धनबाद: जिले के जेसी मल्लिक रोड के पास रहने वाले तनमय गोन (Tanmay Gon of Dhanbad) ने अब तक देश-विदेश से भगवान गणेश की करीब 45 प्रतिमाएं इकट्ठा की है. भगवान गणेश के प्रति उनकी आस्था (Faith in Lord Ganesha) और प्रतिमाओं को इकट्ठा करने के पीछे एक रोचक कहानी है. तनमय गोन बताते हैं कि एक बार उनके सपने में भगवान गणेश आए, जो उनकी गोद में बैठे थे. उसी साल उनके बेटे का भी जन्म हुआ. तभी से तनमय गोन ने गणेश पूजा शुरू की.
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तनमय ने बताई पूरी कहानी: तनमय गोन बताते हैं कि 1997 में अचानक से एक सपना आया कि उनकी गोद में भगवान गणेश बैठे हुए हैं. 1997 में ही बेटे का जन्म भी हुआ. उसके बाद से वे हर साल अपने घर में धूमधाम से भगवान गणेश की पूजा आयोजित करते आ रहे हैं. 1997 में उनके पास भगवान गणेश की एक ही प्रतिमा थी, जिसे स्थापित करके उन्होंने पूजा की शुरुआत की थी. अब तक उन्होंने देश विदेश से भगवान गणेश की अलग अलग तरह की प्रतिमा इकट्ठी की है, जो कुल मिलाकर 45 हैं. इसके अलावा वे हर साल गणेश पूजा पर एक बड़ी प्रतिमा की स्थापना भी करते हैं.
सभी प्रतिमाओं में अलग-अलग खासियत: गोन के पास इकट्ठी की हुई गणेश भगवान की सभी प्रतिमाओं में अलग-अलग खासियत है. कुछ अजंता एलोरा की थीम पर है, तो कुछ मिट्टी से बनी. वहीं कुछ फोटो फ्रेम भी हैं. अभी तक की अंतिम प्रतिमा उन्होंने थाईलैंड से लाई है. हाल में ही वे बैंकॉक गए थे, वहां से एक मूर्ति और एक फोटो फ्रेम लेकर आए हैं. हर साल की तरह इस साल भी वह गणपति की पूजा बड़े ही धूमधाम से मना रहे हैं. उन्होंने बताया कि गणपति के उनके सपने में आने के बाद से उनकी आस्था गणपति में बढ़ गई, क्योंकि सपने में जिस गणपति को उसने अपनी गोद में देखा था, उसी साल उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी.