सहारे खिसक खिसक कर चलती हैं. उन्होंने बताया कि धनबाद SNMMCH अस्पताल भी गई थी. करीब दो महीने अस्पताल में रही, लेकिन इलाज नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि अस्पताल में बोला गया कि खून चढ़ाना पड़ेगा इसके लिए करीब चार हजार रुपए चाहिए. अनरवा देवी ने बताया कि उनके पास ब्लड के लिए चार हजार रुपए नहीं थे. हालांकि इन दो महीनों के दौरान जो भी दवा लगी उन्होंने सब खरीद दिया. लेकिन पैसों के अभाव में पैर का प्लास्टर नहीं हो सका. इसलिए वापस टूटे पैर लेकर घर लौट आई.
समाजसेवी सौरभ शर्मा और राजेश राम ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि एक गरीब लाचार बुजुर्ग महिला जो अपना भरण पोषण भीख मांग कर रही है, उसका इलाज सरकारी अस्पताल में ठीक से नहीं किया गया. महिला सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित है. उनका पति भी लकवा से ग्रस्त है. उन्होंने सरकार से बुजुर्ग महिला का समुचित इलाज कराने की मांग की.