धनबाद: जिले में निरसा के चिरकुंडा ट्रैक्टर ऑनर एसोशिएशन के सदस्य चिरकुंडा नगर परिषद के सामने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. झारखंड में बालू उठाव को लेकर मनाही है, जिसके बाद से ही ट्रैक्टर चालक, मालिकों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. दूसरी ओर पुलिस किसी भी तरह के मिट्टी, पत्थर ढोने पर भी ट्रैक्टरों का चालान काट कर गाड़ी को थाने ले जा रही है. पुलिस भारी भरकम राशि लेने के बाद ही ट्रैकर को छोड़ती है. इस प्रक्रिया में ज्यादातर लोगों ने अपनी गाड़ी घर पर ही रखना ठीक समझा. अब इन ट्रैक्टर मालिकों के सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है.
इसे भी पढे़ं: धनबाद में चलाया गया छापेमारी अभियान, वसूला जुर्माना
ट्रैक्टर ऑनर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर अपनी व्यथा बताई थी, लेकिन सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण विवश होकर उन्होंने धरना शुरू कर दिया है. निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने भी धरनास्थल पर आकर ट्रैक्टर चालकों को अपना समर्थन दिया है. पूर्व विधायक ने कहा कि ट्रैक्टर से जुड़े सभी लोगों के सामने बेरोजगरी जैसी समस्या उत्पन्न होने के पीछे स्थानीय पुलिस प्रशासन की उदासीनता है. उन्होंने कहा कि बालू और अन्य खनिज पदार्थों की काला बाजारी खुलेआम हो रही है, जिसका सीधा असर क्षेत्र की जनता पर पड़ रहा है और ये हम कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि इस समस्या का निदान नहीं होता है, तो आंदोलन की गूंज सड़क से सदन तक सुनाई देगी.