धनबाद: कोरोना काल में इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए बाजार में उपलब्ध केमिकल युक्त दवाओं का लोग विशेष रूप से उपयोग करते हैं, लेकिन एसएसएलएनटी के 12वीं कक्षा की दो छात्राओं ने इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए अलग प्रयास किया है, जिसमें केमिकल भी नहीं है और यह सेहत के लिए फायदेमंद भी है.
पांच फ्लेवर में उपलब्ध है चॉकलेट
दीक्षा और अदिति दोनों एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की 12वीं कक्षा की छात्रा हैं. दोनों ने मिलकर सहजन के पत्ते से चॉकलेट बनाने को स्टार्टअप का रूप दिया है. सहजन के पत्ते जो बड़ी आसानी से कहीं भी मिल जाते हैं. पत्ते को सुखाकर उसका पाउडर बनाने के बाद उसे चॉकलेट का रूप दिया जाता है. अदिति बताती हैं कि कोरोना काल के दौरान इम्युनिटी पावर बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया था, ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके. इसके बाद उन दोनों ने इसे बनाने का विचार किया. उसका कहना है कि केमिकल युक्त प्रोडक्ट उपयोग में लाने से अच्छा है कि हम नेचुरल प्रोडक्ट का उपयोग करें. यह चॉकलेट पूरी तरह से नेचुरल है और पांच फ्लेवर में उपलब्ध है. ऑर्डर पर अभी चॉकलेट बनाएं जा रहे हैं. पेटेंट और फूड लाइसेंस की प्रकिया जारी है.
चॉकलेट में 300 बीमारियों से लड़ने की है क्षमता
वहीं, दीक्षा ने बताया कि उनकी ओर से बनाई गई चॉकलेट का नाम कोको रिंगा है. इसमें 300 बीमारियों से लड़ने की क्षमता है. हालांकि, एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की प्रचार्या रानी ने बताया कि छात्राओं को विभिन्न तरह के आइडियाज के लिए प्रोत्साहित किया गया था, जिसके बाद ये दोनों छात्राओं ने अपने आइडियाज दिए, जो काफी पसंदीदा रहा. चॉकलेट की डिमांड भी ज्यादा है. अभी एक स्टेज पार हुआ है. इसे पेटेंट कराने की प्रकिया चल रही है. छात्राओं की इस सफलता पर प्रचार्या काफी गौरवान्वित महसूस कर रही है.
सुविधा का है अभाव
छात्राओं के ट्रेनर शांतनु बनर्जी का कहना है कि सरकार आत्मनिर्भर बनने की बात कहती है, लेकिन जिस तरह से मेट्रो सिटी में या इंजीनियरिंग कॉलेजों में इनोवेशन सेंटर है. ठीक उसी तरह के सेंटर साधारण कॉलेज में भी होना चाहिए, लेकिन यहां इस तरह की सुविधा नहीं है. इसके बावजूद कोशिश रहती है कि यहां की छात्राएं किसी से पीछे ना रहे. भले ही मेट्रो सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे इनोवेशन सेंटर साधारण कॉलेज ने नहीं है, लेकिन छात्राओं की यह सोंच और जज्बा प्रेरणादायक है.