धनबादः झारखंड में शिक्षा की बदहाली आलम इस कदर है कि उसे बयां करना भी मुश्किल है. कहीं स्कूल नहीं है तो कहीं स्कूल में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. अगर ये दोनों चीजें कहीं हैं तो वहां क्वालिफाईड शिक्षक नहीं हैं. ऐसा ही कुछ हाल है धनबाद के तोपचांची उत्क्रमित बालिका मध्य विद्यालय का. इस स्कूल के शिक्षक इतने ज्ञानी हैं कि ये राष्ट्रपति का नाम तक नहीं लिख पा रहे हैं (teacher do not know how to write name of President). इतना ही नहीं अटेंडेंस में भी काफी गोलमाल स्कूल में होता है.
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झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो सरकारी स्कूल की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण व बेहतर बनाने के दावे कर रहे हैं. स्कूलों के भवनों को नए रंग से रंगरोगन कर आर्कषक बनाने के निर्देश भी दिए हैं. लेकिन शिक्षा के लिये शिक्षक को सही जानकारी होना और सही जानकारी पढ़ने वाले बच्चों को मिलना भी महत्वपूर्ण है. जिसकी कमी धनबाद जिले में दिखती है. तोपचांची प्रखंड के उत्क्रमित बालिका मध्य विद्यालय में पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है. विद्यालय तो बहुत ही सुंदर और स्वस्छ रखा गया है. लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता सही नहीं है. यहां देश के राष्ट्रपति का नाम को सही से शिक्षक नहीं लिख पा रहे हैं. ब्लैक बोर्ड पर लिखा राष्ट्रपति का नाम आप भी अगर इसे देखेंगे तो चौक जाएंगे. पढ़ने वाली छात्राएं उस गलत लिखे शब्द को ही सही कह रही हैं.
वहीं शिक्षक पढ़ाने से अधिक अपना ध्यान गड़बड़ी करने में लगा रहे हैं. स्कूल में छात्राओं की जो उपस्थिति क्लास में है वह रजिस्टर में नहीं दर्शाया जा रहा. यहां क्लास रूम की उपस्थिति से रजिस्टर में अटेंडेंस अधिक लिखा जा रहा. अब ऐसे में सरकारी स्कूल की शिक्षा में सुधार करने की जरूरत है या नहीं यह सरकार ही बताए. जो तस्वीर है उसे देख सरकार को सोचना है कि बच्चों का टेस्ट ले या शिक्षक का. इसके साथ गड़बड़ी पर क्या कार्रवाई की जाती है वह भी देखना होगा.